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घर से काम करते समय बच्चों की ऐसे करें देखभाल

SANTOSI TANDI
6 Oct 2023 11:59 AM GMT
घर से काम करते समय बच्चों की ऐसे करें देखभाल
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बच्चों की ऐसे करें देखभाल
ऐसे माता या पिता जिनके छोटे बच्चे होते हैं, जब वे Work from home स्कीम के तहत घर से काम करते हैं। तो इसमें वे ऑफिस की जरूरी वीडियो कॉल के समय अपने बच्चों को संभालने की कोशिश करते हैं या फिर किसी टास्क को पूरा कर रहे होते हैं। हालांकि, बच्चे नटखट हो सकते हैं और आपके काम में बाधा भी उत्पन्न कर सकते हैं। इससे बच्चे आपके कामों को समय से पूरा करना कठिन भी बना सकते हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि अपने बच्चे का मनोरंजन करने के साथ साथ देखभाल करना असंभव है। कुछ ऐसे तरीके हैं जिसे इस्तेमाल से लाने से आप आसानी से काम कर सकते हैं।
घर से काम करते समय किसी पैरेंट को बच्चों की देखभाल करना क्यों जरूरी होता है।
घर से काम करते समय किसी पैरेंट को बच्चों की देखभाल करना जरूरी हो जाता है क्योंकि जब कोई पैरेंट घर से काम करते हैं तो वे अपने बच्चों के साथ उतना समय नहीं बिता पाते हैं जितना वे छुट्टी के दिनों में बच्चों के साथ समय बिताते हैं। घर से काम करने वाले पैरेंट को अपने काम के साथ-साथ बच्चों की देखभाल करने के लिए भी समय निकालना पड़ सकता है।
घर से काम करते समय बच्चों की देखभाल करने के लिए जरूरी हो जाता है क्योंकि:
बच्चों को देखभाल और ध्यान की आवश्यकता इसलिए होती क्योंकि उन्हें स्कूल, खेल और अन्य गतिविधियों के लिए आपको ही ले जाना पड़ सकता है।
घर से काम करते समय अपने बच्चों को खाना, कपड़े और अन्य जरूरतों की आवश्यकता हो सकती है। साथ ही आपको ऑफिस का काम भी देखना पड़ सकता है। इस बीच समय का सही तालमेल बिठाना जरूरी हो सकता है।
घर से काम करते समय बच्चों की देखभाल करना एक चुनौती हो सकती है, लेकिन यह संभव है। पैरेंट को अपने काम और बच्चों की देखभाल के बीच संतुलन बनाने के लिए कुछ योजना बनाने की आवश्यकता होती है।
घर से काम करते समय बच्चों की ऐसे करें देखभाल और अपनाएं सही तरीके
अपने काम के समय को सारणी बनाकर व्यवस्थित तरीके से निर्धारित करें। इसके लिए काम करने और बच्चों की देखभाल के समय का खास निर्धारित कर सकते हैं। टाइम मैनेज करें ताकि आप काम भी कर सकें और बच्चों को भी ध्यान दे सकें।
अपने बच्चों को अपने काम में शामिल करें। अपने बच्चों को अपने काम में शामिल करके उन्हें जिम्मेदारी और आत्मविश्वास का अनुभव कराने में भी मदद कर सकते हैं। उन्हें छोटे-छोटे काम सौंपें, जैसे कि खुद से डायपर बदलना, थोड़े बहुत कपड़े धोना या साफ सफाई करना।
आपने बच्चों के साथ सामूहिक खेल खेलने का प्रयास करें, जैसे कि बोर्ड खेल, पहेलियां और कहानियां सुनाना। इससे बच्चे मनोरंजन के साथ-साथ कुछ नया भी सीख सकते हैं।
अगर आपको सहायता की आवश्यकता पड़ती है, तो दोस्तों, परिवार के सदस्यों, किसी रिश्तेदार, या नर्सरी की मदद ले सकते हैं।
बच्चों को सामाजिक संबंध बनाने और अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताने का अवसर दें। इससे आपके बच्चे आपको काम करने में परेशान भी नहीं करेंगे साथ ही वे एंजॉय कर सकते हैं।
बच्चों का देखभाल न करने पर उनके स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा असर?
अगर बच्चों का देखभाल सही से न हो तो वे सही डाईट न मिलने से कुपोषित भी हो सकते हैं। इस पर भारत सरकार की भागीदारी के साथ यूनिसेफ बड़े पैमाने पर योजना चाल रही है। इसका उद्देश्य प्रभावी रूप से कुपोष्ण को कम करना है और लाखों महिलाओं तथा बच्चों के जीवन की रक्षा करना और उसे बेहतर बनाना है। सरकार किसी भी वर्गों में कुपोषण कम और खत्म करने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसलिए ऑफिस के काम के साथ साथ आपको अपने बच्चों की देखभाल के लिए टाइम मैनेज करना चाहिए। जिससे आपको अपने काम में भी सफलता मिल सकती है और बच्चे स्वस्थ और मनोरंजित हो सकते हैं।
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