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नई दिल्ली।दिवाली का त्योहार अब बस कुछ ही दिन दूर है। दो साल कोविड की वजह से लगे प्रतिबंध के बाद इस साल लोगों में त्योहार को लेकर अलग ही उत्साह देखा जा रहा है। इसमें कोई शक नहीं कि यह त्योहार ढेर सारी खुशियां और जश्न का मौका लेकर आता है, लेकिन साथ ही हमें खाने पीने पर नज़र भी रखनी चाहिए। ज़रूरत से ज़्यादा तला-भुना और मीठा खाने से आपकी सेहत पर असर पड़ सकता है और अचानक वज़न भी बढ़ सकता है।
मिठाइयों और कई फूड्स में मौजूद मैदा और चीनी शरीर में सूजन का कारण बनते हैं और गंभीर बीमारियां पैदा करते हैं। इसलिए इस दीवाली सोच समझकर ही खाएं, खासकर मिठाइयां।
मिठाई खाना कब नुकसान पहुंचाता है?
न्यूट्रिशनिस्ट भुवन रस्तोगी का कहना है कि मिठाइयों में चीनी और मैदे की मात्रा कहीं ज़्यादा होती है। साथ ही सिम्पल कार्ब्स और ग्लायसेमिक इंडेक्स में भी उच्च होती हैं। जिसका सेवन अगर ज़्यादा कर लिया जाए, तो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
दिवाली पर मिठाई लेते वक्त किन बातों को याद रखना चाहिए?
दूध से बनी मिठाइयां चुनें
दूध में प्रोटीन और फैट्स होते हैं। इसलिए अगर मिठाइयों में मलाई का भी उपयोग अगर किया गया है, तो भी इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स कम ही होगा। इसलिए रस मलाई, बिस्किट, केक की जगह छेना मिठाई लें। छेना में जहां दूध का उपयोग किया जाता है, वहीं रस मलाई, केक में खूब सारी चीनी और मैदा डलता है। रसमलाई और बिस्किट की तुलना में छेना में प्रोटीन की मात्रा भी ज़्यादा होती है।
फाइबर से भरपूर मिठाइयां चुनें
बेसन फाइबर से भरा होता है, जौ और बाजरे में फाइबर की मात्रा बेसन के मुकाबले थोड़ी कम होती है। रागी या आटे के लड्डू की जगह बेसन का लड्डू चुनें।
नैचुरल चीनी वाली मिठाइयां चुनें
ताज़ा खजूर से बनी मिठाइयां आर्टिफिशियल स्वीटनर से बेहतर होती हैं। खजूर में फ्रूक्टोस और फाइबर होता है, जो इसे ज़्यादा हेल्दी बनाता है। इसे सही मात्रा में खाया जाए, तो ये बिल्कुल सुरक्षित होती है।
ज़रूरत से ज़्यादा न खाएं
त्योहारों के समय हम में से ज़्यादातर लोग ज़रूरत से ज़्यादा खा लेते हैं। ऐसे में अपने खानपान पर नज़र रखें और थोड़ा-थोड़ा कर ही खाएं। इससे आपकी सेहत पर त्योहार का असर नहीं पड़ेगा।