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थायराइड एक ऐसी हार्मोनल कंडीशन है जो उम्रभर साथ रहती है। इसमें थायराइड ग्लैंड से थायराइड हार्मोन कम या ज्यादा ज्यादा प्रोड्यूस होता है
थायराइड एक ऐसी हार्मोनल कंडीशन है जो उम्रभर साथ रहती है। इसमें थायराइड ग्लैंड से थायराइड हार्मोन कम या ज्यादा ज्यादा प्रोड्यूस होता है। इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन सही लाइफस्टाइल व डाइट से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। वहीं, बीमारी गंभीर स्टेज पर हो तो डॉक्टर थायराइड को कंट्रोल करने के लिए दवा देते हैं, जो थायराइड ग्लैंड को रैगुलेट करती हैं। मगर, कुछ लोग शिकायत करते हैं कि दवा लेने के बाद भी उनका थायराइड बढ़ गया। इसका कारण दवा लेते समय की गई आपकी कुछ गलतियां हो सकती हैं।
खाली पेट ही दवा लेना क्यों जरूरी?
अक्सर एक्सपर्ट मरीजों को सुबह खाली पेट थायराइड की दवा लेने के लिए कहते हैं, जिसे हफ्ते के हर दिन लेना पड़ता है। भोजन या कुछ भी खाने के बाद दवा पूरी तरह अब्सॉर्ब नहीं हो पाती और इसका असर भी नहीं होता। आप दवा को नाश्ते से 30 मिनट या 1 घंटे पहले ले सकते हैं।
आप किस तरह की दवा ले रहे हैं?
थायराइड दो तरह के होते हैं हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपोथायरॉइड। डॉक्टर कंडीशन के हिसाब से ही दवा देते हैं। ऐसे में जब आप दवा ले रहे हो तो पहले डॉक्टर से पूछ लें कि उसे किस तरह लेना है।
चाय या कॉफी के साथ न लें दवाएं
एक्सपर्ट की मानें तो दवा को चाय-कॉफी के साथ नहीं लेना चाहिए। वहीं, मेडिसन खाने के तुरंत बाद भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इससे दवा का असर कम हो जाएगा।
डोज मिस हो जाए तो क्या करें?
अगर दवा मिस हो जाए तो परेशान ना हो क्योंकि एक डोज मिस होने पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। मगर, दूसरे दिन सही समय पर दवा लेना भूलें। साथ ही एक बार अपने एक्सपर्ट से भी सलाह लें।
क्या जिंदगी भर दवाई लेनी पड़ेगी?
थायरॉइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है, जो हार्मोन्स बनाती है। इसमें गड़बड़ी के कारण थायराइड डिसआर्डर होता है। कई बार इस बीमारी के कारण लोगों को लंबे समय तक दवा लेनी पड़ती है जबकि कुछ लाइफस्टाइल व खान-पान से ही बीमारी को कंट्रोल कर लेते हैं।
Ritisha Jaiswal
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