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फ़िटनेस योजना
एक्सरसाइज़ का समय: 1 घंटा प्रतिदिन
सही समय: जल्दी सुबह
वर्कआउट का प्रकार: मिलाजुला/ रोटेशनल
बड़े शारीरिक गठनवाली महिलाओं को सख़्त फ़िटनेस और डायट दिनचर्या का पालन करना चाहिए. इन्हें अपनी चयापचय प्रक्रिया को फ़ैट इकट्ठा करने की बजाय फ़ैट नष्ट करने की दिशा में मोड़ने के लिए काफ़ी मेहनत करने की ज़रूरत होती है. इस वर्ग के लिए मिलाजुला वर्कआउट सबसे ज़्यादा कारगर होता है.
योग/पावर योग: धनुरासन, नौकासन, भुजंगासन, पवन मुक्तासन काफ़ी प्रभावकारी हो सकते हैं. सेशन को शवासन और कुछ मिनटों के प्रणायाम से ख़त्म करें. बड़े शारीरिक गठनवाली महिलाओं को चोट लगने का ख़तरा ज़्यादा रहता है इसलिए ये एक्सरसाइज़ विशेषज्ञों की निगरानी में करना बेहद ज़रूरी है. ख़ासतौर पर सही मुद्राओं के लिए मार्गदर्शन आवश्यक है.
कार्डियो: बाक़ी शारीरिक गठनवालों की तुलना में आपको वज़न घटाने और उसे बनाए रखने के लिए कार्डियो की ज़्यादा ज़रूरत होती है. एक अच्छे कार्डियो में तेज़ वॉक और कुछ मिनटों की स्ट्रेचिंग और कंधों, बाहों, गले, पेट, कूल्हों और पीठ को मज़बूती देनेवाली एक्सरसाइज़ शामिल होने चाहिए. स्पॉट जॉगिंग, गले को घुमाना, शोल्डर श्रग्स (कंधों को गोल-गोल घुमाना और उचकाना), पैर के अंगूठे को छूना और बगल में झुकना, चोट व मोच से बचने और जोड़ों और मांसपेशियों को गतिशील और लचीला बनाने का सबसे बेहतर तरीक़ा है. सप्ताह में 5 से 6 बार 45 मिनट तक उच्च तीव्रतावाले ऐरोबिक वर्कआउट करें. इस प्रकार की एक्सरसाइज़ चुनें, जिसे करने में आपको मज़ा आए और जो आपके गठन को मज़बूती, स्टैमिना, लचीलापन और इम्यूनिटी प्रदान कर सकें. हमारा शरीर ऐक्सरसाइज़ के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देता है और इसके प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने पर यह शरीर के गठन और कार्यप्रणाली में सहायक बन सकता है. नियमित ऐक्सरसाइज़ और सही आहार योजना इस बॉडी टाइप से जुड़ी हाइपरटेंशन, डायबिटीज़, हृदय विकार और ऑस्टिओपोरोसिस जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने में मददगार साबित हो सकती है.
मेन्यू योजना
यह खाएं: एक अच्छे भोजन में 30 प्रतिशत कॉम्पलेक्स कार्ब्स, 45 प्रतिशत प्रोटीन और तक़रीबन 25 प्रतिशत तक अच्छे गुणोंवाला फ़ैट्स शामिल होने चाहिए. भोजन को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लें. भूखे मत रहें, हर दो से तीन घंटों के भीतर खाने के लिए अपने पास कुछ न कुछ हमेशा रखें.
यह न खाएं: इस प्रकार के गठनवाले लोगों में मोटापा आने की ज़्यादा संभावनाएं रहती हैं, इसलिए प्रत्येक भोजन में ज़्यादा से ज़्यादा पौष्टिकता और कम से कम फ़ैट्स होने चाहिए. ख़ासकर यह ध्यान रखते हुए कि इस प्रकार के शारीरिक गठनवालों को वज़न घटाने में मुश्क़िल होती है, फ़ैट्स बढ़ानेवाले हाई कैलोरी फ़ूड और शक्कर की अधिक मात्रावाले फ़ूड प्रॉडक्ट्स से बचना चाहिए. सभी प्रकार के शक्कर (केला, आम, अंगूर जैसे फलों में पाए जानेवाले भी) और सरल कार्ब्स जैसे सफ़ेद आटे से बने प्रॉडक्ट्स और पास्ता, सफ़ेद चावल और आलू से बचें. ये सभी ब्लड शुगर के स्तर को तेज़ी से बढ़ाते हैं, जिससे फ़ैट को संचयित करनेवाला हार्मोन इन्सुलिन सक्रिय हो जाता है. साथ ही अपने चयापचय की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए अपने प्रतिदिन के
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