लाइफ स्टाइल

Life Style : अगर बचपन से बच्चे डरपोक हो जाए इन हालातों का सामना करना पढ़ जाये

Kavita2
23 Jun 2024 8:41 AM GMT
Life Style :  अगर बचपन से बच्चे  डरपोक  हो जाए इन हालातों का सामना करना पढ़ जाये
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Life Style : बच्चे तो लगभग हर नए अनुभव से आमतौर पर डरते हैं। ये एक नेचुरल प्रक्रिया है, लेकिन जब बच्चे अधिक डरपोक बनने लगें, उनका आत्मविश्वास हिलने लगे, वे नए अनुभव और नए माहौल से दूर भागने लगें, तब ये चिंता का विषय बन सकता है। समय रहते इन बातों पर ध्यान दिया जाए तो बच्चे बोल्ड और हिम्मती बनते हैं, लेकिन इनकी अनदेखी उन्हें डरपोक बना सकती है। आइए जानते हैं कि कैसे बच्चे बनते हैं डरपोक- पेरेंट्स में एंजाग्यटी देखने वाले
जब पेरेंट्स खुद ही एंजाग्यटी Anxietyसे गुजर रहे हों, तो वे बच्चे को खुश और हिम्मती नहीं बना सकते हैं। इसलिए प्रोडक्टिव बनने के लिए पहले पेरेंट्स को ही सेल्फ केयर या मी टाइम निकाल कर खुश और स्वस्थ बनना चाहिए। एंजाग्यटी से पाले गए बच्चे में भी एंजाग्यटी के लक्षण दिखाई दे सकते हैं और फिर ऐसे बच्चे कमजोर और डरपोक बनते जाते हैं।
जब पेरेंट्स अपने बच्चे से अच्छे से कनेक्ट नहीं करते हैं, पेरेंट्स बात-बात पर टोकते हैं, तो बच्चे अपनी बातें पेरेंट्स के अलावा किसी और से शेयर करने लगते हैं, जिसका फायदा बाहरी उठा सकते हैं। ऐसे बच्चे भी डरपोक होते जाते हैं और अपने पेरेंट्स से ही खुल कर बात करने में डरते हैं।
कोई बुरा अनुभव झेलने वाले having a bad experience
बच्चे जब जीवन में किसी ऐसे बुरे दौर या अनुभव से गुजरते हैं, जो उनकी उम्र के लिए बहुत ज्यादा होता है, तो उनके दिल और दिमाग में एक डर सा बैठ जाता है। ये अनुभव किसी प्रकार का एब्यूज हो सकता है या फिर किसी अपने को खोने का दर्द भी हो सकता है।
हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग से गुजरने वाले Those going through helicopter parenting
जब पेरेंट्स बच्चे की हर सांस पर नजर रखते हैं और उन्हें गाइड करते रहते हैं, उन्हें रिस्क नहीं लेने देते, सारे कठिन काम खुद ही आसान बना देते हैं, तो ऐसे बच्चे की मानसिकता पेरेंट्स पर निर्भर होने वाली हो जाती है। ये कोई भी नया काम शुरू करने में डरते हैं या फिर किसी भी नई जगह या नए लोगों से मिलने में डरते हैं। इन्हें ऐसी स्थिति को हैंडल करने का सही तरीका ही नहीं सिखाया जाता है, जिसके कारण ये डरपोक बनते जाते हैं।
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