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पीरियड्स पर किस तरह असर डालता है थायरॉइड? जानें

SANTOSI TANDI
28 Sep 2023 9:31 AM GMT
पीरियड्स पर किस तरह असर डालता है थायरॉइड? जानें
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डालता है थायरॉइड? जानें
थायरॉइड हार्मोन में उतार-चढ़ाव की वजह से महिलाओं के शरीर में कई बदलाव हो सकते हैं। थायरॉइड हार्मोन का कम या ज्यादा होना, सेहत के लिए सही नहीं है। इसकी वजह से पीरियड्स पर भी असर होता है। साथ ही वजन में बदलाव, बालों का झड़ना, स्ट्रेस, ये सब भी थायरॉइड हार्मोन के इंबैलेंस की तरफ इशारा करते हैं। पीरियड्स के नियमित होने के लिए थायरॉइड हार्मोन का बैलेंस होना जरूरी है। थायरॉइड ग्लैंड का रिप्रोडक्टिव ऑर्गन से सीधा कनेक्शन होता है। इसलिए ओवरीज और हार्मोन्स पर इसका सीधा असर पड़ता है। थायरॉइड की वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है। इसलिए अगर थायरॉइड लेवल की वजह से पीरियड्स पर असर पड़ रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पीरियड साइकिल, पीरियड का फ्लो यहां तक कि पीएमएस के लक्षणों पर भी इसका असर हो सकता है। पीरियड्स पर थायरॉइड किस तरह असर डालता है, इस बारे में डाइटिशियन मनप्रीत बता रही हैं। मनप्रीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स की है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
पीरियड्स पर किस तरह असर डालता है थायरॉइड?
थायरॉइड हार्मोन टीएसएच(TSH)के बढ़ने का असर प्रोलैक्टिन हार्मोन पर होता है।
प्रोलैक्टिन हार्मोन, महिलाओं की फर्टाइल हेल्थ पर असर डालता है।
यह एस्ट्रोजन हार्मोन को भी प्रभावित करता है।
टीएसएच के बढ़ने पर, प्रोलैक्टिन हार्मोन बढ़ता है और इसकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।
दरअसल, थायरॉइड हार्मोन की वजह से जब प्रोलैक्टिन हार्मोन के लेवल में बदलाव होता है, तो ओव्युलेशन और मेंस्ट्रुअल साइकिल को रेगुलेट करने के लिए जरूरी हार्मोन्स के रिलीज में कमी आती है।
इसी की वजह से पीरियड्स अनियमित होते हैं।
ये भी हो सकता है ब्लड फ्लो बहुत तेज या फिर धीमा हो।
थायरॉइड के महिलाओं की सेहत पर अन्य असर
थायरॉइड की वजह से इनफर्टिलिटी की समस्याम भी हो सकती है।
ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव थायरॉइड महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है।
थायरॉइड की वजह से महिलाओं को अर्ली मेनोपॉज यानी की समय से पहले पीरियड्स रूक जाने की दिक्कत भी हो सकती है।
इसके अलावा स्किन पर पिंपल्स की वजह भी थायरॉइड लेवल में अंतर हो सकता है।
महिलाओं को डिलीवरी के बाद या मेनोपॉज के दौरान थायरॉइड होने की भी अधिक संभावना रहती है।
थायरॉइड को ठीक करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ स्ट्रेस से दूर रहना भी जरूरी है।
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