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सपनों को साकार करना हो तो सबसे ज़रूरी काम है सपने देखना...और उन्हें सच्चाई में तब्दील करना हो तो सही वित्तीय योजना ही आपको मनचाही मंज़िल तक पहुंचा सकती है. दो से तीन वर्षों की अवधि में यदि आप अपनी उच्च शिक्षा के लिए, अपनी शादी के लिए, अपनी विदेश यात्रा के लिए या फिर घर ख़रीदने के लिए पैसे निवेश करने के बारे में सोच रही हैं तो आप सही लेख पढ़ रही हैं. ये सभी ऐसे आर्थिक लक्ष्य हैं, जिन्हें पाने के लिए आपको पहले से योजना बनानी होगी. जहां हमारे सभी फ़ायनांशियल एक्सपर्ट्स इस बात पर एकमत दिखाई दिए, वहीं उन्होंने इन लक्ष्यों को पाने का रास्ता भी सुझाया. आइए उनकी सलाह पर ग़ौर फ़रमाएं, ताकि अपने सपनों को सच कर दिखाना दूर की कौड़ी न होकर मुट्ठी में है जहां वाली कहावत में बदल जाए...
आपका लक्ष्य: विदेश की सैर
चार्टर्ड अकाउंटेंट व फ़ायनांशियल ऐड्वाइज़र सागर ठक्कर कहते हैं,‘‘अगर आप लोन लिए बिना एक हफ़्ते के लिए विदेश की सैर पर जाना चाहती हैं तो आपको डेढ़ से दो साल पहले इसकी प्लैनिंग शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि जहां तक मेरी जानकारी है परिवार सहित एक हफ़्ते के लिए विदेश यात्रा पर जाने के लिए कम से कम से कम चार लाख रुपयों की आवश्यकता होगी. यह राशि डेस्टिनेशन के हिसाब से घट या बढ़ सकती है.’’
इस बारे में आगे बताते हुए वे कहते हैं,‘‘अन्य ज़रूरी चीज़ें, जैसे-लाइफ़ इंश्योरेंस, मेडिकल व इमर्जेंसी फ़ंड के लिए पैसे अलग करने के बाद ही आपको इस बारे में सोचना चाहिए. यदि आप कम समय में ज़्यादा रिटर्न्स चाहती हैं तो आपको जोखिम उठाना पड़ेगा. इसके लिए अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफ़ोलियो को इक्विटीज़, डेट फ़ंड्स व रेकरिंग डिपॉज़िट के बीच विभाजित करें. कंपनी के बारे में अच्छी तरह रिसर्च करने के बाद 65% से 70% इक्विटीज़ में निवेश करें, क्योंकि इसमें औसतन 0 से लेकर 30% तक रिटर्न्स मिलने की संभावना रहती है, लेकिन जैसा मैंने कहा यह जोखिम भरा क़दम होगा, इसलिए बेहतर होगा कि स्टॉक्स चुनते समय आप फ़ंड मैनेजर की मदद लें. बचे हुए पैसों को डेट फ़ंड्स व रेकरिंग डिपॉज़िट में डालें. इन पर औसतन 5% से लेकर 9% तक रिटर्न मिलता है.’’
निवेश के अलावा विदेश यात्रा की सही तरह से प्लैनिंग के लिए अन्य पहलुओं पर ग़ौर करना भी बेहद ज़रूरी है. इस बारे में अपनी राय देते हुए यूएई एक्सचेंज के ग्लोबल ऑपरेशन डिविज़न के वाइस प्रेसिडेंट प्रमोद महंत सलाह देते हैं,‘‘आप दूरदर्शिता दिखाकर व अपने पैसों को समझदारी से ख़र्च करके अधिकतम लाभ उठा सकती हैं. इसके लिए जल्द से जल्द ट्रिप की तारीख़ तय करके एड्वांस एयर टिकट बुक कर लें. आप जितनी जल्दी टिकट बुक करेंगी, आपको उतनी सस्ती टिकट मिलेगी. होटल में अच्छी डील पाने के लिए ऑनलाइन रिसर्च करने के बाद होटलवालों से सीधे संपर्क करके रेट कम करवाने की कोशिश करें. कमरा बुक करने के लिए न्यूनतम पैसे भरें और बची हुई राशि, जितना हो सके उतना पोस्टपोन करें.’’
आपका लक्ष्य: उच्च शिक्षा
इन्वेस्टर्स शॉपी की मैनेजिंग डायरेक्टर व फ़ायनांशियल ऐड्वाइज़र जया के नागरमत कहती हैं,‘‘जब हम बात फ़ायनांशियल प्लैनिंग की करते हैं तो ये बात उतनी महत्वपूर्ण नहीं होती कि आपका लक्ष्य क्या है, बल्कि महत्वपूर्ण ये होता है कि उसे पाने के लिए आपकी समय सीमा क्या है.’’ सबसे पहले अपनी प्राथमिकताएं तय करना ज़रूरी है कि आप क्या पहले करना चाहती हैं. ‘‘शिक्षा के लिए निवेश करना भी दूसरे निवेश की तरह आपके जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है. यदि आपके पास सालभर का समय है तो लिक्विड फ़ंड्स, दो-तीन वर्षों का समय है तो डेट फ़ंड्स यदि पांच वर्ष या उससे अधिक का समय है तो इक्विटी में निवेश, पूरा नहीं तो कम से कम 30% डेट और 70% इक्विटी में निवेश किया जा सकता है,’’ ये बताते हुए वे ताकीद करती हैं,‘‘यदि आप अपना पैसा जोखिम न उठाने की वजह से डेट फ़ंड्स में ही निवेश करती रहेंगी तो बढ़ते इन्फ़्लेशन के चलते आपकी राशि की क़ीमत वहीं की वहीं रह जाती है. पर्चेज़िंग पावर नहीं बढ़ पाती. तो यदि आप धन को बढ़ाना चाहती हैं तो उसे इक्विटी में लगाना ही होगा.’’
शिक्षा के मामले में भी आपका प्रोफ़ाइल जानना ज़रूरी होगा. कोई आप पर निर्भर तो नहीं है? यदि आप अकेली हैं और कोई ज़िम्मेदारी नहीं है तो आप जोखिम ले सकती हैं. ‘‘फ़िलहाल आप नौकरी कर रही हैं तो मैं उच्च शिक्षा के लिए लोन लेने की हिमायत भी करूंगी, क्योंकि ये अच्छा लोन है. जो कम दरों पर मिलता है, इसे लेने पर टैक्स में छूट मिलती है, आपका स्किल बढ़ता है और आगे अच्छे वेतन वाली नौकरी भी मिलेगी. ये भी देखें कि आपको किस दर पर एजुकेशन मिल रहा है और इसकी वजह से आपको टैक्स में कितनी छूट मिल रही है, फिर यदि आपका निवेश आपको अच्छी दर पर रिटर्न दे रहा है तो आपको लोन लेना चाहिए,’’ जया कहती हैं.
आपका लक्ष्य: अपना आशियाना
जया के नागरमत कहती हैं,‘‘जब भी हम किसी के फ़ायनांशियल लक्ष्य देखते हैं तो उन्हें सबसे पहले इमरजेंसी फ़ंड बनाने की सलाह देते हैं, ताकि यदि कल को आपकी आय में कुछ समय के लिए कमी आई तो भी आप तैयार रहें. जब बात घर ख़रीदने जैसी बड़ी ज़िम्मेदारी की हो तो बहुत-सी बातों पर ग़ौर करना ज़रूरी है. घर ख़रीदने से पहले सुनिश्चित कर लें कि यदि आपके ऊपर कुछ लोग निर्भर हैं तो उन सबके हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ़ इंश्योरेंस हों. आपने डाउन पेमेंट के लिए राशि जमा कर ली हो और आपके पास कुछ लिक्विड फ़ंड्स होना भी ज़रूरी है, ताकि आप आकस्मिक ख़र्चों से आसानी से निपट सकें. एक नौकरीपेशा व्यक्ति यदि घर लेना चाहे तो होम लोन लेना ज़रूरी होता है. ये एक अच्छा लोन है, जो आपको लेना भी चाहिए, क्योंकि इससे आपको टैक्स में छूट मिलती है. पर लोन लेने के बाद वेतन का एक बड़ा हिस्सा ईएमआई में चला जाता है.’’
जया ये भी कहती हैं कि इस पूरी तैयारी के लिए आपको तीन से चार वर्षों का लक्ष्य लेकर चलना होगा. साथ ही तीन से छह महीने की ईएमआई को एक तरफ़ अलग रख लें तो और भी बेहतर होगा, क्योंकि ये आपको किसी आकस्मिक आर्थिक हलचल के दौर में भी सुरक्षित रखने का काम करेगा. ‘‘भले ही बात घर लेने की हो रही हो, पर मैं आपको ख़ुद का हेल्थ इंश्योरेंस लेने की सलाह यहां भी दूंगी.’’ अब दूसरी बात कि इन तीन-चार वर्षों में आप जो पैसे बचाती हैं, उन्हें कहां निवेश करें? तो जया का सुझाव है,‘‘म्यूचुअल फ़ंड्स पैसों के निवेश का एक अच्छा विकल्प हैं. आज बाज़ार में म्यूचुअल फ़ंड्स ही एक ऐसा निवेश का ज़रिया हैं, जो कम लागत पर निवेशकर्ता को अच्छा रिटर्न दे रहे हैं. ये पारदर्शी हैं. इनमें निवेश करना और पैसे वापस निकालना दोनों ही आसान हैं. फिर यदि आप एक साल की अवधि के लिए निवेश कर रही हैं तो लिक्विड फ़ंड में निवेश करें, क्योंकि इसमें स्टॉक मार्केट से जुड़ा जोखिम नहीं होता. और यही वजह है कि रिटर्न्स बहुत ज़्यादा नहीं मिलेंगे, लेकिन डाउन पेमेंट के लिए पैसे इकट्ठा करने में ये निवेश सहायक होगा. यदि आपका लक्ष्य दो या उससे अधिक वर्षों का है तो डेट फ़ंड्स में निवेश कर सकती हैं, जहां जोख़िम कम है और आपकी मूल राशि सुरक्षित रहती है.’’
आपका लक्ष्य: शादी
फ़ायनांशियल प्लैनर हेतांशु शाह कहते हैं,‘‘शादी के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता होती है. चूंकि शादी बहुत महत्वपूर्ण अवसर होता है इसलिए मैं इक्विटीज़ में कम से कम निवेश करने की सलाह दूंगा, क्योंकि यह शेयर मार्केट से जुड़ा होता है इसलिए इसमें निवेश करना जोखिमभरा निर्णय होगा, क्योंकि पैसे डूबने या घाटा होने पर शादी की तैयारी में विघ्न पड़ सकता है इसलिए मेरे अनुसार आपको अधिकांश पैसे यानी तक़रीबन 70% सुरक्षित जगह निवेश करना चाहिए. मैं गोल्ड प्लैन्स व गोल्ड ईटीएफ़ में निवेश करने के सलाह दूंगा. गोल्ड एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लैन) एक अच्छा विकल्प है. इसके अंतर्गत बैंक आपके निर्देशानुसार आपके पैसों को गोल्ड मार्केट में निवेश करता है और अवधि पूरी होने पर सोने की मौजूदा क़ीमत के अनुसार कैश देता है, जबकि गोल्ड ईटीएफ़ में कैश या गोल्ड दोनों का विकल्प होता है यानी आप अपनी आवश्यकतानुसार बैंक से कैश या गोल्ड कुछ भी ले सकती हैं. इसके अलावा आप किसी भरोसेमंद ज्वेलर के यहां हर महीने एक निश्चित राशि जमा कर सकती हैं, ताकि शादी के समय गहने लेते समय आप पर अतिरिक्त भार न पड़े. मैं सोने में निवेश करने की सलाह इसलिए दे रहा हूं, क्योंकि महंगाई दर बढ़ने पर सोने की क़ीमत भी बढ़ती है इसलिए इसमें घाटा होने की संभावना बहुत कम होती है. आपके पास फ़िक्स डिपॉज़िट का विकल्प भी है. इस पर 9% से 10% इंटरेस्ट मिलता है. साथ ही फ़िक्स डिपॉज़िट की राशि पर 90% तक लोन भी मिलता है. बची हुई राशि यानी 30% इक्विटीज़ या म्यूचुअल फ़ंड्स में डाल सकती हैं. इसके बावजूद यदि शादी के लिए पैसे कम पड़ें तो आप जहां नौकरी कर रही हैं उस कंपनी से ब्रिज लोन (अस्थाई लोन) ले सकती हैं, इसमें आपको बहुत कम ब्याज़ भरना पड़ेगा. यह बैंक लोन से बेहतर है.’’
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Kajal Dubey
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