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डिलीवरी के बाद मां और शिशु की ऐसे करें देखभाल

Rani Sahu
22 Jun 2022 7:30 AM GMT
डिलीवरी के बाद मां और शिशु की ऐसे करें देखभाल
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एक बच्चे को जन्म देते समय मां को कई तरीके की तकलीफों को सहना पड़ता है

एक बच्चे को जन्म देते समय मां को कई तरीके की तकलीफों को सहना पड़ता है. डिलीवरी (Delivery) के बाद महिलाओं का शरीर काफी कमजोर हो जाता है. ऐसे में नवजात शिशु के साथ साथ महिलाओं को भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है. अगर ऐसा न किया जाए तो महिलाओं को कम उम्र में ही तमाम परेशानियां घेर सकती हैं. वहीं अगर शिशु (Baby) की देखभाल ठीक से न हो पाए तो उसके लिए भी तमाम समस्याएं पैदा हो सकती हैं. जो महिलाएं अकेले रहती हैं या पहली बार मां बन रही हैं, उन्हें इन बातों की ज्यादा जानकारी नहीं होती है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) यानी डब्ल्यूएचओ की पोस्टपार्टम केयर गाइडलाइंस आपके लिए मददगार हो सकती हैं.

जानें क्या कहती है डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस
1. डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के मुताबिक बच्चे के जन्म के बाद हर मां की ब्रेस्टफीडिंग को लेकर काउंसलिंग जरूर करानी चाहिए. इससे मन के सारे भ्रम दूर हो जाएंगे और महिला को समझ में आ जाएगा कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से सिर्फ बच्चे को ही पोषण नहीं मिलता, बल्कि मां को भी सेहत संबन्धी तमाम लाभ मिलते हैं. इसके अलावा अगर महिला पहली बार मां बनी है तो उसे समझ में आ जाएगा कि बच्चे को फीड कैसे कराना है. मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार माना गया है.
2. बच्चे को जन्म देने के बाद के कम से कम 24 घंटे बेहद अहम होते हैं. इस दौरान मां और बच्चे दोनों की उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल करनी चाहिए.नवजात शिशु की सही तरीके से देखभाल हो सके, इसके लिए शिशु के माता-पिता दोनों को मिलकर जिम्मेदारी उठानी चाहिए.
3. डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर पहले जैसा नहीं रहता. इसे वापस पहले की तरह बनाने में समय लगता है. ऐसे में अक्सर महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन की शिकार हो जाती है. ऐसे में महिलाओं की नियमित रूप से स्क्रीनिंग जरूर होनी चाहिए. इसके अलावा डिलीवरी के बाद विशेषज्ञ के निर्देशानुसार महिला को अपना हेल्थ चेकअप समय समय पर कराते रहना चाहिए.
4. बच्चे को जन्म देने के बाद मां का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है. वहीं बच्चे के फीड करने से भी शरीर पर असर पड़ता है. ऐसे में महिला को पोषक तत्वों से भरपूर डाइट की जरूरत होती है. इस दौरान महिला को अपनी डाइट में साबुत अनाज, सब्जी और फल के साथ-साथ प्रोटीन से युक्त चीजों को खाना चाहिए. शरीर में पानी की किसी भी तरह कमी न होने दें.


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