- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- Hydroponic Farming...
लाइफ स्टाइल
Hydroponic Farming 2021: बिना मिट्टी पानी में उगाएं हरी ताजी सब्जियां? जानें कैसे
Tulsi Rao
22 Nov 2021 6:34 AM GMT
x
पिछले कुछ अर्सा से कोरोना की महामारी ने नौकरी और व्यवसाय जगत को पूरी तरह कुंद कर दिया है. ऐसे में शाक-सब्जियों एवं फलों आदि के लिए लोगों को गांवों पर निर्भर होना पड़ता था
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Hydroponic Farming 2021: पिछले कुछ समय से कोरोना की महामारी ने नौकरी और व्यवसाय जगत को पूरी तरह कुंद कर दिया है. पहले जहां शाक-सब्जियों एवं फलों आदि के लिए लोगों को गांवों पर निर्भर होना पड़ता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते वह रास्ता भी लगभग बंद हो गया था. ऐसे में मुंबई के स्वप्निल शिरके ने एक नई तकनीक के सहारे मिट्टी-रहित घर की छतों एवं बालकनी में शाक-सब्जियां उगाना प्रारंभ किया. इस तकनीक को हाइड्रोपोनिक फार्मिंग (Hydroponic Farming) कहते हैं. इस संदर्भ में हमारी स्वप्निल शिरके से बात होती है तो वे काफी रोचक बातें बताते हैं. Benefits of Sesame Oil: सर्दियों में संजीवनी साबित हो सकता है तिल का तेल! ये सेहत ही नहीं सौंदर्य का भी है रखवाला! जानें कैसे करें इस्तेमाल?
छोटी जमीन ज्यादा फसल
हाइड्रोपोनिक वस्तुतः ग्रीक शब्द है, जो दो शब्दों से बना है, पहला हाइड्रो यानी जल एवं दूसरा पोनोज यानी लेबर. अर्थात थोड़े से श्रम से पानी में शाक-सब्जियां उगाई जा सकती हैं. हाइड्रोपोनिक फार्मिंग की ओर बढ़े रुझान के संदर्भ में स्वप्निल शिरके बताते हैं, -जिन दिनों मैं दिल्ली में सिविल सर्विसेज की पढ़ाई कर रहा था, मैंने कहीं पर हाइड्रोपोनिक एग्रीकल्चर के बारे में पढ़ा था. पानी में सब्जियां उगाना किसी को भी एक्साइटेड कर सकता था. मैंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टीकल्चर गुड़गांव से सात दिन का कोर्स किया.' एक सवाल के जवाब में स्वप्निल बताते हैं कि इस दिशा में बढ़े रूझान की कई वजहें थीं, एक कारण यह था कि इस व्यवसाय के लिए थोड़ी सी जमीन काफी थी, दूसरी वजह, इस सिस्टम से मिट्टी की तुलना में पानी में ज्यादा तेज गति से शाक-सब्जियां उगाई जा सकती थीं. इस तकनीक में पौधों के बढ़ने की रफ्तार 30 से 50 प्रतिशत ज्यादा तेज होती है. मसलन अगर टमाटर का पौधा मिट्टी में फल देने में दो माह का समय लेता है तो यहां 3 सप्ताह में टमाटर उगाए जा सकते हैं.
पानी में फसल उगाना संभव है
स्वप्निल से यह पूछे जाने पर कि क्या केवल पानी में पौधे उपजाना संभव है? स्वप्निल बताते हैं, यह पूरी खेती हम केवल पानी में ही करते हैं, लेकिन समय-समय पर हमें पानी में आवश्यक न्युट्रियंश मिलाते रहना होता है. जैसे बढ़ते बच्चों को आवश्यक न्यूट्रियंस देते हैं. हमें पौधों को उनकी जरूरत के अनुरूप न्यूट्रियंस या माइक्रोन्यूट्रिशंस देते रहना होता है. ये न्यूट्रिशंस हम ऑस्ट्रेलिया, इजरायल या हालैंड से मंगाते हैं. इसके लिए हम एक ही फैमिली वाले पौधों को एक टैंक में डालते हैं, ताकि एक न्यूट्रिशंस सारे पौधों की जरूरत को पूरी कर सकें. जैसे-जैसे पौधे बड़े होते जाते हैं हम न्यूट्रिशंस की मात्रा बढ़ाते जाते हैं.
किस तरह का पानी ज्यादा योग्य होता है?
स्वप्निल से यह पूछने पर कि क्या सामान्य पानी का उपयोग करना काफी होता है? स्वप्निल कहते हैं, - सामान्य पानी में टीडीएस ज्यादा होने से पौधों के लिए लाभदायक नहीं होते. इसलिए हम सामान्य पानी के फ्लो में आरो का पानी मिलाते हैं. हालांकि बारिश का पानी सबसे बेहतर होता है. इस तकनीक में हम हारवेस्टिंग सिस्टम से संग्रह पानी का भी इस्तेमाल करते हैं. इसमें पौधों की जरूरत के अनुसार न्युट्रिशंस मिलाते रहते हैं. अगर किसी वजह से पानी का फ्लो निरंतर नहीं रहता है तो कोकोपिट की मदद लेते हैं. हम पौधों को कोकोपिट में लगाते हैं, इसमें एक बार पानी डालने के बाद तीन दिन तक पानी डालने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि कोकोपिट में पानी एब्जॉर्ब करने की प्रचुर क्षमता होती है. कोकोपिट का इस्तेमाल ज्यादातर लता वाले पौधों के लिए करते हैं, क्योंकि लताओं को कोकोपिट से बेस मिल जाता है, जो पानी में संभव नहीं होता.
किन-किन किस्म की सब्जियां उगाई जा सकती हैं.
स्वप्निल कहते हैं, -ज्यादातर हम इंडियन वेजीटेबल उगाते हैं, ग्रीन चिली, स्वीट पौटैटो, चैरी टोमैटो, वेल पेपर इत्यादि कुछ भी उगा सकते हैं इसके लिए हमें इंडियन क्लाइमेट काफी हेल्पफुल होता है. वैसे ग्रीन लीफ वेजिटेबल सबसे सहज होता है, इसकी मार्केट में खपत भी है. लेकिन हम कई विदेशी सब्जियां भी उगा सकते हैं, जो हम मिट्टी में नहीं उगा सकते. इसके लिए जरूरी है कि पौधों को उसी अनुरूप में टेंपरेचर और न्यूट्रिशंस दें. छतों पर अगर हम ये खेती करते हैं तो वहां सूर्य की तेज रोशनी से बचाने के लिए ऊपरी हिस्सों को ढक देते हैं, पौधों को नमी मिलती रहे इसके लिए हम बड़े-बड़े पंखे चलाते हैं.'
हाइड्रोपोनिक फार्मिंग के लाभ
इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम जिस सब्जी का सीजन नहीं होता, उसे भी यहां उगा सकते हैं, बस हमें उस क्लाइमेट का निर्माण करना होता है, मसलन सर्दी के हरी मटर गर्मी में भी पा सकते हैं. इन दिनों जब धनिया बाजार में बहुत महंगा है, हम यहां पूरे सीजन धनिया उगा सकते हैं. हम हर मौसम में हर वेजीटेबल उगा सकते हैं.
Next Story