लाइफ स्टाइल

लिवर की बीमारियों से कैसे बचे

Apurva Srivastav
18 April 2023 1:52 PM GMT
लिवर की बीमारियों से कैसे बचे
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लिवर से जुड़ी बीमारियां भी देश में तेज़ी बढ़ रही हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (एनआईएच) में छपे एक लेख के मुताबिक, दुनिया भर में लिवर से जुड़ी बीमारियों के कारण करीब 20 लाख लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। इसमें करीब 18.3 फीसदी योगदान भारत में होने वाली लिवर संबंधी बीमारियों का है। यह कहना पूरी तरह गलत नहीं होगा कि देश में वेस्टर्न लाइफस्टाइल को अपनाने के साथ-साथ खराब जीवनशैली और अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन इस खतरे को और भी बढ़ा रहा है। हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है। इसी मौके पर जानें लिवर के स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरी बातें।

लिवर को नुकसान पहुंचने के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?
नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट के चेयरमैन, डॉ. विवेक विज ने लिवर की बीमारी के शुरुआती लक्षणों के बारे में बताया।
बहुत अधिक थकान
उल्टी आना
भूख खत्म हो जाना
त्वचा पर खुजली होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द और सूजन
पेशाब के रंग में बदलाव हो जाना
बचाव के लिए इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए
एल्कोहॉल का सेवन कम करना
हेपेटाइटिस-ए और हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन लगवाना
दवाएं डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लेना
दुकानों से दवाएं लेने से बचना क्योंकि इससे आपके लिवर पर गंभीर असर हो सकता है
खुद को फिट और सेहतमंद रखें क्योंकि बिना एल्कोहॉल के इस्तेमाल के फैटी लिवर का मुख्य कारण मोटापा होता है
खानपान की सेहतमंद आदतें अपनाएं - जंक और तली हुई चीज़ें खाने से बचें
एरोसॉल स्प्रे के संपर्क में आने से बचें
लिवर की बीमारियां कौन सी हैं?
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी के प्रिंसिपल डायरेक्टर, डॉ. अरविंद खुराना ने बताया, "लिवर हमारे रक्‍त में जमा होने वाले टॉक्सिन और अन्‍य कचरा पदार्थों को फिल्टर करने में अहम भूमिका निभाता है, वसा को पचाने में मदद करने के लिए पित्त बनाता है और शरीर को ऊर्जा देने के लिए ग्लूकोज़ को स्टोर करता है। हालांकि, लिवर से जुड़ी कई तरह की बीमारियों की आशंका भी बनी रहती है जैसे कि हेपेटाइटिस, सिरॉसिस और लिवर कैंसर।"
लिवर से जुड़ी कुछ सामान्य बीमारियां इस प्रकार हैं:
1. फैटी लिवर
फैटी लिवर सामान्य प्रकार की बीमारी है और इससे 15 से 25 फीसदी लोग प्रभावित होते हैं। यह बीमारी सबसे ज़्यादा मोटापे, डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों और निष्क्रिय जीवनशैली जी रहे लोगों में होती है। यह स्टेरॉयड, एंटी कैंसर, एंटी-डिप्रेसेंट और एमियोडरोन जैसी दवाइयों की वजह से भी होती है।
2. एल्कोहॉल से संबंधित लिवर की बीमारियां
लंबे समय तक एल्कोहॉल का ज़्यादा सेवन करने से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। एल्कोहॉल का सेवन करने वाले सभी लोगों के लिवर को नुकसान नहीं होता है। यह खपत की मात्रा, कितनी बार एल्कोहॉल लिया जाता है और कितने समय से एल्कोहॉल लिया जा रहा है, इस पर निर्भर करता है। साथ ही, अनुवांशिकता पर भी यह बीमारी होने की आशंका निर्भर करती है।
3. लिवर से संबंधित इंफेक्शन
लिवर से जुड़े ज़्यादातर इंफेक्शन हेपेटाइटिस-ए, बी, सी और ई जैसे वायरस की वजह से होते हैं। हेपेटाइटिस-ए और ई, मिलावटी खाना और पानी पीने से होता है और कई बार किसी खास व्यक्ति से संपर्क में आने की वजह से भी यह बीमारी होती है। इन वायरस की वजह से एक्यूट हेपेटाइटिस होता है और 99 फीसदी मामलों में मरीज़ ठीक हो जाते हैं। लेकिन 1 फीसदी मामलों में बात लिवर फेल होने तक जा सकती है, खास तौर पर गर्भावस्था के मामलों में जिसमें लिवर ट्रांसप्लांट की ज़रूरत पड़ सकती है। हेपेटाइटिस-बी और सी यौन संबंध बनाने, जन्म के दौरान मां से बच्चे में, इंट्रावेनस दवा के इस्तेमाल से और बचपन में हॉरिज़ॉन्टल ट्रांसमिशन की वजह से फैलता है। हेपेटाइटिस बी और सी की वजह से गंभीर प्रकार की लिवर की बीमारी हो सकती है, जो सिरॉसिस तक बढ़ सकता है।
लिवर की बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है?
लिवर की सेहत के प्रति जागरूकता फैला कर हम लिवर संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं। सेहतमंद खानपान का ध्यान रखकर, अधिक मात्रा में एल्कोहॉल की खपत से बचकर और हेपेटाइटिस से बचने के लिए वैक्सीनेशन कराकर अपने लिवर का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है।
बचाव के उपायों में वज़न का ध्यान रखना, डायबिटीज़ से बचाव, सीमित मात्रा में एल्कोहॉल का इस्तेमाल करना, हेपेटाइटिस-ए और बी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन और गैर-ज़रूरी दवाओं व हेल्थ सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करने से बचना शामिल है।
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