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अगर आप भी खाते हैं मछली, तो हो जाएं सावधान, नहीं तो हो सकता हैं ये नुकसान

Triveni
23 Jan 2021 4:29 AM GMT
अगर आप भी खाते हैं मछली, तो हो जाएं सावधान, नहीं तो हो सकता हैं ये नुकसान
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इन दिनों देश में बर्ड फ्लू को लेकर चिकन पर पाबंदियां हैं. लोगों को चिकन न खाने की सलाह दी जा रही है. हालांकि, काफी लोग अब भी ऐसे हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| इन दिनों देश में बर्ड फ्लू को लेकर चिकन पर पाबंदियां हैं. लोगों को चिकन न खाने की सलाह दी जा रही है. हालांकि, काफी लोग अब भी ऐसे हैं जो चिकन खाने को लेकर खुद पर अंकुश नहीं लगा पा रहे. इस समय में भी उनके पसंदीदा भोजन में चिकन शामिल है. कई राज्यों में अंडों और चिकन की बिक्री नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से दुकानदार भी बेहद परेशान हैं.

काफी लोग चिकन की जगह अब मछली खाने को ज्यादा प्रायोरिटी दे रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी थाली में जो मछली परोसी जा रही है, वो भी सुरक्षित नहीं है. मछली को लेकर 241 फिश फार्म पर की गई स्टडीज में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. इस स्टडी में ये पता चला है कि इन फार्मों में खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया गया है. इसके साथ ही इन फार्मों में शीशा और केडियम की मात्रा अधिक पाई गई है.
ये स्टडीज 10 राज्यों के फार्म कंपनीज पर किया गया था. स्टडी में तमिलनाडू के कई शहरों में मछली फार्म में पानी काफी गंदा पाया गया. वहीं, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के फार्म में काफी उच्च स्तर का शीशा मिला. जबकि बिहार, ओडिशा और तमिलनाडू के फार्म पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक पाए गए.
दक्षिण भारत के राज्यों के मछली फार्म में शीशा और केडियम की सबसे ज्यादा मात्रा पाई गई है. दरअसल, ये दोनों चीजें जब आपके शरीर के भीतर जाती हैं तो अंदर की कोशिकाओं को ये डैमेज कर देती हैं. जांच के दौरान ये भी पता चला है कि 40 फीसदी फार्म बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. इससे इंसानों को तो नुकसान होता ही है बल्कि मछलियों के लिए भी ये खतरनाक है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, साल 2020 में केरल में 2, 000 किलो से ज्यादा मछलियों को नष्ट कर दिया गया था क्योंकि उन्हें औपचारिक तौर पर काफी दूषित पाया गया था.


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