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किस तरह करना चाहिए बच्चों का नामकरण?

Ritisha Jaiswal
26 March 2022 4:22 PM GMT
किस तरह करना चाहिए बच्चों का नामकरण?
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हिंदू धर्म में नामकरण संस्कार को खास महत्व दिया गया है. यही कारण है कि हर माता-पिता अपने बच्चों का एक सार्थक नाम रखना चाहते हैं.

हिंदू धर्म में नामकरण संस्कार को खास महत्व दिया गया है. यही कारण है कि हर माता-पिता अपने बच्चों का एक सार्थक नाम रखना चाहते हैं. कहा जाता है कि नाम का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए अधिकांश लोग अपने बच्चों के नामकरण के लिए किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह लेते हैं. आइए जानते हैं कि नामकरण संस्कार कराना क्यों जरूरी है और बच्चों का नाम रखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

किस तरह करना चाहिए बच्चों का नामकरण?
-शास्त्रों के मुताबिक किसी पर्व के दिन, अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा पर बच्चों का नामकरण नहीं करना चाहिए. इसके अलावा रिक्ता तिथि चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी तिथियों में नामकरण करना निषेध माना गया है. इन तिथियों को छोड़कर 1, 2, 3, 5, 6, 7, 10, 11, 12 और 13 तारीख में नामकरण किया जा सकता है.
-शुभ ग्रहों से संबंधित वार जैसे चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र के वारों में नामकरण किया जा सकता है. शिशु के जन्म के 11वें या 12वें दिन करना शुभ माना गया है.
-बच्चों के नाम कुल देवी या देवता के नाम पर होना शुभ माना गया है. नक्षत्रों के चरण के अनुसार जो नाम अक्षर आए उस पर नाम रखा जा सकता है.
-व्यावहारिक नाम 2, 4 या 6 अक्षर का उत्तम माना गया है. वहीं यश और प्रतिष्ठा की इच्छा रखने वाले का नाम दो अक्षर का होना चाहिए. वहीं ब्रह्मचर्य और तपस्या की कामना से चार अक्षर का नाम सबसे अच्छा होता है.
-बालकों के नाम विषम अक्षर 3, 5, 7 से जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए. कन्या का नाम विषम अक्षर 3, 5 अक्षरों का होना शुभ माना गया है. मांगलिक और धर्मिक नाम रखना शुभ है.


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