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कैसे फैलता है हेपेटाइटिस वायरस

Apurva Srivastav
1 March 2023 2:12 PM GMT
कैसे फैलता है हेपेटाइटिस वायरस
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बुखार, भोजन में अरुचि, पेट में दर्द, जी मिचलाना, मांसपेशियों में दर्द, आंखों और त्वचा की रंगत में पीलापन
हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में लिवर का बड़ा योगदान होता है। यह भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को छांटकर उन्हें अपने पास अलग सुरक्षित रखता है और जरूरत के अनुसार शरीर के विभिन्न हिस्सों में उनकी आपूर्ति करता है। इतना ही नहीं, यह ब्लड में मौजूद विषैले तत्वों को पहचान कर उन्हें भी शरीर में फैलने से भी रोकता है। अगर शरीर का यह महत्वपूर्ण अंग बीमार पड़ जाए, तो इसकी वजह से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
क्या है समस्या?
जब किसी व्यक्ति के लिवर में सूजन आ जाती है, तो उस शारीरिक अवस्था को हेपेटाइटिस कहा जाता है। जागरूकता के अभाव में भारतीय आबादी का बड़ा हिस्सा इस बीमारी से जूझ रहा है। इसके लिए वायरस को जिम्मेदार माना जाता है। कई बार शरीर में अपने आप ही इसके लक्षण प्रकट होने लगते हैं, इसी वजह से इसे ऑटो इम्यून डिजीज़ भी कहा जाता है। एल्कोहॉल, ज्यादा मात्रा में घी-तेल और मिर्च-मसाले से युक्त भोजन और कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है। खानपान के दौरान सफाई का ध्यान रखना भी इसकी प्रमुख वजह है।
कैसे फैलता है वायरस?
हेपेटाइटिस को फैलाने के लिए मुख्यतः पांच प्रकार के वायरस ए, बी, सी, डी और ई को जिम्मेदार माना जाता है। हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों में लिवर कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। हेपेटाइटिस ए और ई का संक्रमण दूषित पानी और खाने से फैलता है। हैपेटाइटिस बी का वायरस इंफेक्शन, संक्रमित खून चढ़ाने या असुरक्षित यौन संबंध के कारण फैलता है। हेपेटाइटिस बी, सी और डी संक्रमित व्यक्ति के ब्लड या अन्य प्रकार के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है।
प्रमुख लक्षण
बुखार, भोजन में अरुचि, पेट में दर्द, जी मिचलाना, मांसपेशियों में दर्द, आंखों और त्वचा की रंगत में पीलापन, पैरों में सूजन एवं अनावश्यक थकान महसूस होना आदि।
जांच एवं उपचार
ब्लड टेस्ट से इसकी पहचान की जा सकती है। इसके अलावा लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड के माध्यम से भी हेपेटाइटिस के सभी प्रकारों की जांच की जाती है। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद डॉक्टर की सलाह पर तुरंत इलाज शुरू करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी जांच जरूर करवानी चाहिए। कोई भी लक्षण नजर आए तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।
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