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अब से जब भी अपनी हेल्थ का ख्याल रखने की बारी आए तो मोटिवेशन का इंतजार करने से अच्छा होगा कि आप अनुशासन का ध्यान रखें। कैसे करेंगे ये जान लीजिए-
1.कोई इंतजार नहीं
मोटिवेशन में जहां आप अक्सर इस बात का इंतजार करते हैं कि कोई शख्स या परिस्थितयां आपको प्रेरित करें तो वहीं अनुशासन के मामले में ये इंतजार नहीं होता है। अनुशासन आपके अंदर होता है और आप जब टाक इसके साथ रहते हैं, तब तकआगे बढ़ते रहते हैं।
2.कमियां और खूबियां
अनुशासन में रहने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कमियों और खूबियों को पहचान लें जो आपकी खूबियां हैं, वहां पर नियम-कायदे लगाने लगाने की कोशिश करनी ही नहीं होगी। जबकि कमियों को सुधारने के लिए अनुशासन की जरूरत होगी। जब कमियां पता होंगी तो अनुशासन के नियम भी उसी हिसाब से बनकर तैयार होंगे।
3.प्लानिंग करेगी मदद
जब भी आप अनुशासन की बात करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि आपको चाहिए क्या। आपको जो भी चाहिए, उसके लिए प्लानिंग की जरूरत होती है। इस प्लानिंग के साथ आपका लक्ष्य आपको साफ़-साफ़ दिख रहा होता है। इसलिए जरूरी है कि हेल्थी बनने के लिए अनुशासन में रहने की बारी आए तो सबसे पहले प्लानिंग करें। फिर इसी प्लानिंग के हिसाब से आगे बढ़ते जाएं।
4.शुरुआत धीरे-धीरे
जब भी अनुशासन में काम करने की बारी आती है तो ध्यान दीजिए कि आप अपने लक्ष्य को अचानक से नहीं पा सकते हैं। बल्कि आपको इसके लिए छोटे-छोटे और लक्ष्य भी बनाने होंगे। जैसे आपको रोज 1 घंटे एक्सरसाइज करने की जरूरत है तो जब लगे कि आज नियम टूट जाएगा, तब आप 15 मिनट ही एक्सरसाइज करें। या फिर आप शुरुआत ही 15 मिनट से करें। इन 15 मिनट की मेहनत का जब असर दिखने लगेगा तो आप खुद ही इस समय को बढ़ा सकेंगे।
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