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कैसे होता है पेट का कैंसर

Apurva Srivastav
14 May 2023 6:18 PM GMT
कैसे होता है पेट का कैंसर
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कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी होती है। कैंसर कई प्रकार के होते हैं और सभी के अलग-अलग सिम्पटम्स और नुकसान होते हैं। बता दें कि कैंसर का एक प्रकार कोलोरेक्टल कैंसर भी होता है। इस कैंसर को आंत का कैंसर या पेट का कैंसर भी कहा जाता है। लोगों का मानना होता है कि कोलोरेक्टल कैंसर अधिकतर बुजुर्गों को होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह कैंसर जवान लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी द्वारा हाल ही में प्रकाशिक एक रिपोर्ट के अनुसार, निदान किए गए पांच मामलों में एक कैंसर का केस 55 साल से कम उम्र के लोगों में भी पाया गया। हालांकि इसका सही कारण नहीं पता चल पाया कि यह आखिर क्यों होता है। लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक पर्यावरण और अनुवांशिक कारक जैसे कई संभावित कारण से कोलोरेक्टल कैंसर हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस कैंसर का खतरा सबसे अधिक किसे होता है और इसके लक्षण क्या हैं।
किसे होता है ज्यादा खतरा
सीनियर साइंटिस्ट और लेखक रेबेका सीगल का मानना है कि पेट के कैंसर से जुड़े करीब एक तिहाई केस पारिवारिक इतिहास से जुड़े होने के कारण होते हैं।
इसका एक कारण ज्यादा वजन का बढ़ना भी हो सकता है।
इसके अलावा अधिक वेट बढ़ने पर पेट के दाहिने हिस्से में ट्यूमर भी हो सकता है।
पेट के कैंसर का एक कारण चीनी-मीठे पेय पदार्थों और प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन करना भी शामिल है।
कैसे होता है पेट का कैंसर
बता दें कि ऊपर बताए गए जोखिमों का असर माइक्रोबायोम पर पड़ता है। यह बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीव होते हैं, जो व्यक्ति के पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक होते हैं। लेकिन पेट का कैंसर तब शुरू होता है, जब आंत या मलाशय की स्वस्थ कोशिकाएं बदलने के कारण अनियंत्रित हो जाती हैं। जिससे ट्यूमर बनता है।
पेट के कैंसर के संकेत
यदि पेट के कैंसर के लक्षण शुरूआत में ही पता चल जाते हैं तो व्यक्ति के जीवित रहने की दर 90% तक होती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक आपको पेट के कैंसर के लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। जिससे कि समय पर इसका इलाज हो सके। पेट के कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए।
लक्षण
मलाशय से खून आना
आयरन की कमी
युवाओं में दिखने वाले लक्षण
युवाओं में कोलोरेक्टल कैंसर का सबसे आम लक्षण पेट दर्द की समस्या होती है।
वजन को बेवजह कम होना।
मल का रंग, आकार और बनावट का बदलना।
मलाशय से खून आना।
ना करें नजरअंदाज
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर और वाइस चेयर एंड्रयू चैन ने बताया कि आजकल के ज्यादातर युवा समझते हैं कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। ऐसे में यदि युवा इन लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते हैं तो उनके इलाज में समस्या आती है। लेकिन इसके लिए समय पर लक्षणों की पहचान होना जरूरी है। बेशक पेट से जुड़ी समस्याएं आम होती हैं। लेकिन अगर आप ऊपर बताएं किसी लक्षणों को महसूस करते हैं तो आपको बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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