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लाइफ स्टाइल
प्रेगनेंसी में हुए यूरिन इंफेक्शन से बचने का तरीका
Ritisha Jaiswal
23 Sep 2022 1:17 PM GMT
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यू.टी.आई. एक बेहद आम समस्या है लेकिन जब ये समस्या होती है
यू.टी.आई. एक बेहद आम समस्या है लेकिन जब ये समस्या होती है काफी तकलीफ होती है। गर्मियों के मौसम में यह समस्या काफी बढ़ जाती है। महिलाएं अपने पूरे जीवन में कभी ना कभी तो इस समस्या का शिकार जरूर हो जाती है। हालांकि पुरूष और बच्चों को भी यूटीआई की शिकायत हो सकती है। यूटीआई यानि यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जिससे यूरीनरी सिस्टम में इंफैक्शन हो जाता है। जिससे इंफैक्शन ब्लैडर तक पहुंच जाता है और फिर शुरू होती है
यूरिन पास करते हुए जलन
बार-बार प्राइवेट पार्ट के आस-पास जलन और खुजली का एहसास होना।
पेट और पीठ के निचले हिस्से में दर्द
यूरीन से बदबू और खून आना
भूख कम लगती है
बुखार आने लगता है और ठंड व उल्टी आने जैसा महसूस होता है।
अगर इसका समय पर इलाज ना किया जाए तो समस्या किडनी ब्लैडर और उन्हें जोड़ने वाली सारी नलिकाओं तक भी पहुंच सकती है जो किडनी पर इफेक्ट डाल सकती है।
ई-कोलाई बैक्टीरिया से होने वाला ये रोग ज्यादा गर्मियों के मौसम में होता है। वहीं जो अपने प्राइवेट पार्ट की अच्छे से साफ सफाई नहीं करते बहुत कम पानी पीते हैं
सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं को ये इंफेक्शन ज्यादा होता है।
इंटरकोर्स या पीरियड्स के दिनों में साफ-सफाई नहीं रखते
यूरीन को रोके रखने या फिर किडनी स्टोन की समस्या होने पर भी ये इंफेक्शन हो सकता है।
इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को भी यूटीआई का खतरा ज्यादा रहता है। डायबिटीज की वजह से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती हैं और हाई ब्लड शुगर यूरीन में फैलकर बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करते हैं।
इलाज की बात करें तो बता दें कि यूटीआई बिना दवाइयों के भी सही हो सकता है अगर इंफेक्शन ज्यादा ना बढ़ा हो तो इंफेक्शन ज्यादा होने की स्थिति में एंटी बॉयोटिक दवाइयों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं ताकि तरल पदार्थों से ब्लैडर से बैक्टीरिया बाहर निकल जाए। इसके अलावा लिक्विड डाइट जैसे जूस और नारियल पानी का ज्यादा सेवन करें।
घरेलू इलाज की बात करें तो
सेब के सिरके का यूज करें। दो चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर पीएं। इसमें आप नींबू का जूस और शहद भी मिला सकते हैं।
आंवला यूटीआई से राहत दिलाने में मददगार है इसमें विटामिन सी होता है जो बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है। आंवले का जूस पीएं या आंवले का एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ लें।
क्रैनबेरी और अनानास का एक गिलास जूस जरूर पीएं। यूरिन इंफैक्शन से राहत मिलेगी। आप ब्लूबेरी का सेवन भी कर सकते हैं।
खाने में मसालेदार तली-भुनी चीजों से परहेज करें। चाय, कॉफी, चॉकलेट, टमाटर और इससे बनी चीजों से भी परहेज करें। बादाम, अलसी, मक्खन, दूध, अंडा, मटर, आलू लहसुन, दही नींबू, गाजर, ककड़ी और पालक खाएं।
खाने के अलावा कुछ और चीजें का परहेज करना भी जरूरी है जैसे
प्राइवेट पार्ट की साफ सफाई रखें।
कॉटन के अंडरवियर पहनें।
नहाने के लिए बाथ टब का इस्तेमालन करें।
यूरिन को रोक कर ना रखें।
टी ट्री ऑयल की दस बूंदों को नहाने के पानी में मिला दें और इस पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई करें। आप नीम के पानी से भी प्राइवेट पार्ट की सफाई कर सकते हैं। यूटीआई में योगासन और सैर काफी फायदेमंद है। इसके लिए पद्यासन,वज्रासन,भुजंगासन,मत्स्यासन करें। प्रेग्नेंट महिलाओं, बुजुर्ग और डायबिटीज के मरीजों को यूटीआई होने पर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।घरेलू नुस्खों से फर्क ना दिखें तो डाक्टरी परामर्श जरूरी है।
Tagsप्रेगनेंसी
Ritisha Jaiswal
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