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सुबह उठकर सूक्ष्म आयाम करना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है. ये आपके शरीर के प्रत्येक अंग को मूवमेंट देता है और बिना किसी इंजरी या नुकसान पहुंचाए प्रत्येक अंग को मज़बूत बनाता है. अक्सर लोग कठिन आसनों को करने की कोशिश करते हैं, जबकि अगर आप रोज सूक्ष्म आयाम भी करें, तो ये आपके लिए कई तरह से लाभकारी हो सकता है. यही नहीं, आप इसे कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं. अक्सर समय के अभाव में हम खुद की सेहत को नज़रअंदाज कर देते हैं, जबकि आप घर और दफ्तर में टेबल, चेयर पर बैठकर भी सूक्ष्म आयाम कर सकते हैं. यही नहीं, घर में सुविधाएं बढ़ जाने की वजह से लोग अपना शरीर खराब कर लेते हैं. ऐसे में शरीर को ठीक रखने के लिए सूक्ष्म आयाम आपकी काफी मदद कर सकता है. इसके अलावा गर्मी के मौसम में अपने आहार का भी खास ख्याल रखें.
इस तरह करें प्रारंभ
अभ्यास का तरीका आसनों को करने के लिए सबसे पहले अपने मैट पर बैठें और गहरी सांस लेते हुए अपने सांस की आवाज पर ध्यान केंद्रित करें. अब ओम शब्द का उच्चारण करें और प्रार्थना करें. इस बात का ध्यान रखें कि सांस को लयबद्ध तरीके से लें और बाहर निकालें.
अब पैरों को मैट पर आगे की तरफ सीधा फैलाएं और कमर को सीधा रखें. अब पंजों को आगे, पीछे चलाएं. ऐसा 10 बार करें. अब पंजों को रोटेट करें. सांस बेहतर तरीके से लें. इससे आपके पंजे, जखने, पैर मजबूत होते हैं.
अब एक पैर को जांघों को दोनों हाथों से पकड़ें और घुटने से मोड़ें और सीधा करें. ऐसा 10 चक्र करें. अब दूसरा पैर से करें. इन सूक्ष्मयामों से बॉडी में लचीलापन बना रहता है. पूरा विस्तार से देखने के लिए आप ये विडियो देख सकते हैं.
सूर्यनमस्कार करने का तरीका
प्रणामासन (Pranamasana)
अपने मैट पर खड़े हो जाएं और अपने हाथों को प्रणाम की मुद्रा में रखते हुए सूर्य का ध्यान करें. इस दौरान अपनी कमर गर्दन सीधी रखें और हाथों को अपने सीने से सटाकर रखें.
हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)
अब गहरी सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को कान से सटाकर सिर के ऊपर ले जाएं. अब अपने हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की तरफ हल्का झुकें.
पादहस्तासन (Padahastasana)
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस मुद्रा में आपका सिर घुटनों से मिलना चाहिए.
अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)
अब गहरी सांस लेते हुए दाहिने पैर पीछे की ओर ले जाएं. इस पैर का घुटना जमीन से छूना है. इस दौरान दूसरे पैर को मोड़ें. अपनी हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर सिर रखकर सामने की ओर देखें.
दंडासन (Dandasana)
फिर सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा करते हुए एक लाइन में रखें. फिर पुश-अप करने की मुद्रा में आ जाएं.
अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara)
अब सांस लेते हुए अपनी दोनों हथेली, सीना, घुटना और पैरों को जमीन से सटाएं और कुछ क्षण इस अवस्था में रहें.
भुजंगासन (Bhujangasana)
अब सांस छोड़ते हुए अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और नाभी तक शरीर के अगले हिस्से को उठाएं और पेट को जमीन से सटाकर रखें. गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं.
अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana)
अधोमुख शवासन यानी पर्वतासन के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठा लें. अपने कंधों को सीधा रखें और मुंह को अंदर की तरफ रखें.
इसके बाद अश्व संचालनासन, पादहस्तासन, हस्तउत्तनासन और प्रणामासन करते हुए चक्र को पूरा करें. ध्यान रहे कि योगाभ्यास अपनी क्षमता के अनुसार ही करें. अपनी श्वास-प्रश्वास का ध्यान रखें और सभी नियमों का पालन करें.
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Apurva Srivastav
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