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अम्बिका
क्या आपको ज्यादा थकावट महसूस हो रही है? क्या आपका बदन फूला-फूला सा रहता है और आपको आलस्य महसूस होता है? ऐसे में आप यह देखें कि क्या आप सही मात्र में मिनरल ले रहे हैं? आजकल के भोजन में और खाने पीने के तौर तरीके में मिनरल की कमी है। बार बार शीतल पेय लेने से और बाहर से बरगर, पिजा इत्यादि खाने से और भागदौड़ की जिन्दगी में डिब्बाबंद भोजन खाने से आपकी खुराक में कई तरह के विटामिनों व खनिज पदार्थों की कमी रह जाती हैं। मिनरल शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। वे आपकी शारीरिक गाड़ी चलाने के काम आते हैं। इन्हें न लेने से या इनकी कमी से आपके किसी भी अंग पर या आपके मानसिक सन्तुलन पर भी गहरा असर हो सकता है।
हमारे शरीर का ढांचा कैल्शियम फॉस्फोरस, मैग्नीशियम इत्यादि से बना हुआ है। हर मिनरल का अपना-अपना योगदान है। कैल्शियम सबसे जरूरी है और फास्फोरस हमारी हर जीवित कोशिका के लिए जरूरी है। इस प्रकार हर मिनरल से हमें फायदा होता है और इनकी कमी से भारी नुकसान। हमें यह रोज के आम खाने में ही प्राप्त हो जाती है लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि कौन से मिनरल किस चीज में मिलते हैं और इनसे क्या लाभ होता है।
कैल्शियम:- यह दूध, पनीर, छोटी मछली, गुड़ और कुछ पत्तेवाली सब्जियों में मिलती है।
कैल्शियम हमारे दांतों को मजबूत रखता हैं और हड्डियों और बालों की सेहत के लिए जरूरी है। यह हमारे तंत्रिका-तंत्र के लिए बहुत जरूरी है। यह खून का जमना भी कम करता है। यह मांसपेशियों के लिए भी अच्छा है।
फलूओरिन:- यह पीने के पानी में, समुद्री मछलियों में और चाय में पाया जाता है। यह दांतों की हिफाजत करता है और दांतों में कीड़े लगने से बचाता है।
आयोडीन:- यह भी समुद्री मछलियों में, समुद्री नमक, फल, कुछ सब्जियों में तथा दलिया, भुट्टा इत्यादि में पाया जाता है। यह थायरॉयड के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह गलगण्ड बचाने के काम आता है और दिमाग को तन्दुरूस्त भी रखता है।
आयरन:- यह अण्डे की जर्दी में, कलेजी, मूंगफली, काले चने, बन्द गोभी, पालक, बैंगन, सेब, केला, और आलूबुखारे में पाया जाता है। यह खून बढ़ाता है। गर्भवती माताओं के लिए यह बहुत जरूरी है। इसकी कमी औरतों के लिए बहुत हानिकारक होती है।
मैग्नीशियम:- यह हरी चीजों में पाया जाता है। हरे पत्तेवाली सब्जियां जैसे पालक, भिंडी, लौकी, टिंडा, फली इत्यादि तकरीबन सभी दालों में तथा अनाज में पाया जाता है। यह दांतों तथा हड्डियों की ताकत के लिए जरूरी है।
फास्फोरस:- यह दूध, दही, अण्डे की सफेदी, गेहूं तथा मांस में पाया जाता है। यह दांत, हड्डियों, नाखूनों तथा बालों का ख्याल रखता है। यह शक्ति बढ़ाता है। विटामिन 'डी' और 'बी' का अच्छा असर तभी होता है जब वे फास्फोरस के साथ मिले हों।
पोटेशियम:- खुरमानी, बादाम, अखरोट, खजूर, किशमिश, अंगूंर, अंजीर सोयाबीन और गुड़ में पाया जाता है। यह सोडियम के साथ सही मात्र में शरीर में पानी रखता है तथा तंत्रिका तंत्र के लिए भी बहुत उपयोगी है।
सोडियम:- यह भी गिरीदार फल, खुरमानी, डबलरोटी, अण्डे तथा पालक में पाया जाता है। यह शरीर में पानी का सही सन्तुलन कायम रखता है।
इसके अतिरिक्त सल्फर तथा जिंक भी जरूरी हैं। ये गिरीदार फल, बारले, फली व पनीर में पाये जाते हैं। ये आपकी सेहत के लिए जरूरी हैं। न केवल ये आपके शरीर का सन्तुलन ठीक रखते हैं बल्कि आपको कई बीमारियों से लडऩे की ताकत देते हैं।
खनिज पदार्थ या मिनरल आपको आम, रोज के खाने में ही मिल सकते हैं। ये बीमारी से लड़ते हैं और आपकी सेहत को तन्दुरूस्त रखते हैं लेकिन खाने को अधिक पकाने से या बहुत देर तक रखने से ये मर जाते हैं। ध्यान रहे कि ताजे फल और सब्जियां ही लें। अगर आज आप इसका ध्यान रखेंगे तो बुढ़ापे में इनकी कमी आपको तंग नहीं करेगी।

Rani Sahu
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