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शिशु पेट में गैस के दर्द से रो रहा, तो इन हिस्‍सों की करें मालिश

Kunti Dhruw
24 April 2021 9:30 AM GMT
शिशु पेट में गैस के दर्द से रो रहा, तो इन हिस्‍सों की करें मालिश
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शिशु के जन्‍म के बाद माता-पिता के जीवन में जैसे खुशियों की बहार आ जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: शिशु के जन्‍म के बाद माता-पिता के जीवन में जैसे खुशियों की बहार आ जाती है। दोनों बस सब काम छोड़कर उसके लालन-पोषण में लग जाते हैं। नन्‍हा-सा शिशु बोलकर तो अपनी तकलीफ या जरूरत बता नहीं सकता, वो बस रोकर अपनी बात समझाने की कोशिश करता है लेकिन अक्सर पहली बार पेरेंट्स बनने पर शिशु के रोने की वजह समझ नहीं आ पाती है।

शिशु को होने वाली समस्याओं में गैस बनना सबसे आम है और एक्सपर्ट्स अक्सर इसके लिए शिशु की मालिश करने की सलाह देते हैं। गैस के कारण शिशु रात भर दर्द से जाग सकता है। अगर आप अपने शिशु को इस तकलीफ से बचाना चाहती हैं, तो जान लें कि गैस का दर्द भगाने के लिए शिशु की किस तरह से मालिश करनी चाहिए।
​कैसे करें शिशु की मालिश
मालिश से न सिर्फ पेट में फंसी गैस निकलती है बल्कि इससे बच्‍चे के विकास में भी मदद मिलती है। इसमें आपको मालिश करते समय इस तरह के स्‍ट्रोर लगाने के हैं पेट में फंसी गैस निकल जाए। अधिकतर पेट की मालिश में शिशु के पेट के दाईं ओर के निचले हिस्‍से से स्‍ट्रोक शुरू कर के बाएं हिस्‍से तक लाना होता है। शिशु की मालिश का तरीका है :
अपनी तर्जनी अंगुली से बच्‍चे के घुटनों को सहारा दें और दोनों घुटनों को मोड़कर पेट पर लगाएं। गैस निकालने का यह असरदार तरीका है।
शिशु के पेट को घड़ी की तरह समझें। 7 बजे की सुईं की जगह पर हल्‍के से प्रेस करें और बाईं तरफ से दाईं ओर हाथ को घुमाएं। दूसरे हाथ से भी यही मोशन रिपीट करें।
इसके अलावा आप शिशु को गैस से राहत दिलाने के लिए हल्‍के से दोनों हाथ के अंगूठों को शिशु के पेट पर नाभि से बिल्‍कुल ऊपर रखें। अब हल्‍के से अंगूठों को गोल-गोल घुमाएं।
उंगलियों के पोरों से शिशु के पेट पर गोल-गोल सर्कल बनाएं। इस समय आप लोरी भी गा सकती है।
इन बातों का रखें ध्‍यान
शिशु को गैस से आराम दिलाने के लिए आप निम्‍न बातों का ध्‍यान रखें :
घर पर शिशु के लिए कोई भी नुस्‍खा आजमाने से पहले पीडियाट्रिशियन से जरूर बात करें।
मालिश शुरू करते समय शिशु का मूड शांत होना चाहिए।
सुबह के समय या रात को सोने से पहले मालिश करना ज्‍यादा फायदेमंद होता है। मा‍लिश करते समय शिशु के साथ आई कॉन्‍टैक्‍ट रखें।
दूध पिलाने के लगभग एक घंटे बाद ही मालिश करें वरना शिशु को उल्‍टी या अपच हो सकती है। शिशु की मालिश हमेशा शांत जगह पर करनी चाहिए।
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​बेबी फुट रिफ्लेक्‍सोलॉजी मसाज
पेट की मालिश के अलावा आप गैस दूर करने के लिए शिशु के पैरों की मालिश भी कर सकती हैं। फुट रिफ्लेक्‍सोलॉजी का संबंध गैस, कब्‍ज और अपच की स्थिति में सुधार लाने से है। हालांकि, इस मामले में वैज्ञानिक प्रमाण की अभी भी कमी है इसलिए सावधानी के तौर पर आप डॉक्‍टर से बात करने के बाद ही यह तरीका अपनाएं।
पेट और आंतों के लिए प्रेशर प्‍वाइंट फुट के ऊपरी मध्‍य हिस्‍से में होते हैं। इस स्‍पॉट पर हाथों से हल्‍के से स्‍ट्रोक लगाएं।


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