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हो सकता है कि बारिश आपको बहुत पसंद हो, पर बारिश के मौसम में आपका घर ख़ास देखभाल की मांग करता है, क्योंकि बारिश की बूंदें उसपर कई तरह से अटैक कर सकती हैं. यहां हम बारिश में घर की देखभाल से जुड़ी कुछ छोटी-छोटी पर ज़रूरी बातें बताने जा रहे हैं.
कपड़ों की देखभाल
बारिश में सिर्फ़ हम ही नहीं गीले होते. हमारे कपड़े भी भीगते हैं और सबसे बुरी बात भीगने के बाद वे जल्दी सूखते भी नहीं. यही कारण है कि अधिकतर लोग बारिश में बेड कवर्स, पर्दे, टॉवेल्स आदि को धोने से बचते हैं. पर यह तो कोई विकल्प नहीं हुआ, क्योंकि एक समय बाद उनसे बदबू आने लगती है. तो आप भले ही कम कपड़े धोएं, पर जो ज़रूरी हों उनकी साफ़-सफ़ाई से मुंह न मोड़ें. आप ड्राय क्लीन करवा सकते हैं. अगर ऐसा नहीं करते तो घर में एक तरह की अजीबोग़रीब बदबू के लिए तैयार हो जाएंगे. जो बेशक, आप नहीं चाहेंगे.
घर को महकाएं
बारिश का मौसम तरह-तरह की बैक्टीरिया को पनपने के लिहाज़ से आदर्श मौसम होता है, यही कारण है कि हमें घर की सफ़ाई नियमित रूप से करनी चाहिए. आपको सफ़ाई के बाद हर कमरे में पोटपुरी के एक छोटा बाउल रखना चाहिए, जिसमें अपने पसंदीदा एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें डाल देनी चाहिए. इससे आपके घर से भीनी-भीनी ख़ुशबू आती रहेगी.
पौधों को घर के बाहर रखें
इस मौसम में इनडोर पौधों की देखभाल भी काफ़ी ज़रूरी होती है. दरअसल बारिश के मौसम में, जब सूरज की रौशनी उतनी नहीं आती, पौधों को कुछ समय के लिए आउटडोर रखने में ही समझदारी है. पौधों के पत्तों पर कई तरह के कीड़े भी बारिश के मौसम में पनपने लगते हैं, आप नहीं चाहेंगे कि वे आपके घर में फैलें. तो अगर संभव हो तो इनडोर पौधों को बालकनी में रख दें. हां, बहुत ज़्यादा बारिश होने की स्थिति में उन्हें भीगने से बचाने की व्यवस्था ज़रूर करें.
कारपेट्स की देखभाल
बरसात के मौसम में कारपेट्स की देखभाल काफ़ी ख़र्चीला होता है. कारपेट नमी और धूल को सोख लेते हैं, जिसके कारण उनमें से अजीब तरह की बदबू आने लगती है. इसे रोकने के लिए आपको उन्हें रोज़ वैक्युम क्लीन करना होगा. बेहतर तो यही होगा कि आप महंगे कारपेट्स को यूज़ ही न करें. उनकी जगह सस्ते कारपेट इस्तेमाल करें. अच्छा तो यही होगा कि कारपेट्स को बरसात तक हटा दें.
बिजली के उपकरणों को बारिश के पहले दुरुस्त करा लें
बिजली और तूफ़ान से इलेक्ट्रिसिटी फ़्लक्चुएशन होता है. बारिश के दौरान आपके गैजेट्स पर इनका ख़राब प्रभाव न पड़े. इसके लिए आपको बारिश शुरू होने के पहले इलेक्ट्रीशियन को बुलाकर वायरिंग चेक करा लें. कहीं वायर गीले हो रहे हों तो उन्हें चेंज करा दें, ताकि शॉर्ट सर्किट का डर न हो. स्विच बोर्ड के पास लीकेज हो तो इग्नोर न करें.
किताबों का रखें ख़ास ख़्याल
अगर आप पढ़ाकू किस्म के लोगों में हों, जिनके पास किताबों का बड़ा कलेक्शन हो तो आपको पता होगा कि किताबें ख़राब होने पर उन्हें पहले जैसा नहीं किया जा सकता. आपको किताबों के शेल्फ़ के हर कॉर्नर में नैपथलीन बॉल्स और सिलिका जेल पाउचेज़ रखना चाहिए, इससे मॉइस्चर के साथ-साथ बरसात के दौरान लगनेवाले कीड़ों से भी किताबों को बचाया जा सकता है.
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बारिश के पहले लीकेज चेक करा लें
बारिश शुरू होने के पहले ही पूरे घर के लीकेज चेक करा लें, क्योंकि अगर बारिश के दौरान कहीं से लीकेज हो रहा होगा तो उसे ठीक करना काफ़ी मुश्क़िल होगा. लीकेज बड़ा हुआ तो उसे रोक पाना लगभग नामुमक़िन हो जाएगा. आप यह तो नहीं चाहेंगे कि सीलिंग या बीम के नीचे बाल्टी रखना पड़े.
घर को हवादार रखना ज़रूरी है
बारिश के दौरान हवा में मॉइस्चर काफ़ी अधिक होता है. इसका मतलब यह है कि यदि मॉइस्चर से ठीक तरह से नहीं निपटा गया तो आपके घर से सिली-सिली बदबू आएगी. ऐसा न हो इसलिए वेंटिलेशन बहुत ज़रूरी हो जाता है. जब संभव हो तो खिड़कियां खोल दें ताकि हवा पास होती रही. क्रॉस वेंटिलेशन के चलते घर से नमी वाली बदबू नहीं आती.
घर का रिनोवेशन न कराएं
बारिश के दौरान या बारिश के समय घर के रिनोवेशन से बचने में ही समझदारी है. इस दौरान रिनोवेशन करना यानी मुसीबत को न्यौता देना होता है. आपको घर में किसी भी तरह की तोड़-फोड़ सूखे वाले मौसम में करानी चाहिए ताकि नए काम को सूखने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
यूं करें फ़र्नीचर की देखभाल
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि लकड़ी मॉइस्चर को सोख लेती है और फूल जाती है. ख़ासकर बारिश के मौसम में लकड़ी के फ़र्नीचर थोड़े फूल से जाते हैं. ऐसा न हो इसलिए फ़र्नीचर की रेग्युलर वैक्सिंग ज़रूरी है. इससे फ़र्नीचर नमी से तो बचते ही हैं उनमें दीमक भी नहीं लगते. बारिश के दौरान यदि दरवाज़े, ड्रावर और खिड़कियां फूलने की वजह से बंद न हो पा रहे हों तो सैंडपेपर से थोड़ा रगड़ दें.
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