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शरीर में बढ़ते यूरिक एसिड को कैसे करें कंट्रोल

Kajal Dubey
28 April 2023 12:44 PM GMT
शरीर में बढ़ते यूरिक एसिड को कैसे करें कंट्रोल
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जोड़ों में दर्द रहता है, लाल और सूजे हुए भी नज़र आते हैं, चलने-फिरने में मुश्क़िल हो रही है? यह सब आपके शरीर में एक 'कचरे' के जमा होने की निशानी है और वह यूरिक एसिड. यूरिक एसिड को समय पर नियंत्रित नहीं किया गया तो कई बीमारियां आपको चपेट में ले सकती हैं, जैसे अर्थराइटिस, किडनी फेल होना और शुगर भी.
क्या है यूरिक एसिड?
यूरिक एसिड हमारे शरीर में पाचनक्रिया के दौरान प्यूरीन के टूटने से बनता है. यह एक तरह से हमारे शरीर का नैचुरल वेस्ट प्रॉडक्ट है, जिसका अधिक या कम होना एक समस्या बन जाती है. कुछ खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से ही प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है. प्रोटीन के ब्रेकडाउन होने से भी यूरिक एसिड की समस्या होती है. यूरिक एसिड को किडनी समय-समय पर यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है. इस तरह से शरीर में एसिड का संतुलन बना रहता है. शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा 3.5 से लेकर 7.5 मिलीग्राम से लेकर डिसीलीटर तक का है.
क्या है यूरिक एसिड?
शरीर में यूरिक एसिड बनने के कई कारण हो सकते हैं और कई वजहों से किडनी इसे यूरीन के रास्ते बाहर नहीं निकाल पाती है. इसके अलावा यह जेनेटिक भी होता है और किडनी की समस्या होने पर भी है या डायबिटीज़, थायरॉइड, सोराईसिस जैसी कोई बीमारी है तब भी यूरिक एसिड का संतुलन बिगड़ जाता है. कुछ दवाइयों से भी यूरिक एसिड ज़्यादा बनता है. कई मामलों में अधिक वज़न और वज़न कम करने के दौरान भी यह समस्या खड़ी होती है.
यूरिक एसिड बनने के कारण
वैसे तो ज़्यादातर मामलों में यूरिक एसिड का पता नहीं चलता है. अगर जोड़ों में बहुत अधिक दर्द होता है तब जाकर ब्लड चेक कराने पर बढ़े हुए यूरिक एसिड के बारे में जानकारी मिल पाती है. जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो ख़ून में क्रिस्टल बनने लगता है, जिसे यूरेट क्रिस्टल भी कहा जाता है. यह क्रिस्टल यूरिन नली में जमा होते हैं तो किडनी स्टोन की समस्या होती है. वहीं जब ये हाथ-पैरों के जोड़ों में जमा हो जाते हैं तो असहनीय दर्द होता है. जोड़े लाल पड़ जाते हैं और सूजन भी आ जाती है.
यूरिक एसिड के लक्षण और इसका सेहत पर असर
इस समस्या को भी लाइफ़स्टाइल में सुधार करके ठीक किया जा सकता है. शराब और स्मोकिंग पर लगाम लगाएं. वज़न अधिक है तो कम करें. रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें. प्रोटीन युक्त खाना जैसे-मटन, चिकन, दूध, पनीर, मशरूम, प्रोटीन युक्त दालें और मछली ना खाएं. इसके अलावा डॉक्टर से सलाह लेकर आप दवाईयां भी ले सकते हैं. दवाईयों से यह कुछ समय में कंट्रोल किया जा सकता है. अगर उम्र के चालीसवें दशक में हैं, तो हर छह महीने पर अपना ब्लड टेस्ट करवाते रहें. इससे आपको सिर्फ़ यूरिक एसिड से ही नहीं; अन्य बीमारियों से बचने में मदद मिलेगी.
फ़ाइबर युक्त खानपान पर ध्यान दें
अपने आहार में हरी व पत्तेदार सब्ज़ियों को शामिल करें. इनमें फ़ाइबर की अच्छी मात्रा होती है. अतिरिक्त फ़ाइबर लेने के लिए मौसमी फलों, नींबू, संतरे और विटामिन-सी से भरपूर फलों का सेवन करें. ड्राय फ्रूट में बादाम, अखरोट और किशमिश खाएं. कैफ़िन लेने से बचें.
रसोई में भी है इसका इलाज
आपकी रसोई में रखे कुछ मसाले भी यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं. इसमें अजवाइन प्रमुख है. हालांकि अजवाइन की तासीर गर्म होती है इसलिए आधे छोटे चम्मच से अधिक इसका इस्तेमाल ना करें.
सिरका और जूस भी है फ़ायदेमंद
यूरिक एसिड के लक्षण और इसका सेहत पर असर
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए गेहूं के ज्वार का जूस और सेब का सिरका भी बहुत फ़ायदेमंद होता है. इनमें विटामिन-सी, ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स और ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होता है. ये शरीर में शरीर के यूरिन की मात्रा में बढ़ा देते हैं जिससे यूरिक एसिड अतिरिक्त मात्रा में शरीर में इक्ट्ठा नहीं पता है.
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