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बच्चों कोविड रोधी टीका कितना है सुरक्षित जाने फायदे या नुकसान

Teja
26 Dec 2021 1:20 PM GMT
बच्चों कोविड रोधी टीका कितना है सुरक्षित जाने फायदे या नुकसान
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के वरिष्ठ महामारी रोग विशेषज्ञ ने बच्चों को कोविड रोधी टीका लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय को ‘अवैज्ञानिक’ करार दिया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के वरिष्ठ महामारी रोग विशेषज्ञ ने बच्चों को कोविड रोधी टीका लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय को 'अवैज्ञानिक' करार दिया. वरिष्ठ महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय के. राय ने कहा कि इससे कोई अतिरिक्त लाभ नहीं होगा. AIIMS में वयस्कों और बच्चों पर 'कोवैक्सीन' टीके के परीक्षणों के प्रधान जांचकर्ता और 'इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन' के अध्यक्ष राय ने कहा कि इस निर्णय पर अमल करने से पहले बच्चों का टीकाकरण शुरू कर चुके देशों के आंकड़ों का भी विश्लेषण करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की थी कि 15 से 18 साल की आयु तक के बच्चों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण तीन जनवरी से शुरू किया जाएगा. सरकार के इस कदम से स्कूल तथा कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की चिंताएं कम होने तथा महामारी से लड़ने में मजबूती मिलने और विद्यालयों में पढ़ाई को पटरी पर लाने में मदद मिलने की उम्मीद है. CoronaVaccine For Children: बड़ी खुशखबरी-15 ही नहीं, 12साल के बच्चों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन, जानिए

राय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'मैं राष्ट्र की नि:स्वार्थ सेवा और सही समय पर सही निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा प्रशंसक हूं, लेकिन मैं बच्चों के टीकाकरण के उनके अवैज्ञानिक निर्णय से पूरी तरह निराश हूं.' उन्होंने अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी निर्णय का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए. राय ने कहा कि टीकाकरण का उद्देश्य या तो कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम है या गंभीरता अथवा मृत्यु को रोकना है. - Corona Vaccination: 15+ बच्चों को कब से लगेगी वैक्सीन, किसको लगेगा बूस्टर-प्रिकॉशन डोज? जानिए सबकुछ
राय ने कहा, 'लेकिन टीकों के बारे में हमारे पास जो भी जानकारी है, उसके अनुसार वे संक्रमण के मामलों में महत्वपूर्ण कमी लाने में असमर्थ हैं. कुछ देशों में, लोग बूस्टर खुराक लेने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं. इसके अलावा, ब्रिटेन में टीका लगवाने के बाद भी संक्रमित होने के रोजाना 50,000 मामले सामने आ रहे हैं. इसलिए यह साबित होता है कि टीकाकरण कोरोना वायरस संक्रमण को नहीं रोक रहा है, लेकिन टीके संक्रमण की गंभीरता और मृत्यु को रोकने में प्रभावी हैं.' - Man Ki Baat HighLights: पीएम मोदी ने कहा-ओमिक्रॉन से बचें, विद्यार्थियों से फिर करुंगा परीक्षा पर चर्चा
उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशील आबादी के बीच कोविड​​​​-19 के कारण मृत्यु दर लगभग 1.5 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 15,000 लोगों की मौत. राय ने कहा, 'टीकाकरण के माध्यम से, हम इनमें से 80-90 प्रतिशत मौतों को रोक सकते हैं, जिसका अर्थ है कि प्रति दस लाख (जनसंख्या) में 13,000 से 14,000 मौतों को रोका जा सकता है.' उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के मामले प्रति दस लाख आबादी पर 10 से 15 के बीच होते हैं.
राय ने कहा, 'इसलिए, यदि आप वयस्कों के बीच इनके जोखिम और लाभ का विश्लेषण करते हैं, तो यह एक बड़ा लाभ है.' उन्होंने कहा कि बच्चों के मामले में संक्रमण की गंभीरता बहुत कम होती है और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रति 10 लाख जनसंख्या पर केवल दो मौतों की सूचना मिली है. राय ने कहा, 'इस खंड (बच्चों) में, 15,000 (लोग) नहीं मर रहे हैं और प्रतिकूल प्रभावों को भी ध्यान में रखते हुए, यदि आप जोखिम और लाभ का विश्लेषण करते हैं, तो उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर लाभ से अधिक जोखिम की बात सामने आती है.'
उन्होंने कहा, 'बच्चों का टीकाकरण शुरू करने से दोनों उद्देश्य पूरे नहीं हो रहे हैं.' राय ने कहा कि अमेरिका समेत कुछ देशों ने चार-पांच महीने पहले बच्चों का टीकाकरण शुरू किया था और बच्चों का कोविड टीकाकरण शुरू करने से पहले इन देशों के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाना चाहिए.


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