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विटामिन-डी एक ऐसा पोषक तत्व है, जो हमारे शरीर को सेहतमंद बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। सिर्फ इतना ही नहीं यह कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य, ऊतक स्वास्थ्य, कोलन स्वास्थ्य में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और प्रतिरक्षा का भी ख्याल रखता है। विटामिन-डी की कमी होने पर कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जिसमें टाइप-2 डायबिटीज़, कार्डियोवेस्कुलर रोग, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे का ख़तरा शामिल है।
विटामिन-डी क्या है?
सनशाइन विटामिन के नाम से जाने जाना वाला विटामिन-डी एक स्टेरॉइड हॉर्मोन है, जो हमारा शरीर कोलेस्ट्रॉल से पैदा करता है जब हमारी त्वचा सूरज की यूवी किरणों के संपर्क में आती है।
विटामिन-डी मज़बूत इम्यूनिटी, हड्डियों की सेहत, मांसपेशियों का निर्माण, इंसुलिन प्रतिरोध को उलटना, जोड़ों के दर्द को कम करना, कैंसर को रोकना, वज़न कम करना आदि के लिए ज़रूरी होता है।
सूरज की किरणों से कैसे मिलता है विटामिन-डी?
विटामिन-डी तब बनता है, जब हमारी त्वचा सूरज की किरणों के संपर्क में आती है और इससे प्रीविटामिन-डी3 मिलता है, जो लिवर और किडनी में जाकर विटामिन-डी3 के एक्टिव फॉर्म में आ जाता है। क्योंकि यह विटामिन फैट-सोल्यूबल होता है, इसलिए शरीर में लंबे समय तक जमा रहता है। लेकिन क्या सूरज की किरणें विटामिन-डी के लिए काफी होती हैं? इसका जवाब है नहीं! जिन लोगों को सही तरीके से सूरज की रोशनी नहीं मिल पाती, जैसे कि उम्रदराज़ लोग या गहरी स्किन टोन वाले लोगों में हमेशा विटामिन-डी की कमी रहती है। जिन लोगों की त्वचा का रंग गहरा होता है, उनमें मेलेनिन का स्तर उच्च होता है, जिसकी वजह से यीवी किरणें त्वचा में कम अवशोषित हो पाती हैं। वहीं, जिन लोगों का वज़न ज़्यादा है, उन्हें भी विटामिन-डी की ज़्यादा
मात्रा की ज़रूरत होती है।
विटामिन-डी की कमी के लक्षण क्या हैं?
अगर आपके शरीर में विटामिन-डी की कमी हो रही है, तो इससे आपको थकावट, नींद न आना, हड्डियों में दर्द, अवसाद, बालों का झड़ना या मांसपेशियों का कमज़ोर पड़ने जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इन लक्षणों का अनुभव होने पर बेहतर है ब्लड टेस्ट करवाएं।
खाने से कैसे मिल सकता है विटामिन-डी?
वसा युक्त मछली, सीवीड्स, एल्गी, अंडे की ज़र्दी, मशरूम, कॉड लिवर तेल, स्पिरुलिना और दूध, टोफू, दही, संतरे का जूस, चीज़ आदि जैसी चीज़ों से विटामिन-डी मिलता है।
वहीं, अगर आप सप्लीमेंट्स लेना चाह रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही इसे लेना चाहिए।
क्या विटामिन-डी वज़न घटाने में मदद कर सकता है?
शोध के अनुसार, विटामिन-डी शरीर में नए फैट सेल्स के उत्पादन को कम कर सकता है और वसा संचय को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए वसा कोशिकाओं के भंडारण को भी दबा सकता है। विटामिन-डी सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ा सकता है, जो आपके चयापचय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे आपका शरीर अधिक कैलोरी जलाता है, भूख को नियंत्रित करता है, तृप्ति बढ़ाता है, शरीर में वसा को कम करता है और लंबे समय तक वज़न कम रखता है।
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Apurva Srivastav
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