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आयुर्वेद चिकित्सा का एक प्राचीन होलिस्टिक सिस्टम है जो जीवनशैली चिकित्सा से कहीं बढ़कर है।
आयुर्वेद चिकित्सा का एक प्राचीन होलिस्टिक सिस्टम है जो जीवनशैली चिकित्सा से कहीं बढ़कर है। यह एक व्यक्ति को उसके भीतरी व बाहरी माहौल के साथ जुड़कर स्वस्थ जीवन जीना सिखाता है। आयुर्वेद में बालों को हमारे शरीर के भीतर मौजूद स्वस्थ अस्थि धातु का बाइप्रोडक्ट समझा जाता है। अस्थि धातु का स्वास्थ्य अच्छे पाचन और शरीर के भीतर मौजूद दोषों के संतुलन पर निर्भर करता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ, डॉ. वरलक्ष्मी यनमंद्रा बता रही हैं कि कैसे बालों का झड़ना रोका जा सकता है।
बालों के झड़ने के कारण:
- आवश्यक पोषक तत्वों की कमी वाला खराब खानपान
- नींद पूरी नहीं होना और अत्यधिक तनाव
- अधिक मात्रा में मसालेदार, खट्टे व नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन
- अत्यधिक मात्रा में नमक का सेवन, भोजन का समय निश्चित नहीं होना, नाश्ता नहीं करना और शरीर में पोषण तत्वों की कमी होना
- धुएं, धूप और नमी जैसे पर्यावरण संबंधी कारकों के साथ अधिक समय बिताने से भी बालों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है
- इन सभी कारणों से वत के साथ पित्त दोष व अन्य दोष बढ़ते हैं और ये बालों की जड़ों को कमज़ोर कर बालों के झड़ने की वजह बनते हैं
बालों का झड़ना कैसे रोकें?
1. नारियल तेस से करें सिर की मालिश
आयुर्वेद के अनुसार, सिर त्रिमर्मों में से एक है। रोज़ाना सिर पर तेल लगाने से आपके सिर के इंद्रिय संबंधी सभी अंग बेहतर ढंग से काम करते हैं। बालों में तेल लगाने से आपके हेयर फॉलिकल्स को पोषण मिलता है और मज़बूती मिलती है। नारियल तेल बालों के लिए कंडीशनर की तरह काम करता है और आपके सिर व गर्दन में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है।
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2. नेज़ल ड्रॉप्स
मेडिकेटेड ऑयल या घी को नाक में डालने को दिनचर्या का हिस्सा बनाने से बालों का झड़ना रोकने में मदद मिल सकती है और नए बाल भी तेज़ी से उगते हैं। नेज़ल ड्रॉप्स सिर की त्वचा को पोषण और बालों को मज़बूती देते हैं। नास्य से रोम कूपों को नए बाल उगाने में मदद मिलती है।
3. गर्म पानी से बाल न धोना
सिर धोने से पहले आपको पानी का तापमान जांचना चाहिए। आयुर्वेद कहता है कि व्यक्ति को अपने सिर पर गर्म पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बालों व आंखों की मज़बूती कम होती है। अपने बाल धोने के लिए हमेशा सहज तापमान वाले ठंडे पानी का इस्तेमाल करें। केमिकल आधारित शैंपू के प्रयोग से बचें जो आपके बालों को और नुकसान पहुंचा सकते हैं।
4. अपने सिर को सुरक्षित रखें
अत्यधिक हवा, धूप, बारिश या धूल जैसे पर्यावरण संबंधी कारकों से बालों को बचाने के लिए टोपी/पगड़ी पहनें या छाते का इस्तेमाल करें।
5. स्वस्थ खानपान और व्यायाम
अपने भोजन में अनाज, पत्तेदार सब्ज़ियों, फलों व प्रोटीन को शामिल करें। बादाम जैसे मेवों का नियमित रूप से सेवन करने से आपके शरीर में ज़िंक और बायोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा बेहतर हो सकती है जिन्हें हमारे बालों के बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, ओजस को बढ़ाने के लिए इन्हें सबसे बेहतरीन खाद्य पदार्थ माना जाता है। ओजस वह महत्वपूर्ण ताकत होती है जो आपको बीमार पड़ने से बचाती है और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान रखती है।
ताज़ा पका हुआ भोजन करने से शरीर की सभी पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता बढ़ती है। इससे आपकी जटाराग्नि भी बेहतर होती है जिससे अस्थि धातु समेत सभी प्रकार के कोशिका तंत्र की उपयुक्त बनावट में मदद मिलती है। व्यायाम करने से आपके हॉर्मोन्स को संतुलित रखने में मदद मिलती है और इससे रक्त प्रवाह भी बेहतर होता है। बलासन, अधोमुख शवासन और वज्रासन जैसे सामान्य योग व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।
6. तनाव का प्रबंधन करना
तनाव आधुनिक जीवन का हिस्सा बन गया है और इससे हमारा शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित होता है। इसे कम करने के लिए नारियल तेल को गुनगुना कर इससे कंधों व सिर की मालिश करनी चाहिए। पार्क में सैर करने जाएं, सोशल मीडिया से दूर रहने की कोशिश करें।
7. शिरो अभयंग, शिरो पिचु
नारियल तेल और बालों को स्वस्थ बनाने में मदद करने वाली जड़ी-बूटियों के साथ अभ्यंग व शिरो पिचु जैसे आयुर्वेदिक इलाज सिर में मौजूद अत्यधिक गर्मी को घटाने में मदद करते हैं। अपने खानपान की आदतों को बदलने, सामान्य आयुर्वेदिक आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने और नियमित रूप से बालों में तेल लगाने जैसे कदमों से प्राकृतिक रूप से बालों का झड़ना रोकना संभव है!
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Ritisha Jaiswal
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