लाइफ स्टाइल

हार्ट अटैक आने की स्थिति में कैसे बचाएं अपनी या दूसरों की जान

Rani Sahu
12 Aug 2022 11:50 AM GMT
हार्ट अटैक आने की स्थिति में कैसे बचाएं अपनी या दूसरों की जान
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भारत के मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी हालत नाजुक बानी हुई है
भारत के मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी हालत नाजुक बानी हुई है। बीते कुछ समय की बात करें तो पिछले साल ही अभिनेता अमित मिस्त्री और सिद्धार्थ शुक्ला की मौत भी हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में हर साल लगभग 12 लाख युवा हार्ट अटैक की वजह से अपनी जान गंवाते हैं। एक अच्छी लाइफस्टाइल और सेहतभरा खानपान आपको हार्ट अटैक आने की संभावना को कम कर सकता है। लेकिन फिर भी इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। आज हम बात करेंगे कि यदि हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थिति बनती है तो आपको तुरंत क्या कदम उठाने हैं।
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक अक्सर बिना किसी पूर्व चेतावनी के आता है, जिस वजह से पीड़ित को सम्भलने का मौका भी नहीं मिल पाता। इसके मुख्य लक्षण हैं-
- सीने में तेज दर्द, खिंचाव, दबाव या छाती के मध्य भाग में दर्द की अनुभूति होना
- दर्द या असहजता जो आपके सीने से कंधे, हाथ, गर्दन, पीठ, जबड़े या दांत में फ़ैल रहा हो। कुछ मामलों में पेट के ऊपरी हिस्से में भी दर्द महसूस होता है।
- चक्कर आना, अपच, सीने में जलन
- सांस फूलना
- अचानक अत्यधिक पसीना आना
यदि आपको या आपके किसी परिचित को इनमें से कोई या सारे लक्षण महसूस होते हैं तो इसे हल्के में न लें। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत क्या करना है, आइये समझते हैं।
सबसे पहले अस्पताल पहुँचने की करें व्यवस्था
हार्ट अटैक आने पर आपको सबसे पहले अस्पताल पहुँचने की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके लिए तुरंत एम्बुलेंस को फ़ोन करें। एम्बुलेंस न मिलने की स्थिति में किसी प्राइवेट वाहन की व्यवस्था कर अस्पताल तक जाएं। ऐसी स्थिति में आप वाहन न चलाएं।
एस्पिरिन का कर सकते हैं सेवन
एम्बुलेंस का इंतजार करते हुए आप एस्पिरिन को चबाकर उसका सेवन कर सकते हैं। एस्पिरिन आपके खून को जमने से रोकने में मदद करता है। यदि आपको एस्पिरिन से एलर्जी है या पूर्व में आपको डॉक्टर ने इसे लेने से मना किया है तो इसका सेवन न करें।
नाइट्रोग्लिसरीन भी आ सकती है काम
नाइट्रोग्लिसरीन सीने में दर्द होने की स्थिति में ली जाने वाली दवा है। इसे निगलने की बजाय जीभ पर रखकर स्वतः घुलने देने की सलाह दी जाती है। यदि आपको दिल की समस्या है और डॉक्टर द्वारा नाइट्रोग्लिसरीन लेने की सलाह दी गई है तो हार्ट अटैक के लक्षण नज़र आने पर इस दवा का सेवन कर कुछ देर लेट जाएँ। ध्यान रखें कि यह हार्ट अटैक का इलाज नहीं है, आपको तुरंत अस्पताल जाने की आवश्यकता है। अस्पताल पहुँचने तक हालत स्थिर बनाये रखने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है।
यदि पीड़ित बेहोश हो चुका है तो तुरंत सीपीआर दें
यदि हार्ट अटैक के बाद पीड़ित होश में नहीं है तो तुरंत सीपीआर देने की सलाह दी जाती है। पीड़ित व्यक्ति को सीधा लिटा कर उसकी छाती के बीचों बीच अपनी दोनों हथेलियों से लगातार दबाव बनाएं। इसे बेहद तेजी से करें, लगभग 100-120 झटके प्रतिमिनट। ऐसा दिल को कृत्रिम रूप से क्रियान्वित करने के लिए किया जाता है। मदद पहुँचने तक इस प्रक्रिया को जारी रखें।
Rani Sahu

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