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एंग्जाइटी या पैनिक अटैक की दिक्कत को ऐसे करें कंट्रोल

Apurva Srivastav
5 March 2023 1:18 PM GMT
एंग्जाइटी या पैनिक अटैक की दिक्कत को ऐसे करें कंट्रोल
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व्यायाम से यहां पर हार्ड-कोर आयरन पंपिंग या रोजाना 50 KM मैराथन दौड़ना नहीं है
चिंता या पैनिक अटैक कोई मानसिक स्थिति या बीमारी नहीं है, बल्कि यह जीवन का मात्र एक चरण है जिससे निपटा जा सकता है। आपको बस एक स्वस्थ दैनिक दिनचर्या और कुछ साथियों के सहयोग की आवश्यकता होती है, जिससे कि आप अधिक सोचने पर मजबूर ना हों। दुनिया में कई लोग ऐसे मिलते हैं जो लोग आपको सलाह देते हैं, लेकिन ऐसी परिस्थिती में सलाह से ज्यादा साथ की आवश्यकता होती है। हमारा दिमाग हमारे शरीर का नियंत्रण कक्ष कहलाता है और अगर आपका शरीर सही से काम नहीं कर पा रहा है तो इसका मतलब है कि आपके मस्तिष्क में सब कुछ सही से नियंत्रित हो रहा है। इससे यह सोचने की आवश्यकता होती है कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं और क्या सोच रहे हैं।
जानकारों की मानें तो चिंता का एक ऐसा स्तर है जो आगे चलकर लगातार सबसे खराब स्थिति में विकसित हो सकता है, जिसमें खुद पर संदेह होना, डर लगना और भावनात्मक ऊर्जा का कम हो जाना शामिल है। इसलिए कहा जा सकता है अपने मन और दिमाग को शांत रखें। इसके लिए कई ऐसी तकनीक हैं जिससे आप अपनी चिंता पर काबू पाने में सक्षम हो सकते हैं। चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ सुझावों के बारे में जिनकी मदद से आप अपने दिमाग को आराम दे सकते हैं।
एंग्जाइटी या पैनिक अटैक की दिक्कत को ऐसे करें कंट्रोल-
1. बात करें - चीजों को मन के अंदर रखने से ये आपको अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचाता है और एक दिन बांध की तरह फट जाता है। हम सभी जीवन के साथ अलग तरह से पेश आते हैं क्योंकि हमारी परिस्थितियां अलग हैं। साथ ही, हर व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य अलग होता है। इसलिए, हममें से कुछ को जीवन की अनियमितताओं से निपटने में मदद की आवश्यकता हो सकती है। अगर आप किसी कारण से परेशान हैं, तो अपनी स्थिति के बारे में किसी मित्र, परिवार के सदस्य और सहकर्मी से बात करें, अगर उनसे नहीं कह पा रहे हैं तो स्वास्थ्य सलाहकार से बात करें।
2. डीप ब्रीथ - आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सांस लेने जैसी सरल शारीरिक गतिविधि भी चिंता को दूर रखने में फायदेमंद हो सकती है। डीप ब्रीथ लें और मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। यह न केवल आपको जीवन के कोलाहल में कूदने से पहले अपने विचारों को इकट्ठा करने में मदद करेगा बल्कि आपको समय-समय पर शांत होना भी सिखाएगा।
3. व्यायाम - व्यायाम से यहां पर हार्ड-कोर आयरन पंपिंग या रोजाना 50 KM मैराथन दौड़ना नहीं है। बल्कि साधारण गतिविधियां जैसे धीमे-धीमे चलना, जॉगिंग करना, तैराकी करना या फिर योग करना। कोई भी गतिविधि चुनें और एक दिनचर्या विकसित करें क्योंकि ये आपके शरीर को आराम करने में मदद करते हैं और साथ ही किसी भी पैनिक अटैक से बचाने के लिए आपको तैयार करते हैं।
4. नींद - अच्छी नींद आपकी आधी मानसिक परेशानी को कम कर सकता है। उचित नींद की कमी या समय पर सोने के लिए संघर्ष करने से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे आपकी एंग्जायटी अटैक की संभावना बढ़ सकती है। इससे बचने के लिए पता लगाएं कि आप पर्याप्त नींद ले रहे हैं या नहीं और अगर ऐसा है, तो अपने स्लीप साइकल में सुधार करें।
5. डाइट - संतुलित आहार आपकी अधिकांश स्वास्थ्य समस्याओं का उत्तर हो सकता है। चिंता के बारे में भी यही सच है। इसलिए सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक एक संतुलित आहार लें और सुनिश्चित करें कि अपना एक भी मील मिस ना करें।
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