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इन कुछ लक्षणों से पहचानिए, कहीं आप डिप्रेशन के शिकार तो नहीं?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| डिप्रेशन बहुत ही गंभीर बीमारी है। इसमें व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो जाता है और भविष्य अंधकारमय दिखने लगता है। व्यक्ति भावनात्मक तौर पर कमजोर हो जाता है और उसमें रचनात्मक क्षमता का ह्रास होने लगता है। डिप्रेशन से पीड़ित इनसान खुद को बेहद अकेला और असहाय महसूस करता है। उसे जिंदगी में खुशी महसूस नहीं होती, निराशा उसपर पूरी तरह से हावी रहती है।
डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के एक मेडिकल स्टूडेंट और मोटिवेशनल स्पीकर जाचेरी डेरेनियोस्की ने एक ऐसा तरीका इजाद किया है जिसके आधार किसी व्यक्ति में डिप्रेशन की आशंका को पहचानने में मदद मिलेगी। इससे प्रभावित व्यक्ति को समय से पहले डिप्रेशन से बचाया जा सकता है।
ये पांच लक्षण हैं जिसके आधार पर किसी व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण की पहचान की जा सकती है
1. अगर कोई व्यक्ति हमेशा यह कहे कि वह थका हुआ है तो समझिए कि उसमें डिप्रेशन का हमला होने वाला है।
2. डायवोर्स या बेरोजगारी जैसी कठिन स्थितियों का सामना करने वाला भी डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। ऐसे व्यक्ति में यदि सामान्य से अलग व्यावहार दिखे तो समझिए वह डिप्रेशन में आ चुका है।
3. अगर कोई व्यक्ति लगातार यह कहे कि वह बहुत व्यस्त है और वो बेकार की चीजों के साथ वक्त गुजारता है तो उसमें डिप्रेशन की आशंका बहुत ज्यादा है।
4. अगर कोई व्यक्ति हमेशा चीजों में उलझा रहे। उसका व्यवहार बहुत रूखा हो और भावनात्मक रूप से उदास रहता हो तो वह व्यक्ति डिप्रेशन में आ चुका है।
5. अगर कोई व्यक्ति बातचीत में कम दिलचस्पी लेने लगे, खासकर उन बातचीत में जिनको लेकर पहले वह खूब बात-चीत करता था, तो ऐसे व्यक्ति में डिप्रेशन की आशंका ज्यादा है।
जाचेरी डेरेनियोस्की के मुताबिक इन लक्षणों के आधार पर किसी व्यक्ति में डिप्रेशन को पहचाना जा सकता है। ऐसी स्थितियों में उस व्यक्ति के आसपास के लोगों को समय रहते उन्हें इलाज करवाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे वह बहुत बड़ी परेशानी से बच सकते है।
इसके अलावा डेरेनियोस्की ने कुछ ऐसे मुहावरे भी बताए हैं जिसके आधार पर किसी व्यक्ति को डिप्रेशन में जाने से रोका जा सकता है।
उन्होंने कुछ मुहावरों के बारे में बताया है कि इन मुहावरों को इस्तेमाल कर दरअसल डिप्रेस व्यक्ति को और ज्यादा डिप्रेशन में धकेलना होगा। हालांकि इन मुहावरों का प्रयोग लोग उन्हें दिलासा दिलाने या सांत्वना देने के लिए करते हैं लेकिन ये शब्द उनपर उलटा असर कर जाते हैं।
यदि मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे व्यक्ति को आप यह कहते हैं कि हर चीज के होने के पीछे कोई न कोई कारण है तो इस शब्द से उसे अच्छा महसूस होने के बजाय नुकसान पहुंचता है। इसी तरह आप कहते हैं कि शांत रहो और यह सब भूलकर आगे बढ़ो तो इसका भी उलटा असर होता है। इसी तरह इन चीजों से बाहर आ जाओ, समय सभी घावों को भर देगा जैसे मुहावरे पीड़ित के मानसिक स्वास्थ्य से उलटा असर करते हैं।