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पिम्पल्स और एक्ने के साथ सबसे बड़ी भ्रांति ये है कि लोगों को लगता है कि ये सिर्फ केवल छोटी उम्र या टीनएज में होते हैं. ऐसा समझा जाता है कि 22-25 की उम्र के बाद एक्ने की समस्या खत्म हो जाती है. हालांकि ऐसा नहीं है. कई लोगों को 35-40 की उम्र में भी पिम्पल और एक्ने की समस्यां होती है. एक्ने की वजह से लोग परेशान रहते हैं, क्योकि कोई भी व्यक्ति ये नहीं चाहता कि उसके कोमल से चेहरे पर कोई दाग या फुंसी हो. ऐसे लोग जो अपनी किशोरावस्था में मुंहासे का अनुभव नहीं करते उन्हें 30-35 की उम्र के बाद अचानक त्वचा पर ब्रेकआउट दिखाई देने लगते हैं. इसी को एडल्ट एक्ने कहा जाता है.
ये एक्ने यंग एज में होने वाले एक्ने से अलग होते हैं. न्यूट्रिशनिस्ट डॉ रुजुता दिवेकर ने कहा कि आमतौर पर टीनएज में लोगों को उनके माथे-नाक, निचले गाल, ठुड्डी और ऊपरी होंठ पर एक्ने या पिंपल की समस्या होती है. एडल्ट लोगों को मुंहासे फटने से रोकने के लिए खुद का ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है. यह आमतौर पर शरीर में हार्मोनल असंतुलन की वजह से होता है. डॉ रुजुता दिवेकर ने बताया की किशोरावस्था और एडल्ट एक्ने के बीच अंतर यह है कि बाद में होने वाले एक्ने शरीर पर निशान नहीं छोड़ते हैं जबकि किशोरावस्था में होने वाले एक्ने शरीर पर काले धब्बे छोड़ देते हैं.
एडल्ट एक्ने के कारण
हार्मोनल बैलेंस बिगड़ना
ज्यादा स्ट्रेस
सन एक्स्पोज़र
मोटापा या कोलेस्ट्रोल
बढ़ा हुआ शुगर भी एडल्ट एक्ने का कारण है
इन 4 तरीको से रहें एडल्ट एक्ने को दूर
न लें ज्यादा स्ट्रेस
न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने कहा कि एडल्ट एक्ने को कम करने के लिए सबसे पहले उम्रदराज लोगों को तनाव को मैनेज करना सीखना होगा. यानी उन्हें कम स्ट्रेस लेना है. काम और अतीत को लेकर ज्यादा स्ट्रेस ना लें और एक खुशहाल जिंदगी जिएं.
अच्छी नींद लें
एक्ने की समस्या को कम करने के लिए सबसे जरूरी है अच्छी नींद. ऐसा इसलिए क्योंकि सोते समय ही सभी हार्मोनल गतिविधियां होती हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को 8 से 10 घंटे की नींद की जरूरत नहीं है. बस उन्हें क्वालिटी/अच्छी नींद की जरूरत है जिसमें उनका दिमाग और शरीर शांत रहे. न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने कहा की एक्ने की समस्या को दूर करने के लिए लोगों को रात में जल्दी सोना शुरू करना चाहिए. आज के समय में अधिकतर लोगों की जीवनशैली ऐसी हो गई कि वे रात को 12 या 1 बजे के बाद ही सोते हैं. उन्होंने बताया कि स्वस्थ शरीर अच्छी स्किन को दर्शाता है. यदि स्किन में सुधार होगा तो शरीर में बाकी सब अपने आप सुधर जाएगा.
इसके साथ ही उन्होंने बताया की IGF-1 जैसे हार्मोन जो प्राइमरी ग्रोथ हार्मोन है, वह हमारे शरीर में इंसुलिन को नियंत्रित करता है. यह हार्मोन शरीर में पोषक तत्व को बेहतर तरीके से अब्सॉर्ब करता है जिससे त्वचा जवां बनी रहती है.
एक्साइज है जरूरी
रुजेता दिवेकर ने कहा कि एडल्ट लोगों को वेट ट्रेनिंग करनी चाहिए. जब आप वेट ट्रेनिंग करते हैं तो आप अपने मसल्स का निर्माण करते हैं. अच्छे मसल्स शरीर में ग्रोथ हार्मोन को बढ़ावा देते हैं जिससे त्वचा अच्छी रहती है और एक्ने की समस्यां नहीं आती. उन्होंने कहा कि उम्रदराज लोगों में ग्रोथ हार्मोन ज्यादा एक्टिव नहीं रहता जिसकी वजह से एक्ने की समस्या आती है.
मुहांसों की समस्या को दूर रखने के लिए खानपान में शामिल करें ये चीजें
डॉक्टर दिवेकर ने बताया कि हमें अपने खानपान में सुखा नारियल, केले का फूल और ताजे फलों को शामिल करना चाहिए. ये सभी हमारे त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करते हैं.
सूखा नारियल
सूखे नारियल में शरीर के लिए आवश्यक फैट और मिनरल्स जैसे कि सेलेनियम और मैंगनीज पाए जाते हैं जो शरीर में इंसुलिन को बनाए रखते हैं. इसमें पाए जाने वाले फैट और मिनरल्स शरीर को फ्रेश और जवां बनाएं रखने में मदद करते हैं.
केले के फूल
केले के फूल से एक सब्जी बनाई जाती है जिसे वादी कहा जाता है. यह एक पारंपरिक व्यंजन है. केले के फूल महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाता है. साथ ही पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन लेवल को भी संतुलित करता है. रुजेता दिवेकर ने कहा कि 2 सप्ताह में कम से कम एक बार केले के फूल को हमे अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए जिससे एक्ने की समस्यां न आए.
जूस पीने के बजाय खाएं फल
डॉक्टर दिवेकर ने कहा कि कुछ लोग ताजे फलों का जूस बनाकर सेवन करते हैं लेकिन इससे फल का मौखिक स्वाद बर्बाद हो जाता है. उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति फल को चबाकर खाता है तो ये उसके मौखिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है साथ ही विटामिन बी-सी और सभी एंटीऑक्सीडेंट को शरीर आसानी से अब्सॉर्ब कर लेता है. रुजेता दिवेकर ने कहा कि लोगों को मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए. ताजे फल खाना न केवल पाचन के लिए अच्छा है बल्कि ये शरीर की सूजन को भी कम करता है.
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