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लाइफ स्टाइल
अगर दो महीने का शिशु ये सब हरकतें नहीं कर रहा, तो तुंरत डॉक्टर को दिखाए
Deepa Sahu
26 July 2021 3:35 PM GMT
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जन्म के बाद हर महीने शिशु कुछ नया सीखता है
जन्म के बाद हर महीने शिशु कुछ नया सीखता है और उसके विकास में नई-नई चीजें जुड़ती रहती हैं। इसलिए पेरेंट्स को अपने बढ़ते हुए शिशु के विकास पर ध्यान देना चाहिए कि अपनी उम्र के हिसाब से उसका विकास हो पा रहा है या नहीं।
आपको लगता होगा कि डेवलपमेंट देखने के हिसाब से दो महीने का शिशु बहुत छोटा होता है लेकिन ऐसा नहीं है। जन्म के बाद से लेकर अब तक दो महीने के शिशु में भी काफी बदलाव आ जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि दो महीने का शिशु क्या-क्या करना सीख लेता है।
मोटर स्किल्स
दो महीने का शिशु निम्न मोटर स्किल्स सीख लेता है :
अब बच्चा अपनी गर्दन को बिना किसी सहारे के सीधा टिका सकता है।
शिशु की को-ऑर्डिनेटिड मूवमेंट अब पहले से बेहतर हो चुकी हैं।
बच्चे की सलाइवा ग्लैंड अब काम करना शुरू कर रही हैं और इस उम्र के शिशु की लार टपक सकती है।
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सेंसरी डेवलपमेंट
शिशु अब पहले से ज्यादा साफ सुन सकता है और वो अपने मम्मी-पापा की आवाज को भी पहचान सकता है। शिशु आपकी आवाज सुनकर उस पर रिएक्ट कर सकता है और जहां से आवाज आ रही है, उसे ओर गर्दन घुमाकर देख भी सकता है।
दो महीने के शिशु की देखने की क्षमता भी बेहतर हो जाती है। अब शिशु 60 से.मी दूर तक का देख सकता है। आपके नजदीक आने पर शिशु आपको पहचान लेगा। उसे रंगों और शेप की पहचान होने लगी है।
आपके छूने पर बच्चा रिएक्ट करना शुरू कर देगा और उसे आपके गले लगाने पर खुशी महसूस हो सकती है।
कॉग्नीटिव डेवलपमेंट
दो महीने का शिशु मुस्कुराना शुरू कर देता है। आप देखेंगे कि आपके बात करने या फनी चेहरे बनाने पर बच्चा भी हंस रहा है।
अब बच्चा चेहरों को पहचानने लगा है। बोर होने पर वो रोकर आपको अपने पास बुला सकता है।
दो महीने के शिशु के नई-नई चीजों में दिलचस्पी आने लगती है।
स्पीच डेवलेपमेंट
दो महीने का होने पर शिशु कुछ आवाजें निकालने लगता है। बच्चा बा-बा, दा-दा या पा-पा आदि बोल सकता है।
शिशु के सामने बोलें और उसे ये दिखाएं कि आप उसकी बात को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
बच्चे के चेहरे के भावों को कॉपी करने की कोशिश करें।
कब करें चिंता
हर बच्चे का विकास अलग-अलग होता है लेकिन कुछ पेरेंट्स ऊपर बताए गए डेवलपमेंट माइलस्टोंस् को काफी गंभीरता से लेते हैं। इस चक्कर में वो शिशु को कई बार डॉक्टर के पास भी ले जाते हैं। अगर आपको शिशु में यहां बताए गए लक्षण दिख रहे हैं, तो आप उसे चेकअप के लिए डॉक्टर के पास लेकर जा सकते हैं।
अगर शिशु अपने हाथों को मुंह तक नहीं ले जा पा रहा है।
शिशु तेज आवाज पर कोई रिएक्शन नहीं दे रहा है।
शिशु अपनी आंखों से चीजों पर फोकस नहीं कर पा रहा है।
जान-पहचान वाले चेहरों को भी बच्चा पहचान नहीं पा रहा है।
पेट के बल लेटने पर शिशु अपने सिर को पकड़ नहीं पा रहा है।
Deepa Sahu
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