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जन्म से लेकर एक साल तक के बच्चों की परेशानियों को समझ पाना बहुत मुश्क़िल होता है, ख़ासतौर से नए अभिभावकों के लिए. इस अवधि में कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है. इन दिनों एक बहुत सामान्य समस्या देखने को मिलती है, वह है डायपर की वजह से पड़नेवाले रैशेज़. इसकी वजह से शिशु काफ़ी चिड़चिड़ा और परेशान रहता है. और इस परेशानी कई बार अभिभावक समझ ही नहीं पाते हैं.
डायपर रैशेज़ के कारण त्वचा पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं, जिसकी वजह शिशु को जलन व ख़ुजली महसूस होती है. अगर समय से इलाज नहीं किया जाता है, तो यह बैक्टीरियल इन्फ़ेक्शन का भी कारण बन जाता है. सुपर क्यूट डायपर की परिधि मंत्री, लीड कंज़्यूमर इनसाइट्स और प्रॉडक्ट्स इनोवेशन, हमें डायपर से जुड़ी कुछ ज़रूरी जानकारियां दे रही हैं. इन जानकारियों को अपनाकर आप अपने बेबी को डायपर रैशेज़ से बचा सकते हैं.
नियमित रूप से डायपर बदलते रहें
शिशु को डायपर रैशेज़ से बचाने का सबसे सही और आसान तरीक़ा है कि नियमित रूप से डायपर बदलते रहें. शिशु का डायपर लंबे समय तक गीला नहीं रहेगा तो रैशेज़ होने की संभावना ना के बराबर रहेगी और इसमें आपकी मदद बाज़ार में उपलब्ध वेटनेस इंडिकेटर वाले डायपर करेंगे. शिशु अगर लंबे समय तक गीला डायपर पहने रहता है, तो यीस्ट बैक्टीरिया भी बहुत आसानी से पनपते हैं और इंफ़ेक्शन होने का भी ख़तरा रहता है. इसलिए ज़रूरी है कि शिशु लंबे समय तक गीले डायपर में ना रहे.
अल्ट्रा थिन डायपर का इस्तेमाल करें
आजकल बाज़ार में सुपर बबल टेक्नोलॉजी और एक्स्ट्रा एब्ज़ॉर्प्शन वाले डायपर उपलब्ध हैं, जो शिशु को रैशेज़ से बचाकर उन्हें हमेशा ऐक्टिव रखते हैं. रैशेज़ के कई कारणों में से एक है, एयर सर्कुलेशन का रुकना है, जो मोटे डायपर की वजह से होता है. अगर आप अल्ट्रा थिन डायपर का इस्तेमाल करते हैं, तो यह समस्या नहीं आती है क्योंकि ये बहुत मुलायम और पतले होते हैं.
बैरियर क्रीम का इस्तेमाल करें
बैरियर बेबी क्रीम शिशु की त्वचा को यूरीन और स्टूल की वजह से होनेवाले नुक़सान से सुरक्षित रखता है. इसके साथ ही आप ज़िंक ऑक्साइड या पेट्रोलियम जेली बेस्ड ऑयन्टमेंट भी चुन सकते हैं. ये प्रॉडक्ट्स शिशु को रैशेज़ से बचने में मदद करते हैं. अगर शिशु को रैशेज़ हो भी जाएं तो प्रभावित त्वचा पर क्रीम की मोटी परत लगाएं, इससे रैशेज़ नहीं बढ़ेंगे और बच्चे को जलन और ख़ुजली से राहत मिलेगी.
आराम से साफ़ करें
यूरीन और स्टूल के बाद शिशु की त्वचा को साफ़ करते समय ज़ोर से रगड़ें नहीं. सफ़ाई के लिए गुनगुने पानी और मुलायम कपड़े का इस्तेमाल करें. किसी तरह के साबुन का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि उससे शिशु की कोमल त्वचा को नुक़सान पहुंचा सकता है. साफ़ करने के बाद क्रीम लगाना नहीं भूलें.
सही साइज़ चुनें
डायपर चुनते समय ध्यान रखें कि इसका साइज़ बेबी के लिए फ़िट हो. अगर डायपर बहुत बड़ा होगा तो शिशु की त्वचा पर बार-बार रगड़ खाएगा और बहुत छोटा होगा तो यूरीन और स्टूल बच्चे की त्वचा के संपर्क में आएंगे, जिससे रैशेज़ होने की संभावना बढ़ती है.
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