- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- कोरोना ने कैसे खत्म...
लाइफ स्टाइल
कोरोना ने कैसे खत्म किया सदियों पुराना हाथ मिलाने का चलन, जानें
Tulsi Rao
8 Sep 2021 11:05 AM GMT
x
नौकरी के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया का दशकों से हैंडशेक स्थापित हिस्सा रहा है. लेकिन, अब उस पर कोरोना का असर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इसका खुलासा भर्ती करनेवाली एक कंपनी के सर्वे में हुआ है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सर्वेक्षण डेटा के मुताबिक, नौकरी के लिए इंटरव्यू के दौरान हाथ मिलाने की प्रथा को कोरोना वायरस ने लगभग खत्म कर दिया है. नौकरी की तलाश करनेवाले दो तिहाई इंटरव्यू लेनेवालों से सोशल डिस्टेंसिंग और चिंता के बीच हाथ मिलाना नहीं चाहते. भर्ती करनेवाली कंपनी रैंडस्टेड की तरफ से सर्वेक्षण में शामिल मात्र 730 व्यस्कों की एक तिहाई संख्या ने दावा किया कि इंटरव्यू के दौरान हाथ मिलाना उचित है. नौकरी के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया के दौरान हाथ मिलाना सदियों से स्थापित परंपरा रही है. कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि संक्षिप्त मुलाकात के जरिए किसी शख्स के एहसास या सोच का पता चलता है क्योंकि नाजुक हाथ कमजोरी के निशान समझे जाते हैं.
कोरोना वायरस ने करीब खत्म किया हैंडशेक का चलन
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ब्रिटेन वासियों से महामारी की शुरुआत में हाथ मिलाने से परहेज करने को कहा था, ताकि कोरोना वायरस के फैलाव से लड़ाई लड़ी जा सके. रैंडस्टेड ने कहा कि 'नौकरी की जीत के लिए हाथ मिलाने' की टिप्स बतानेवाला हजारों वीडियो जल्द ही बेमानी हो सकता है. उसने बताया कि कार्यस्थल पर शारीरिक संपर्क के बारे में संदेह जैसे हाथ मिलाना कोरोना संक्रमण का निरंतर खौफ बना हुआ है. रैंडस्टेड के जेना एलेक्जेंडर ने कहा, "इंटरव्यू देने से पहले अनिवार्य हाथ मिलाने का विचार अब गैर जरूरी प्रक्रिया समझी जा रही है." इंटरव्यू के पारंपरिक अभिवादन को सदियों पुरानी परंपरा की पहचान की गई है, लेकिन अब ये बहुतों को कठिन लगता है. दुर्भाग्य से दुनिया भर में महामारी ने सरकार को धारणा बदलने के लिए मजबूर कर दिया.
लोगों में वायरस का मुख्य जरिया अब एरोसोल की बूंदें
दरअसल, इंटरव्यू का फोकस ये सुनिश्चित करना होता है कि शख्स नौकरी के लिए उपयुक्त है, न कि इस बारे में कि कितनी अच्छी तरह से हाथ मिलाता है. महामारी की शुरुआत विशेषज्ञों का मानना था कि कोरोना संक्रमण के फैलने का एक सबसे आम रास्ता दूषित सतहों को छूना है. रिसर्च से पता चला कि कोरोना वायरस टेबल के ऊपरी सतह पर कई दिनों तक जीवित रह सकता है. फ्लोरिडा के चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल में बच्चों के संक्रामक रोग प्रमुख मोबीन राठौर ने कहा, "ट्रांसमिशन का सबसे आम तंत्र हाथ से जुड़ा है. हम उनका हर वक्त इस्तेमाल करते हैं, सामानों को बराबर छूते हैं और हम उसके बारे में जानते तक भी नहीं हैं. तब हम अपने चेहरे को हर वक्त बिना उसके बारे में सोचे हुए छूते हैं." लेकिन कोविड के बारे में प्रमुख रूप से फैलने के सबूत 2020 के अंत तक शिफ्ट होने लगे. एरोसोल की बूंदें अब लोगों के बीच वायरस का मुख्य जरिया समझी जाती हैं
Next Story