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पहले जहां लोग घरों में गुजिया बनाते थे वहीं अब वो बाजार से गुजिया खरीद रहे हैं
होली में भले ही कुछ और बने न बने लेकिन गुजिया बनना तो तय है। जिसका स्वाद आपको इस त्योहार में लगभग हर घर में चखने को मिल जाएगा। बस हां, इसके स्वाद में फर्क मिल सकता है क्योंकि कोई मावे की गुजिया खाना पसंद करता है तो कोई सूजी की, तो वहीं अब बेसन और नारियल की स्टफिंग के साथ भी गुजिया बनाई जा रही है। फिलिंग कोई भी है इसे खाने से खुद को रोक पाना बड़ा मुश्किल होता है। लेकिन त्योहारों की खुशी में हम अपनी सेहत से समझौता कर बैठते हैं। बेधड़क होकर तला-भुना, मीठी और नमकीन चीज़ों का सेवन करते हैं और बाद में या त्योहारों के दौरान ही पेट, सिर पकड़कर बैठ जाते हैं। तो जुबान को अच्छी लगने वाली गुजिया हमारी सेहत के लिए कितनी अच्छी है...क्या आप जानते हैं? अगर नहीं, तो आज के इस लेख में हम यही जानने वाले हैं।
गुजिया में मौजूद न्यूट्रिशन
गुझिया में लगभग 150 से 200 कैलोरी होती है। गुजिया की 100 ग्राम सर्विंग में–
वसा- 16.74 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट- 69.19 ग्राम
प्रोटीन- 4.58 ग्राम
आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे अनहेल्दी हुआ क्योंकि इसमें तो वसा की तुलना में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा है, लेकिन आपको बता दें कि 34% वसा में लगभग 10 ग्राम संतृप्त वसा होती है जो शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक है। इसमें सिर्फ 0.96 ग्राम पॉलीअनसेचुरेटेड वसा और 4.48 ग्राम मोनोअनसैचुरेटेड वसा होती है। कार्बोहाइड्रेट के सेवन में भी खासतौर से चीनी (47.26 ग्राम) होती है। फाइबर, सोडियम और पोटैशियम न्यूनतम मात्रा में होते हैं।
गुजिया किस तरह से नुकसानदायक?
ट्रांस फैट- पहले जहां लोग घरों में गुजिया बनाते थे वहीं अब वो बाजार से गुजिया खरीद रहे हैं। जिनका टेक्सचर और स्वाद बढ़ाने के लिए रंगों का इस्तेमाल होता है और इन्हें सस्ते ऑयल में फ्राई किया जाता है। ये तेल एक नहीं बल्कि कई बार इस्तेमाल में लाया जाता है जो सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता। यह संतृप्त वसा कई सारी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है।
खोया- गुजिया में मावा या खोया ही सबसे खास स्टफिंग होती है। त्योहार के दौरान इसकी डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि दुकानदार खोया में मिलावट करके बेचने लग जाते हैं। बाजार में मिलने वाला खोया में आमतौर पर स्टार्च मिलाया जाता है, जो बहुत ही अनहेल्दी होता है इससे पेट दर्द की प्रॉब्लम हो सकती है।
केसर- गुजिया को आकर्षक बनाने के लिए कई दुकानदार उसमें केसर भी मिलाते हैं। महंगा होने के लिए दुकानदार असली केसर की जगह सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं। जो हमारी सेहत के लिए खतरा बन सकता है। तो सीमित मात्रा में ही गुजिया का सेवन करें। पॉसिबल हो तो घर में बनाएं। इससे आप तेल और दूसरी चीज़ों की क्वॉलिटी खुद से जांच सकते हैं।
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Apurva Srivastav
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