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कैसे खरीदें सनस्क्रीन? जानें उसका लेबल पढ़ने का आसान तरीका

SANTOSI TANDI
13 Jun 2023 6:46 AM GMT
कैसे खरीदें सनस्क्रीन? जानें उसका लेबल पढ़ने का आसान तरीका
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कैसे खरीदें सनस्क्रीन?
सनस्क्रीन खरीदते समय सबसे पहले SPF देखा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका मतलब क्या है और क्यों अलग-अलग स्किन टाइप को अलग SPF की जरूरत महसूस होती है? इसके साथ, सनस्क्रीन के लेबल पर और भी बहुत सारी चीजें लिखी होती हैं। कई बार हम इन्हें बिना समझे ही सनस्क्रीन खरीद लेते हैं, लेकिन असल में इनका मतलब जानना भी बहुत जरूरी है।
सनस्क्रीन के लेबल पर जो चीजें लिखी होती हैं वो दरअसल यह बताती हैं कि आपकी स्किन पर सनस्क्रीन किस तरह से रिएक्ट करेगी। हालांकि, इतने मुश्किल टर्म्स समझना आसान नहीं है।की ओनर और मुंबई की चर्चित डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर रश्मि शेट्टी ने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी कुछ टिप्स शेयर की हैं। उन्होंने बताया है कि हमें सनस्क्रीन को किस तरह से देखना चाहिए।
क्या है SPF के नंबर का मतलब?
इसका फुल फॉर्म है सन प्रोटेक्शन फैक्टर। आपने देखा होगा हमेशा सनस्क्रीन SPF नंबर से ही देखी जाती है। डॉक्टर रश्मि के मुताबिक एक एसपीएफ का मतलब है आप 10 मिनट तक सूरज की किरणों से बचे हुए हैं। अब 30 या 50 का मतलब है 50*10 यानी 500 मिनट या 8 घंटे तक आप प्रोटेक्टेड हैं। पर यहां एक पेंच भी है। SPF तभी तक काम करता है जब तक स्किन इसे एब्जॉर्ब नहीं कर लेती या यह किसी वजह से शरीर से हट नहीं जाती। पसीना, पॉल्यूशन, गंदगी, सूरज की धूप, स्किन का टेक्सचर यह बहुत सारे फैक्टर्स पर निर्भर करता है। यही कारण है कि अधिकतर डर्मेटोलॉजिस्ट मानते हैं कि अगर आप धूप में बाहर जा रही हैं, तो हर दो घंटे में सनस्क्रीन लगानी चाहिए।
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क्या है TPA का मतलब?
TPA असल में टॉप प्रोटेक्शन ग्रेड फॉर UAV होता है। आपने देखा होगा कि सनस्क्रीन में PA++++ या स्टार (*) जैसा सिंबल बना होता है। इसका साधारण सा मतलब है कि आप UVA प्रोटेक्शन के मामले में सूरज से कितना सुरक्षित हैं। 4 स्टार या 4 प्लस आपके लिए बहुत अच्छा है।
क्या है बेस इंग्रीडिएंट?
सनस्क्रीन में किस तरह के एडिशनल इंग्रीडिएंट्स भी होते हैं। जैसे एलोवेरा जो स्किन को ठंडक दे, ड्राई स्किन के लिए ग्लिसरीन या फिर वाटर बेस्ड कंटेंट, विटामिन-सी आदि। ये इंग्रीडिएंट्स अलग तरह से असर करते हैं और आपकी स्किन पर किस तरह का इंग्रीडिएंट सूट करता है, वो आपको देखना चुनाव करना होगा।
आजकल सनस्क्रीन में हयालूरोनिक एसिड (Hyaluronic Acid) और नियासिनमाइड (Niacinamide) जैसे इंग्रीडिएंट्स भी सनस्क्रीन में आने लगे हैं जो आपको एडिशनल स्किन केयर दे सकते हैं।
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कब-कब लगानी चाहिए सनस्क्रीन?
इसका जवाब सीधा सा है। आपको सनस्क्रीन का इस्तेमाल हमेशा करना है। चाहे आसमान में बादल हों या फिर ठंड बहुत ज्यादा हो आपको सनस्क्रीन लगानी ही है। मौसम का फर्क सनडैमेज पर नहीं पड़ता है और स्किन को हमेशा प्रोटेक्शन की जरूरत रहती है।
मार्केट में बहुत सारे सनस्क्रीन ब्रांड्स उपलब्ध हैं, लेकिन आपकी स्किन को क्या सूट करता है वो जानने के लिए आप या तो पैच टेस्ट कर सकती हैं या इसके लिए डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।
ड्राई स्किन और ऑयली स्किन
आमतौर पर ड्राई स्किन वालों को क्रीम बेस्ड सनस्क्रीन चुननी चाहिए जिसमें ज्यादा से ज्यादा मॉइश्चराइजिंग इंग्रीडिएंट्स हों। यहीं ऑयली स्किन वालों को जेल बेस्ड सनस्क्रीन यूज करनी चाहिए। यही एक्ने वाली स्किन के लिए भी अच्छी होती है जिससे बहुत ज्यादा बिल्डअप स्किन में नहीं जमता।
सनस्क्रीन अगर आपकी स्किन में ठीक से एब्जॉर्ब नहीं होगी, तो वो असर भी नहीं करेगी। इसलिए स्किन टाइप के हिसाब से ही इसे चुनें।
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