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लाइफस्टाइल: तुमसे शादी करना मेरी लाइफ की सबसे बड़ी गलती थी। मुझे नहीं रहना तुम्हारे साथ, मोहित प्रिया पे चिल्ला पड़ता है। ममता के बेटे की 6 महीने पहले ही शादी हुई थी। बेटे-बहू के छोटे-मोटे झगड़े तो होते रहते थे, पर जब आज ममता के कानों में इतनी बड़ी बात पड़ी तो मानो उसका दिल ही बैठ गया। वो दौड़के रूम में गई और अपने बेटे पे बरस पड़ी।
क्या हुआ रे नालायक, ऐसे क्यों बोलता है, मेरी फूल सी बहू को?
माँ तो तेरी सीधी थी, पर भूल गया तूने और मैंने कितने पापड़ बेले थे तेरी दादी को तेरी पसंद की लड़की से शादी करने के लिए मनाने में।
मोहित-दादी की सुननी चाहिए थी मम्मी। इस चोरनी से तो बच जाता।
ममता चौक जाती है, पागल हो गया है तू? क्या बके जा रहा है? अच्छा हुआ दादी घर में नहीं है।
बक नहीं रहा मम्मी, सच बोल रहा हूँ। मोहित की आँखें भर जाती हैं।
याद है मम्मी, मेरी शादी के कुछ दिन बाद ही तुम्हारे पर्स से 2000 का नोट गायब हो गया था और तुम्हारे पूछने पे सबने तुम्हें ही उल्टा सुना दिया था कि तुम बूढ़ी हो गयी हो। पैसे नहीं संभलते तुमसे।
हाँ तो? उस दिन कम सुनाया था क्या तूने जो आज फिर सुनाएगा? बीवी को सुना लिया चलो माँ को भी सुनाता। आज मैं नहीं सुनने वाली।
ममता भरक जाती है।
अरे सुनो तो मम्मी और याद है जब आप दादी और पापा के साथ तीर्थ पे गयी और आई तो आपके गोदरेज से 2 सोने के सिक्के गायब हो गए थे।
ममता:- हाँ याद है ना, वो रजनी चोरनी ने न लिए थे। इतनी पुरानी कामवाली थी, 10 साल काम किया, कभी कुछ नहीं चुराया, पता नहीं उसकी बुद्धि इतनी खराब कैसे हो गई।
मोहित:-नहीं मम्मी, रजनी दीदी की कोई गलती नहीं थी।
ममता:- क्या बोल रहे हो मोहित?
मम्मी वो... मोहित के लब लड़खड़ा जाते हैं।
ममता:-हाँ बोलो ना।
मोहित:- मम्मी, आज रिचा का फोन आया था...
ममता:-अच्छा, रिचा, तेरी भुआ की नक्चरी बेटी।
मोहित:-हाँ ,उसी का मम्मी। कह रही थी भाभी को ब्रेसलेट कहां से दिलाया। मैंने कहा कौन सा ब्रेसलेट। कहने लगी वही जो भाभी अपने बर्थडे पे पहनी हुई थी। मैंने कहा की दिलाया होगा, उतना थोड़ी याद रहता। तू क्यों पूछ रही??
कहने लगी नहीं भैया, पिछले बार जब मैं आई थी ना तो मेरा ऐसा ही ब्रेसलेट खो गया था। मुझे लगा रास्ते में गिर गया होगा, तो मैंने किसी से पूछा नहीं।
अरे, कुमुद दीदी की बेटी का दिमाग खराब हो गया है क्या? क्या क्या बकती, ममता चिल्ला पड़ी।
Mohit:- मुझे भी ऐसा ही लगा और इसलिए मैने उसे खूब सुनाकर फोन रख दिया।
पर...
पर क्या? ममता पूछती है।
मम्मी, वो... जब मैंने प्रिया से पूछा कि कहां से आया ये ब्रेसलेट तो वो डर गयी। फिर मैंने इससे कसम दी तो बोलती है पसंद आ गया था तो...
ममता को ये सब सुनकर बहुत झटका लगा।
सास के मना करने पे भी अपनी एक लौटे बेटे की लिए उसकी पसंद की बहु लायी थी और अपनी बेटी को जितना प्यार दे उससे भरकर प्यार दिया।कभी कोई कमी नहीं छोरी। फिर भी उसने ऐसी गिरी हुई हरकत की, ऐसा सुनकर ममता का दिल टूट गया।
प्रिया कोने में बहुत रो रही थी।
मानो वो आत्मगलानी में मरी जा रही हो।
ममता ने खुद को संभाला और प्रिया के पास जाकर उसे गले लगा लिया।
मोहित तो देखते ही रह गया।
मम्मी, आपका दिमाग खराब हो गया है या इसने आप पे भी इसने कोई जादू-टोना कर दिया, मोहित चिल्ला पड़ा।
ममता:- हो गया मोहित, बस।
बहुत बोल लिया। तूने भी तो बचपन में पापा के जब से 100 रुपये चुराए थे। मैंने तुझे घर से निकाल दिया था क्या। एक मौका दिया था ना, इसे भी दूंगी, एक मौका। आज इसके जगह मेरी बेटी होती तो...
ममता: प्रिया, मुझे भी तुमपे शक था, इसलिए मैं तुम्हें इइंडिरेक्टली मे समझाती थी पर तुमसे इतनी बड़ी गलती की उम्मीद नहीं थी। आज हमारी इज़्ज़त चली गई।
बेटा, तुम्हें कोई भी जरूरत हो तो मुझे बोलो। हम इतने सक्षम हैं कि तुम्हारी छोटी-बड़ी ख्वाहिशें पूरी कर सकें।
मुझे पता है तुम बिना पिता की बेटी हो और तुमने बहुत बुरे दिन देखे हैं अपने मायके में पर अब तो सब अच्छा हो गया है।
तुम्हारा छोटा भाई भी कितना आगे बढ़ गया अपनी मेहनत से।
तुम्हारी मम्मी को तुम्हारी इस हरकत का पता चलेगा तो उन्हें कैसा लगेगा??
प्लीज़ मम्मीजी, उन्हें कुछ मत बताइएगा। वो मर जाएगी। मुझे माफ कर दीजिए मम्मीजी,प्रिया ममता के पैरों में गिरकर रोने लगती है।
ममता उसे उठाती है और कहती है, ये माँ भी खुद को बहुत मुश्किल से संभाली है, ये सब सुनकर।
आज के बाद ऐसा कुछ हुआ तो मैं भी नहीं जी पाऊंगी।
नहीं मम्मीजी, अब मैं ऐसा कभी नहीं करूंगी।
प्रिया को अपनी गलती का अहसास हो गया था।
धीरे-धीरे मोहित ने भी उसे माफ कर दिया।
प्रिया की गलती कोई छोटी नहीं थी पर ममता की समझदारी ने उसे सुधार भी दिया और प्रिया और मोहित का रिश्ता भी बचा लिया।
हम अक्सर भूल जाते हैं की बहु भी हमारी बेटी जैसी ही होती है या उससे भरकर क्योंकि बेटी तो विदा हो जाती है और अपने नए घर की जिम्मेदारी मे वयस्त हो जाती है पर एक बहु ही है जो हमारे बुढ़ापा का सहारा बनती है।
प्रिया की गलती बहुत बड़ी थी पर अगर ममता ने उसे सही तरीके से नहीं समझाया होता तो उसका घर सायद बिखर जाता।
Manish Sahu
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