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डर पर काबू पाने के लिए ऐसे करें बच्चों की सहायता

Tara Tandi
24 Feb 2021 11:27 AM GMT
डर पर काबू पाने के लिए ऐसे करें बच्चों की सहायता
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शिशु जैसे-जैसे बड़ा होते हैं यानी ग्रोथ इयर्स में उनके मन में कई चीजों को लेकर डर बैठ जाता है।

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | शिशु जैसे-जैसे बड़ा होते हैं यानी ग्रोथ इयर्स में उनके मन में कई चीजों को लेकर डर बैठ जाता है। ऐसे में हर माता पिता की यह जिम्मेदारी होती है कि वो बच्चों के मन में बसे डर को कम करें। एक रिपोर्ट के अनुसार डर लगना बच्चों के सामान्य विकास का एक हिस्सा है। बच्चों को उनके उम्र के हिसाब से अलग-अलग तरह के डर लग सकते हैं । आज इस लेख के माध्‍यम से आज हम आपको बतानें जा रहें हैं कि बच्‍चों के अंदर से कैसे डर को निकाला जा सकता है ।

बच्चों के डर को कम करने के लिए उन्हें धीरे-धीरे गहरी सांस लेने के लिए कह सकते हैं। इससे डर के कारण शरीर में होने वाली प्रतिक्रियाएं कुछ कम हो सकती हैं।

बच्चे का हाथ पकड़ें या उन्हें गले से लगा लें। ऐसा करने से बच्चे खुद को अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।

बच्चों के डर के बारे में उनसे बात करें। आप उन्हें समझा सकते हैं कि रात को किस तरह से चीजों की परछाईं अलग और भयानक दिखती हैं, लेकिन उनसे डरने की जरूरत नहीं है।

बच्चों को सूई से लगने वाले डर को दूर करने के लिए माता-पिता उनके सामने तकिए या टेडी को सुई लगाने की एक्टिंग कर सकते हैं। इससे बच्चों के डर को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर घर में कई टीकाकरण के लिए आए, तो वो भी बच्चे को टीका लगाने से पहले उनके टेडी बियर को टीका लगाने का नाटक कर सकते हैं।

बच्चों के यात्रा से जुड़े डर को कम करने के लिए उनके सामने टॉय फायर इंजन नामक खिलौने का उपयोग कर सकते हैं। इससे उनके अंदर के डर को कम करने में मदद मिल सकती है।

बच्चों को भय का सामना करना सिखाना चाहिए। उदाहरण के लिए उनके सामने डरावना मास्क लगाकर जाएं और फिर उसे निकालने के लिए कहें या खुद निकालकर दिखाएं। ऐसा करने से फेस मास्क से होने वाला डर कम हो जाएगा।

बच्चों को बड़ों की तरह ट्रीट न करें, इससे उनका डर बढ़ सकता है। उनके साथ बच्चों की तरह ही पेश आएं। अपने व्यवहार को सौम्य और आवाज को धीमी रखें।

आप बच्चों को अधिक से अधिक समय और प्रेम देकर भी उनके डर को कम कर सकते हैं।

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