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पौधों को कैसे मिले पर्याप्त धूप, पानी और हवा

Kajal Dubey
3 May 2023 4:12 PM GMT
पौधों को कैसे मिले पर्याप्त धूप, पानी और हवा
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किसी भी पौधे की ग्रोथ के लिए धूप, पानी और हवा की बहुत ज़रूरत होती है. इन बेसिक चीज़ों की सप्लाई का ख़ास ध्यान तब रखना होता है, जब आप इनडोर गार्डनिंग कर रहे होते हैं. आइए आज जानते हैं अपने इनडोर पौधों को पर्याप्त मात्रा में धूप, पानी और हवा उपलब्ध कराने का तरीक़ा.
सूर्य प्रकाश किसी भी पौधे की वृद्धि के लिए कितना ज़रूरी होता है यह हम स्कूली दिनों से पढ़ते आ रहे हैं. पौधे सूर्य प्रकाश की मौजूदगी में फ़ोटो सिंथेसिस नामक प्रोसेस से अपना भोजन बनाते हैं. यह सामान्य विज्ञान की शुरुआती किताबों में पढ़ाया जाता है. अब इनडोर प्लांट्स की बात करें तो कमरे के भीतर लगातार रहने से इन पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं. डंडियां पतली और लंबी हो जाती हैं. कमरे में रखा पौधा खिड़की से आनेवाले प्रकाश की दिशा में बढ़ने लगता है. इसीलिए किसी भी पौधे को लम्बे समय तक कमरे के भीतर नहीं रखना चाहिए. तीन-चार दिन बाद पौधे को धूप दिखाने बाहर ले जाना चाहिए. कमरे में भी कोशिश यह होनी चाहिए कि पौधा खिड़की के पास रहे.
बरामदे में रखे पौधे के गमले को सप्ताह में एक बार घुमा दें ताकि उसे चारों ओर से समान रूप से प्रकाश मिलता रहे और वह चारों ओर से समान रूप से विकसित हो. जिन लोगों के पास खुली छत हो, उनके पौधों को धूप की कमी का सामना नहीं करना पठ़ता. पर याद रखें आपके पौधे अत्यधिक धूप से झुलस सकते हैं. नाज़ुक पत्तियों वाले पौधों को दोपहर की कड़ी धूप से बचाएं. इसलिए उन्हें रखने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां दोपहर की तीखी धूप न आती हो.
पौधों को पानी कितना दें?
पौधों को पानी की ज़रूरत मौसम के अनुसार कम और ज़्यादा होती रहती है. जहां गर्मियों में ख़ूब पानी चाहिए होता है, वहीं सर्दी में अपेक्षाकृत कम और बरसात में और भी कम. ज़्यादातर लोग अपने पौधों को नियम से रोज़ पानी देते हैं. पर बाग़वानी का गोल्डन रूल है यह देखकर पानी देना कि पौधे को ज़रूरत है भी या नहीं. फ़र्न, डीफ़ेनबाकिया, मरांटा, कोलियम जैसे सदाबहार पौधों को गर्मी में रोज़ पानी देना पड़ता है. वहीं सर्दियों में बस इतना ही पानी देना होता है कि पौधे की मिट्टी सूखने न पाए. पर्याप्त नमी बनी रहे. वहीं कैक्टस जैसे इनडोर प्लांट्स को बारिश में बिल्कुल भी पानी नहीं देना होता और सर्दियों में भी बहुत कम पानी चाहिए होता है.
पानी देने के पीछे लोगों की यह धारणा है कि पौधों के बेहतर ग्रोथ के लिए उन्हें रोज़ पानी देना चाहिए, पर यह धारणा ग़लत है. पानी की मात्रा वाष्पीकरण पर निर्भर करती है. इनडोर पौधों का वाष्पीकरण अधिक नहीं होता, इसलिए उनमें ज़्यादा पानी नहीं डालना चाहिए. अधिक पानी देने से पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं. यदि गमले में पानी देने के बाद कीचड़ बने या पानी नीचे तक न जाए तो गमले की मिट्टी को चेंज करें. कई बार गमले के नीचे के छिद्र बंद हो जाने से ऐसा होता है. यदि छिद्र बंद हो गया और पानी ठीक से
बाहर नहीं निकल रहा है तो पौधा मर जाएगा.
हवा की कितनी ज़रूरत होती है?
इनडोर प्लांट्स के लिए हवा का प्रबंध देखना बहुत ज़रूरी है. पौधों को ताज़ी हवा चाहिए होती है. जब आप कमरे के अंदर पौधा लगाएं तो यह सुनिश्चित करें कि उसे रोज़ ताज़ी हवा ज़रूर मिले. इसके लिए आप सुबह-शाम खिड़की खोल दें. खिड़की खोलने से न केवल ताज़ी हवा बल्कि सूरज की किरणें भी घर में आएंगी. ताज़ी हवा का मतलब तेज़ हवा से न निकालें. पौधों को तेज़ हवा के पास एकदम से नहीं रखना चाहिए. तेज़ हवा के झोंकों से पौधों को असुविधा होती है. जब कभी आपको बाहर जाना हो तो पौधे को निकालकर बाहर बरामदे में रख जाएं, ताकि उसे धूप और हवा मिलती रहे.
सौजन्य: लेखिका प्रतिभा आर्य की पुस्तक, बागबानी घर के भीतर, राधाकृष्ण प्रकाशन
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