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महिलाओं को घर के कामकाज के दौरान घरेलू उपकारणों जैसे फ्रिज वाशिंग मशीन ओवन और मिक्सी आदि की जरुरत हमेशा पड़ती रहती है। इनसे जहां काम आसान होता है वहीं जल्दी भी हो जाता है। वहीं अगर आप काम में वयस्त रहने की बात कहकर अपने घरेलू उपकरणों की साफ सफाई नहीं कर पा रहीं तो यह नुकसान देह हो सकता है। फ्रिज वाशिंग मशीन और ओवन आदि की साफ-सफाई बेहद जरुरी है। इन उपकरणों में कई रोगाणुओं तथा फंगस के फलने-फूलने का खतरा रहता अधिक रहता है जिनके चलते पेट दर्द तथा त्वचा के संक्रमण जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इससे आप ही नहीं पूरे परेवार को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि ई कोली सालमोनेला तथा लिस्टीरिया जैसे रोगाणु फ्रिज में पनप सकते हैं जिसके चलते फूड प्वायजनिंग पेट में गड़बड़ी तथा फ्लू जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सलाद वाले दराजों में अक्सर सुरक्षित माने जाते बैक्टीरिया के मुकाबले 750 गुणा अधिक बैक्टीरिया होते हैं।
ऐसे में एक सप्ताह के बाद फ्रिज के दराजों तथा शैल्फों की हल्की सफाई की जानी चाहिए। जहां कुछ तरल बहा हो इसे साफ किया जाना चाहिए और बासी भोजन को फ्रिज से बाहर निकाल देना चाहिए। हर 3 महीने के अंतराल पर गहराई से फ्रिज की सफाई की जानी चाहिए। डीप क्लीनिंग के लिए फ्रिज से खाद्यों को निकाल दें और गीले कपड़े से जारों या डिब्बों के ढक्कनों तथा निचले हिस्सों की सफाई करें। उसके बाद शैल्फ तथा दराज हटा दें और किचन क्लीनर से फ्रिज के अंदर की सफाई करें। ड्रेन होल को बिल्कुल न भूलें। यदि यह ब्लॉक हो गया है तो फ्रिज से बदबू आ सकती है। सलाद वाले दराज में यदि पानी हो तो इसे बाहर निकाल दें। फ्रिज के हैंडल टॉप तथा साइडों को साफ करना न भूलें।
वाशिंग मशीन
वाशिंग मशीन में रोगाणु तथा जीवाणु पैदा हो सकते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि 44 प्रतिशत वाशर्स में इ कोली तता स्टेफीलोकोकस नामक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिनसे त्वचा पर छाले या खरोंचे हो सकती हैं।
वाशिंग मशीन की साफ-सफाई हर महीने की जानी चाहिए। डिटर्जेंट वाले दराज को मशीन से निकाल दें और साबिन वाले गर्म पानी में डुबो दें। जब पानी ठंडा हो जाए तो उसमें से धूल हटाने के लिए पुराने टूथब्रथ का इस्तेमाल करें। मशीन के मुख्य भाग की सफाई के लिए इसे खाली एक चक्र में घुमाएं। जब यह चक्र समाप्त हो जाए तो ड्रम को एयर ड्राई करने के लिए मशीन का दरवाजा खोलें। एक गीले कपड़े से रबड़ सील के आस-पास सफाई करें।
ओवन
ओवन में ग्रीस तथा तेल से बैक्टीरिया पैदा होने का खतरा होता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि टॉयलेट सीट के मुकाबले ओवन के हैंडल पर अधिक बैक्टीरिया पाए जाते हैं।
हफ्ते के आधार पर ओवन के दरवाजे की साफ-सफाई की जानी चाहिए। हर महीने ओवन की साफ-सफाई करें। ओवन की शैल्फों को निकाल दें और रातभर साबुन वाले पानी में डुबोकर रखें और स्क्रबिंग से पहले 30 मिनट के लिए एक सीलबंद प्लास्टिक बैग में डालकर रखें। हीटिंग एलीमैन्ट्स को ढक दें तथा खाद्यों को ओवन में से निकाल दें। क्लीनर से स्प्रे करें और इसके बाद गीली स्पंज या साबुन वाले गर्म पानी से इसकी साफ-सफाई करें। कोनों की सफाई के लिए टुथ ब्रश का इस्तेमाल करें और हैंडल की सफाई करना बिल्कुल न भूलें।
वहीं मिक्सी को अंदर से सूखे कपड़े से साफ कर उसके नट और स्कू आदि ठीक से कस दें।