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असली और नकली शहद की पहचान इन 5 आसान तरीकों से करें

Bhumika Sahu
16 Sep 2021 4:08 AM GMT
असली और नकली शहद की पहचान इन 5 आसान तरीकों से करें
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Real Or Fake Honey: यदि तापमान 50ºF (10ºC) से नीचे चला जाता है, तो शहद छत्ते में क्रिस्टलाइस्ड हो जाएगा, और अगर आपने उसे फ्रिज में रख दिया, तो शहद उस बोतल में क्रिस्टलाइस्ड हो जाएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शरीर को फिट रखने से लेकर स्किन केयर तक, शहद (Honey) के कई फायदे हैं. खासतौर पर सर्दियो के मौसम में तो शहद स्वास्थ्य के लिए कवच का काम करता है. ये हमारी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाता है, जिससे शरीर में ठंड को सहने की ताकत आती है. शहद एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफंगल जैसे कई हेल्थ बेनिफिट्स के लिए जाना जाता है. शहद को आयुर्वेदिक औषधि (Ayurvedic Medicine) के रूप में पहले से इस्तेमाल किया जाता रहा है. शहद में आयरन, कैल्शियम, फॉस्फेट, सोडियम, क्लोरीन, पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है. साथ ही इसमें विटामिन बी1 और बी6 भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. लेकिन सही शहद की क्या पहचान है? शहद लेते समय किन बातों का रखें ध्यान से पढ़ें-

क्रिस्टलाइस्ड शहद खराब है
जी नहीं, यदि आपका शहद क्रिस्टलाइस्ड (Crystallized) मतलब जम गया या है गाढ़ा हो गया है, तो उसे बाहर न फेंके. इसे खाएं. यह स्वादिष्ट और पूरी तरह से सुरक्षित है. यदि तापमान 50ºF (10ºC) से नीचे चला जाता है, तो शहद छत्ते में क्रिस्टलाइस्ड हो जाएगा, और यदि आपने उसे फ्रिज में रख दिया, तो शहद उस बोतल में क्रिस्टलाइस्ड हो जाएगा.
एंजाइम के लगातार काम करते रहने के कारण, असली शहद जब भी स्टोर किया जाता है, वो और गाढ़ा हो जाता है. जबकि नकली या मिलावटी शहद के साथ ऐसा नहीं होता है. इस तरह से आप इन दोनों के बीच आसानी से पहचान कर सकते हैं. अपने शहद को गर्म कर फिर से एक लिक्विड में बदलना काफी सरल है. इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने शहद को एक कटोरी गर्म पानी में डालकर धीरे-धीरे गर्म होने दें. ये वापस अपने असली रूप में आ जाएगा.
पानी में जल्दी घुलने वाला शहद खराब
असली शहद की यह खूबी होती है कि वह आसानी से पानी में नहीं घुलता है. इसलिए जब आप शहद को पानी में डालते हैं, तो वह नीचे जाकर तली में बैठ जाता है. उसे मिलाने के लिये काफी देर तक आपको उसे चम्मच से हिलाना पड़ता है, जबकि अगर शहद नकली है, तो वह पानी से आसानी से घुल जाता है.
कागज को गीला करेगा शहद
कागज की शीट पर शहद की कुछ बूंदें डालें और कुछ देर के लिये छोड़ दें. अगर शहद असली होगा तो उसमें बिलकुल भी नमी न होने के कारण वह कागज को गीला नहीं करेगा. वहीं दूसरी तरफ नकली या मिलावटी शहद कागज को गीला कर देगा और नीचे गिर जाएगा.
उंगलियों में चिपकने वाला असली शहद
यह टेस्ट काफी हद तक आप पर निर्भर करता है कि आप वैसा महसूस कर पा रहे हैं या नहीं. थोड़ा सा शहद लें और इसे अपने अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच में रगड़ें. कुछ देर ऐसा करने पर आपको यह एहसास होगा कि शहद की कुछ मात्रा को आपकी स्किन द्वारा सोख लिया गया है और बचा हुआ शहद आपकी उंगलियों को चिपचिपा नहीं करता. जबकि अगर नकली शहद है, तो इसमें शुगर होने के कारण आप पायेंगे कि इससे आपकी उंगलियों में चिपचिपापन है.
शहद कब खराब होता है?
यह शहद के बारे में कहा जाता है कि ये कभी खराब नहीं होता है, जानकार बताते हैं कि ये तकनीकी रूप से सच भी है. लेकिन अगर इसका सही रख-रखाव न हो तो ये अपनी सुगंध और स्वाद दोनों को खो देता है. इसके बाद आप इसका इस्तेमाल करेंगे, तो उससे न तो आपकी जीभ को स्वाद मिलेगा और न ही स्वास्थ्य को उसका लाभ पहुंचेगा. उम्र के साथ शहद का रंग काला पड़ जाता है. इसलिए अगर समय रहते ही इसका उपयोग किया जाए. तो ही इससे हेल्थ के लिए बेनिफिट होगा.


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