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बॉडी का ये हिस्से अगर दर्द से हो जाएं चूर, तो समझ जाएं बढ़ चुका है कोलेस्ट्रॉल
हाई कोलेस्ट्रॉल को हमेशा हमारी सेहत का दुश्मन माना जाता है क्योंकि ये कई बीमारियों की जड़ है, इससे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट अटैक, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और ट्रिपल वेसल डिजीज का खतरा पैदा हो जाता है, काफी बुरे कंडीशन में इंसान की मौत तक हो जाती है. ऐसा नहीं कि कि हर कोलेस्ट्रॉल बुरा होता है, गुड कोलेस्ट्रॉल की मदद से आपके बॉडी में हेल्दी सेल्स का निर्माण होता है, वहीं बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाए तो अलर्ट होना जरूरी है. इस कंडीशन के लक्षण आमतौपर पर नजर नहीं आते, इसका पता लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के जरिए लगता है. हालांकि शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द होने लगे तो खून की जांच जरूर कराएं
बैड कोलेस्ट्रॉल कैसे पहुंचाता है नुकसान
जब खून में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है तो धमनियों में ब्लॉकेज होने लगती है, जिससे खून को दिल तक पहुंचने में काफी जोर लगाना पड़ता है, ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए इस बढ़ने से पहले ही रोक देना चाहिए.
इन 3 अंगो में दर्द है बैड कोलेस्ट्रॉल की निशानी
जब खून में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है तो आपके जांघ, कूल्हों और काफ मसल्स में तेज दर्द होने लगता है, जिससे ऐंठन पैदा होने लगती है. धमनियों में ब्लॉकेज की वजह से खून को हार्ट ही नहीं शरीर के बाकी हिस्सों में भी ट्रैवल करने भी परेशानी आती है. खासकर पैरों में रक्त का प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता जिससे इन अंगों में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिससे दर्द होना लाजमी है. इस परेशानी को पेरीफेरल आर्टरी डिजीज (Peripheral Artery Disease) कहा जाता है
तुरंत कराएं खून की जांच
जांघ, कूल्हों और काफ मसल्स में तेज दर्द होने के कारण आपको चलने फिरने, नॉर्मल फिजिकल एक्टिविटीज और सीढ़ियां चने में दिक्कते आ सकती है, इसलिए इस स्थिति में आपको कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol Level) की जांच करने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipd Profile Test) करना होगा.
पैरों में भी दिख सकते ऐसे लक्षण
पैरों और तलवों में तेज दर्द
पैरौं का सुन्न होना
पैरौं का ठंडा पड़ जाता
पैरौं के नाखूनों का रंग पीला पड़ना
पैरों की उंगलियों में सूजन आना
पैरों में कमजोरी आना
पैरों की त्वचा का रंग बदलना