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नींद को बेहतर बनाएं: शांत संगीत सुनने से नींद अच्छी आती है।
तनाव एक ऐसी समस्या है, जो आपके स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। यह ब्लड प्रेशर से से लेकर दिल और दिमाग की बीमारियों का कारण बनता है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स तनाव से जितना हो सके दूर रहने की सलाह देते हैं। इसके अलावा तनाव की वजह से महिलाओं में प्रजनन से जुड़ी दिक्कतें भी अक्सर देखी जाती हैं। तो आइए इस महिला दिवस पर जानें एक्सपर्ट्स से कि फर्टिलिटी को बूस्ट करने के लिए तनाव से कैसे निपटा जाए।
तनाव कैसे करता है प्रजनन को प्रभावित?
प्रैक्टो पर गायनेकोलॉजिस्ट कंसल्टेंट, डॉ. रुपाली वैद्य का कहना है कि स्ट्रेस को कम करने के कई तरीके हैं। सबसे पहले तो आपको यह पहचानने की जरूरत है कि आपको किस तरह का तनाव है। जैसे कि आपको अपने काम को लेकर तनाव है, टाइम मैनेजमेंट को लेकर तनाव है, वजन से सम्बंधित तनाव है या गर्भ न धारण कर पाने का तनाव है। आपको अपने तनाव के कारणों को पहचानना है।
तनाव एक महिला की प्रजनन क्षमता बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए तनाव को मैनेज करना और माइंडफुलनेस का अभ्यास करना महिला की प्रजनन क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकता है। तनाव को कम करने के लिए नीचे कुछ उपाय बताए जा रहे हैं:
स्वस्थ डाइट: डाइट से प्रजनन क्षमता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। अगर डाइट सही नहीं रहेगी तो महिला की प्रजनन क्षमता और हार्मोन संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। समय पर भोजन करना, नाश्ता जरूर करना, हरी-पत्तेदार सब्जियां और विटामिन-सी से भरपूर भोजन करना, उच्च मात्रा में फाइबर और कम कार्ब्स वाली डाइट का पालन करना और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना गर्भधारण करने वाली महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होता है। PCOS वाली महिलाओं को विशेष रूप से नाश्ता करना नहीं भूलना चाहिए क्योंकि रोज नाश्ता करने से हार्मोन असंतुलित नहीं होता है। कामकाजी महिलाओं को इस तरह की डाइट का पालन करना मुश्किल लग सकता है। बेहतर तरीके से भोजन की योजना बनाने के लिए कामकाजी महिलाएं डायटिशियन की भी मदद ले सकती हैं।
नींद को बेहतर बनाएं: शांत संगीत सुनने से नींद अच्छी आती है। इससे स्लीप साइकल भी बेहतर होता है। हर महिला को 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए, क्योंकि गर्भधारण करने की कोशिश करते समय दिमाग का अच्छा होना बहुत महत्वपूर्ण है। दिमाग अच्छा तभी महसूस कर सकता है जब शरीर को पर्याप्त नींद मिली रहेगी।
हाइड्रेटेड रहें: रोजाना कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना बहुत जरूरी होता है।
दंपत्ति में बेहतर कम्युनिकेशन (बातचीत) बहुत जरूरी: पति और पत्नी के बीच खुलकर बातचीत होना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे किसी भी आशंका, डर या गलतफहमी को दूर करने में मदद मिलती है। अक्सर गर्भधारण करते समय दम्पत्तियों में यह समस्या देखने को मिल सकती है। यहां तक कि उन दोस्तों/रिश्तेदारों से बात करने से भी मदद मिल सकती है जिनके हाल ही में बच्चे हुए हैं।
प्रीनेटल काउंसलिंग (प्रसव पूर्व परामर्श): गर्भधारण की योजना बनाने से पहले दंपत्ति को किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ या प्रजनन विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए ताकि वे बेहतर ढंग से गर्भधारण के लिए तैयार हो सके।
विटामिन का सेवन: प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए रखने में विटामिन बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। विटामिन-ई, फोलिक एसिड, विटामिन-ई, विटामिन-बी12, गर्भधारण करने के साथ-साथ गर्भावस्था के दौरान भी बहुत जरूरी होते हैं।
जीवन में तनाव को कैसे कम करें?
बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ में कंसल्टैंट, डॉ. श्रेया गुप्ता कहती हैं कि तनाव का महिलाओं के प्रजनन और फर्टिलिटी पर बुरा असर हो सकता है। इसलिए तनाव को कम करके फर्टिलिटी बढ़ाने और गर्भधारण की बेहतर संभावनाओं के लिए इन सुझावों का पालन किया जा सकता है:
कैंसर की शुरुआती पहचान से सफल ट्रीटमेंट की संभावना बढ़ जाती है
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शरीर को रिलैक्स करने की कोशिष करेंः रिलैक्सेशन की तकनीकों की मदद ली जा सकती है, जैसे गहरी और लंबी सांस लेना, ध्यान लगाना और योग। इससे चिंता और तनाव कम होते हैं, और व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है। इन विधियों को दिनचर्या में शामिल करके तनाव को नियंत्रित रखने और फर्टिलिटी में सुधार लाने में मदद मिलती है।
पूरी नींद लेंः अपर्याप्त नींद से तनाव बढ़ता है और हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ता है, जिससे फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए तनाव को कम रखने एवं फर्टिलिटी में सुधार लाने के लिए रोज 7 से 8 घंटे की नींद लें|
रोज व्यायाम करेंः व्यायाम तनाव को कम करके स्वास्थ्य में सुधार लेकर आता है। रोज कम से कम 30 मिनट तक हल्का व्यायाम करें। तेज चलना, जॉगिंग करना, या साइकिल चलाना अच्छे व्यायाम हैं।
स्वस्थ आहार लेंः फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, और लीन प्रोटीन युक्त आहार से तनाव को कम करके फर्टिलिटी सुधारने में मदद मिलती है। प्रोसेस्ड फूड और शुगर युक्त ड्रिंक न लें, क्योंकि इनसे हार्मोन के संतुलन पर बुरा असर पड़ता है।
मदद लेंः भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य, या मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक से बात करके तनाव को कम करने और स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद मिलती है। इन्फर्टिलिटी का शिकार महिलाओं के लिए सपोर्ट ग्रुप्स काफी मददगार हो सकते हैं।
हसनकट मणिपाल अस्पताल, द्वारका, प्रसूति एवं स्त्री रोग सलाहकार, डॉ. योगिता पाराशर कुछ और सुझाव भी देती हैं:
बीएमआई को 19 से 25 के बीच बनाए रखना चाहिए
कमर और हिप्स के अनुपात में सुधार के लिए एरोबिक्स और ज़ुम्बा को अपनी दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है।
शराब और धूम्रपान (सक्रिय और निष्क्रिय दोनों) से बचें।
अपने शौक पूरे करें। खुश रहें.. क्योंकि यही आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार की कुंजी है।
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Apurva Srivastav
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