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लाइफ स्टाइल
शरीर में अगर है खून की कमी ,तो हो सकती है मां बनने की चाहत अधूरी जाने
Tara Tandi
24 Aug 2023 11:26 AM GMT
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बच्चे की चाहत हर दंपत्ति के मन में होती है। शादी के कुछ समय बाद हर जोड़े का सबसे बड़ा सपना घर में नन्हें मेहमान का स्वागत करना होता है। लेकिन कभी-कभी अज्ञात कारणों से इस सपने को पूरा करने में दिक्कत आती है। इनमें कई ऐसे मेडिकल कारण हैं, जो महिलाओं या पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याएं पैदा करते हैं। इन्हीं कारणों में से एक है महिलाओं के शरीर में खून की कमी होना। हमारे देश में महिलाओं में खून की कमी एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण महिलाओं का जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। कमजोरी, आंखों के नीचे काले घेरे, चक्कर आना, पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं, बार-बार बीमार पड़ना... आदि ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जो एनीमिया से पीड़ित महिलाओं में लगातार बनी रहती हैं। लेकिन शादी के बाद भी अगर किसी महिला के शरीर में खून की कमी हो तो उसे गर्भधारण करने में भी दिक्कत हो सकती है। क्योंकि खून की कमी के कारण अंडों के निर्माण में दिक्कत आती है।
एनीमिया और गर्भधारण नहीं?
क्या एनीमिया का गर्भावस्था से कोई संबंध है... यह सवाल अक्सर वे महिलाएं पूछती हैं जिन्हें गर्भधारण में दिक्कत आ रही है। तो यहां जानिए कैसे हीमोग्लोबिन, आयरन और खून की कमी आपको मां बनने के सपने को पूरा करने से रोकती है...
शरीर को पोषण देने वाला रक्त कई अलग-अलग चीजों से बना होता है। जैसे लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं, प्लाज्मा, आयरन, ऑक्सीजन आदि।
रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर लाखों हीमोग्लोबिन अणु होते हैं और इन्हीं अणुओं की मदद से रक्त शरीर के अंदर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में सक्षम होता है। किसी भी कारण से जब रक्त में लाल कोशिकाओं की कमी हो जाती है तो शरीर में कमजोरी आने लगती है और स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
जब रक्त के अंदर लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है तो इस स्थिति को एनीमिया कहा जाता है। एनीमिया और खासकर लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण शरीर के अंदर कई तरह के विकार विकसित हो जाते हैं। इन्हीं विकारों में से एक है मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम। जो प्रजनन समस्याओं से संबंधित है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ करंट रिसर्च एंड एकेडमिक रिव्यूज में प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि जो महिलाएं पर्याप्त मात्रा में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करती हैं, उनके शरीर में गर्भधारण के लिए जरूरी अंडे बनाने में समस्या हो सकती है।
अगर किसी महिला का शरीर एनीमिया के बाद भी सही मात्रा में अंडे बनाने में सक्षम है, तो इन अंडों की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है और अंडे की गुणवत्ता खराब होने की समस्या के कारण गर्भवती होने की संभावना 60 प्रतिशत तक कम हो जाती है। क्योंकि ओव्यूलेशन के दौरान बनने वाले ये अंडे गर्भधारण की प्रक्रिया को ठीक से पूरा नहीं कर पाते हैं।
एनीमिया के कारण गर्भधारण क्यों नहीं होता है?
शरीर में आयरन की कमी के कारण लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बन पाती हैं।
लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है
हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर की आंतरिक कोशिकाओं और ऊतकों को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।
सही मात्रा में ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में अंडाशय और गर्भाशय की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में दिक्कत आती है।
स्वस्थ ओव्यूलेशन की कमी के कारण अंडे की गुणवत्ता कम हो जाती है।
स्वस्थ अंडा न बन पाने के कारण गर्भधारण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है और ऐसे में किसी भी महिला का मां बनने का सपना अधूरा रह जाता है।
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