लाइफ स्टाइल

भारत के 10 लोकप्रिय प्रसिद्ध आम इस तरह करे इन की पहचान

Shiddhant Shriwas
17 Jun 2021 6:34 AM GMT
भारत के 10 लोकप्रिय प्रसिद्ध आम इस तरह करे इन की पहचान
x
आमों को 'फलों का राजा' कहा जाता है. भारत में आम की लगभग 1500 किस्में उगाई जाती हैं. प्रत्येक किस्म का एक अलग स्वाद, आकार और रंग होता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय आमों का स्वाद दुनियाभर में प्रसिद्ध है. आमों को 'फलों का राजा' कहा जाता है. भारत में आम की लगभग 1500 किस्में उगाई जाती हैं. प्रत्येक किस्म का एक अलग स्वाद, आकार और रंग होता है. सिंधुरा आम से लेकर तोता की चोंच के आकार की तोतापुरी तक, आम की अनोखी किस्में भारतीय बाजारों पर राज करती हैं. भारत में आम की अलग-अलग किस्में हैं अप्रैल के मध्य से अगस्त तक बाजारों में रहती हैं. आइए जानें इन आमों की 10 किस्मों के बारे में…

तोतापुरी
आम की ये किस्म तोते की चोंच की तरह दिखती है ये स्वाद में लाइट और हरे रंग का होता है. ये कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में होता है. इस आम का स्वाद अन्य किस्मों की तरह मीठा नहीं होता है, लेकिन सलाद और अचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. पकने पर ये हरे रंग का होता है और तोते की चोंच जैसा दिखाई देता है.
हापुस आम
महाराष्ट्र में मूल रूप से होने वाली ये किस्म अब गुजरात और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी उगाई जाती है. कुछ खबरों के अनुसार ये सबसे महंगी किस्म है जिसे दुनिया के अन्य हिस्सों में भी निर्यात किया जाता है. इसकी एक प्राकृतिक सुगंध होती है, छिलका भगवा रंग का होता है. ये बिना फाइबर के होते हैं.
सिंधुरा आम
ये आम मीठा होता है, फिर भी इसमें थोड़ी सी खटास होती है इसकी सुगंध आपके मुंह में लंबे समय तक रहती है. ये शेक बनाने के लिए बहुत अच्छा होता है. इसके गूदे का रंग पीला होता है. ये बाहर से लाल रंग और अंदर पीले रंग का होता है.
बंगीनापल्ली
अल्फांसो आम की तुलना में ये आम काफी बड़ा होता है. ये आम आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले के बनगनपल्ले में पैदा होता है. ये आकार में अंडाकार होते हैं. ये लगभग 14 सेमी लंबाई के होते हैं. ये हल्के पीले रंग का होता है और इस पर कुछ धब्बे होते हैं.
रत्नागिरि
मशहूर 'रत्नागिरी आम' महाराष्ट्र क्षेत्र के रत्नागिरी, देवगढ़, रायगढ़ और कोंकण में पाया जाता है और दिलचस्प बात ये है कि प्रत्येक आम का वजन 150 से 300 ग्राम के बीच होता है. ये आम भारत में पाए जाने वाले आम की सबसे अच्छी किस्मों में से एक है और सबसे महंगा भी है. ये आम सिरे की तरफ से लाल रंग का होता है. इस किस्म की आसानी से पहचान की जा सकती है.
चौसा
ऐसा माना जाता है कि उत्तर भारत और बिहार में लोकप्रिय, इस किस्म को शेर शाह सूरी ने अपने शासनकाल के दौरान सोलहवीं शताब्दी में लगवाया था. बिहार के एक शहर के नाम पर इस किस्म का नाम है. ये आमा मीठा होता है और ये बाहर से चमकीले पीले रंग होता है.
रसपुरी
ये आम कर्नाटक के पुराने मैसूर में बड़े पैमाने पर उगाया और खाया जाता है. इस किस्म को भारत में आमों की रानी के रूप में जाना जाता है. ये मई के महीने में आता है और जून के अंत तक उपलब्ध रहता है. दही, स्मूदी और जैम के रूप में इसके स्वाद का आनंद लिया जा सकता है. ये आकार में अंडाकार और लगभग 4 से 6 इंच लंबे होते हैं.
पैरी
सफेदा की तरह, पैरी बाजारों में आने वाली पहली किस्मों में से एक है. ये लाल रंग का होता है. इसका स्वाद खट्टा होता है. इनका इस्तेमाल गुजरात में आमरस बनाने के लिए किया जाता है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है. ये रसदार होता है.
हिमसागर
मीठी सुगंध की किस्म का ये आम पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में पाया जाता है. मध्यम आकार की इस किस्म का वजन 250-350 ग्राम के बीच होता है और इसमें मलाईदार गुदा होता है जो डेसर्ट और शेक बनाने के लिए अच्छा होता है. इसके गूदे पीले रंग के होते हैं. ये बाहर से हरे रंग का होता है.
नीलम
ये किस्म देश के हर हिस्से में उगाई जाती है, जो आमतौर पर जून में पाई जाती है. ये बाहर से नारंगी दिखता है. ये अन्य किस्मों की तुलना में छोटे होते हैं.


Next Story