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पढ़ाई का दबाव और मेंटल स्ट्रेस की वजह से बच्चों का इस तरह का कदम उठाना पहली बार नहीं हुआ है। 16-17 साल के बच्चे अपनी जान ले लेते हैं, तो सोचिए उनकी मानसिक स्थिति कैसी होगी। पढ़ाई और कॉम्पीटीशन का स्ट्रेस लगातार हावी रहता है। टीचर्स, परिवार और अपनी उम्मीदों पर खरा उतरे का दबाव कई लोगों को अंदर से तोड़ देता है। ऐसे में ज़रूरी है कि बच्चे इस स्ट्रेस को कम करना सीखें। हमने बात की मन:स्थली वेलनेस की फाउंडर और सीनियर साइकेट्रिस्ट, डॉ. ज्योति कपूर से। आइए उनसे जानें कि स्टूडेंट किस तरह पढ़ाई के स्ट्रेस का सामना कर सकते हैं।
डॉ. ज्योति कपूर ने कहा, ” कॉम्पीटेटिव एग्ज़ाम ज्यादातार स्टूडेंट्स को चिंता और तनाव के दौर से गुजरने पर मजबूर करते हैं। परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट का होना एक आम बात है। हर व्यक्ति की तनाव झेलने की क्षमता अलग होती है और हर व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है। हालांकि, कई बार किशोरों के लिए परीक्षा के इस तनाव को झेलना बेहद मुश्किल हो जाता है। आइए जानें की आप इस तनाव से कैसे बच सकते हैं।
अपना टाइम टेबल सेट करें
एक सही टाइम टेबल आपकी तैयारी में आपकी बहुत मदद कर सकता है। आगे की योजना बनाएं, सभी दैनिक गतिविधियों के लिए समय सेट करें। टॉपिक्स की प्राथमिकता लिस्ट बनाएं। छात्रों को नियमित रूप से मॉक टेस्ट देने की सलाह दी जाती है, जिससे कमज़ोर क्षेत्रों और फोकस स्तर की पहचान करने में भी मदद मिले। तैयारी के लिए रात होने से पहले का इंतजार न करें। एक अच्छी तरह से बनी योजना होने से आपको अधिक संगठित, उत्पादक और प्रेरित बनने में मदद मिलेगी, इससे तनाव और चिंता को दूर रखने और आपको स्थिति पर नियंत्रण करने में भी मदद मिलेगी।
खुद की किसी दूसरे से तुलना न करें और खुद पर भरोसा रखें
अगर आप नेगेटिविटी का अनुभव कर रहे हैं, तो इसे पॉज़ीटिव बनाने का प्रयास करें। प्रत्येक व्यक्ति के अपने गुण होते हैं, जिसमें वे सफलता हासिल करते हैं।
रेगुलर ब्रेक लें
अगर कोई छात्र अपना ज़्यादातर समय घर में रहकर पढ़ने में बिताता है, तो उसकी नॉलेज कम होने लगती है। इससे मस्तिष्क के अंदर सूचना का सेचुरेशन होने लगता है और अंततः थकान हो सकती है। रिसर्च से पता चलता है कि मस्तिष्क और शरीर को तरोताज़ा करने के लिए पढ़ाई से छोटे-छोटे ब्रेक लेना भी ज़रूरी है। इससे आपकी ऊर्जा, उत्पादकता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। उदाहरण के लिए, संगीत सुनना अद्भुत काम करता है; यह आपके मूड को हल्का करता और आपको अधिक तीव्रता के साथ अपनी पढ़ाई फिरशुरू करने में मदद करता है। आप बाहर जा सकते हैं, पार्क में टहल सकते हैं या साइकिल चला सकते हैं। ताज़ी हवा में सांस लेने और प्रकृति के बीच समय बिताने से परीक्षा के तनाव और चिंता को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अच्छा खाएं, एक्सरसाइज़ करें और फिट रहें
किताब की जानकारी याद रखने के लिए आपके दिमाग को आराम करने की ज़रूरत भी होती है। लगातार लंबे समय तक पढ़ाई, अनुचित डाइट और भारी मात्रा में तनाव आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए, हम छात्रों को फिट और सक्रिय रहने के लिए व्यायाम और ध्यान करने की सलाह देते हैं। दिन की शुरुआत एनर्जेटिक होनी चाहिए, इसके लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक नाश्ता करना ज़रूरी है। साथ ही रात का खाना हल्का रखें ताकि आपको तुरंत थकान और नींद न आए। अगर आपको स्नैक्स पसंद हैं, तो ड्राई फ्रूट्स और नट्स का एक डिब्बा अपने पास रखें।
अच्छी नींद लें
किसी भी काम के साथ नींद पूरी करना बेहद ज़रूरी होता है। आपका शरीर और दिमाग जबतक तरोताज़ा नहीं होगा, तब तक आप भी अच्छे से पढ़ नहीं पाएंगे। नींद की कमी आपकी क्षमताओं और तनाव के स्तर को प्रभावित करती है। सुनिश्चित करें कि आपको हर दिन 7-8 घंटे की अच्छी नींद मिले। अच्छी नींद लेना बहुत ज़रूरी है, खासकर परीक्षा के दौरान। नींद आपके दिमाग़ को अधिक ज्ञान को लेने और जानकारी को लंबे समय तक याद रखने में मदद करती है।
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Apurva Srivastav
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