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दिमाग को कैसे रखें चुस्त-दुरूस्त

Rani Sahu
11 Sep 2022 6:08 PM GMT
दिमाग को कैसे रखें चुस्त-दुरूस्त
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दिमाग शरीर का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। जीवन की सारी दिनचर्याएं इसी के द्वारा संचालित होती हैं। दिमाग को लेकर लोगों में भ्रामक धारणाएं प्रचलित हैं कि बढ़ती उम्र का दुष्प्रभाव दिमाग पर पड़ता है और बढ़ती उम्र के साथ बुद्धि कमजोर होने लगती है लेकिन लोगों का ऐसा मानना सही नहीं है। वास्तविकता यह है कि उम्र बढऩे के साथ दिमाग और विकसित होता है। दिमाग की कोशिकाएं उम्र बढऩे के साथ लगातार बनती रहती हैं लेकिन कोशिकाओं के बनने की दर सभी व्यक्तियों में एक जैसी नहीं होती है, प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक संरचना के अनुसार कोशिकाओं के बनने की दर अलग अलग होती है। दिमाग शरीर के लिए आवश्यक आक्सीजन का 25 प्रतिशत तथा ग्लूकोस का 70 प्रतिशत उपयोग करता है जिससे उम्र बढऩे के साथ यह विकसित होता रहता है।
आज की परिवर्तित जीवन शैली के कारण न तो हम स्वास्थ्य संबंधी नियमों का अनुसरण कर पाते हैं और न शरीर व दिमाग का ठीक से ख्याल ही रख पाते हैं। यही कारण है कि हम तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जब हमारा दिमाग स्वस्थ रहेगा, तभी शरीर भी स्वस्थ रहेगा। कुछ दिमागी कसरतों को करके स्मरण शक्ति तथा तर्क शक्ति को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही अपने खान-पान पर भी ध्यान देना पड़ेगा। तली-भुनी चीजों तथा ज्यादा चिकनाई वाली चीजों का सेवन हानिकारक होता है। इसलिए ऐसे खाद्य-पदार्थों के सेवन से बचना होगा। खनिज लवण तथा विटामिनों से भरपूर खाद्य-पदार्थों का पर्याप्त मात्र में सेवन करना चाहिए। ऐसे खाद्य पदार्थ दिमाग व शरीर दोनों के लिए हितकर होते हैं।
ज्यादा तली-भुनी व चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से मोटापा बढ़ता है। हाल ही में किये गए एक अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि मोटापे के कारण शरीर और दिमाग दोनों को नुकसान पहुंचता है। मोटापे के कारण शरीर में एमीनो एसिड तथा फैटी एसिड की मात्र बढ़ जाती है जिसके कारण दिमाग को रक्त आपूर्ति करने वाली नसें कमजोर हो जाती हैं। फलों के ज्यादा सेवन से ये नसें कमजोर नहीं हो पाती, इसलिए फलों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।
बीड़ी, सिगरेट के धुएं से भी दिमाग को नुकसान पहुंचता है, इसलिए न तो धूम्रपान करना चाहिए और न धूम्रपान करने वालों के सामने बैठना ही चाहिए। दिमाग को सबसे ज्यादा आक्सीजन की जरूरत पड़ती है। जब फेफड़े स्वस्थ और दुरूस्त रहेंगे और तभी दिमाग को भरपूर आक्सीजन मिल सकती है। फेफड़ों को स्वस्थ और दुरूस्त बनाए रखने के लिए किसी जिम में जाकर व्यायाम करने की जरूरत नहीं है। शारीरिक श्रम करके ही फेफड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है। अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार श्रम करना काफी है, नीचे कुछ व्यायाम प्रस्तुत हैं जिन्हें करके दिमाग को दुरूस्त रखा जा सकता है:-
आंखें बंद करके घर का चक्कर लगाएं। ऐसा करते समय ध्यान एकाग्र करना होगा कि घर में कहां, कौन सी चीज है।
हेयर बैंड या टुथपिक के 20-25 उपयोग सोचें।
नाम के अतिरिक्त लोगों की आवाज व गंध भी याद रखने की कोशिश करें।
वार्डरोब खोलकर कुछ देर तक उसके अंदर की चीजों को ध्यान से देखें। फिर उसे बन्द कर दें। अब उसमें रखी चीजों को याद करके उनके नाम एक कागज पर लिखें।
यदि आप दाएं हाथ से काम करते हैं तो सुबह बाएं हाथ से मंजन या ब्रश करें। ऐसा करने से बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।
घर के फर्श पर पड़ी छोटी-छोटी चीजों को पैर से उठाए। ऐसा दिन में तीन-चार बार करें।
जूते के फीते बांधते समय दैनिक दिनचर्या के 20-25 कामों को याद करें।
दोनों हाथों का एक साथ उपयोग करें जैसे हवा में गेंद उछालना और पकडऩा।
अपने दफ्तर हमेशा रास्ते बदल-बदलकर जाएं।
यदि आप उपरोक्त व्यायामों को नियमित रूप से करेंगे, तब 10-15 दिनों में लाभ महसूस होने लगेगा। यदि दोनों हाथों का एक ही समय में अलग-अलग उपयोग किया जाए तो लाभ ज्यादा मिलेगा लेकिन ऐसा करना आसान नहीं है क्योंकि दिमाग एक समय में एक ही कार्य करता है लेकिन दृढ़ निश्चय द्वारा एक ही समय में दिमाग द्वारा दो काम लिये जा सकते हैं। अपने दोनों हाथों की तर्जनी को सामने रखें। अब एक को घड़ी की दिशा में तथा दूसरे को घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाएं। प्रारंभ में तो ऐसा नहीं हो सकेगा लेकिन अभ्यास करते रहने से ऐसा करना संभव हो जाएगा उपरोक्त व्यायामों को नियमित रूप से करके दिमाग को आसानी से दुरूस्त रखा जा सकता है।
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