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कैसे मैनेज किया जा सकता है फैटी लिवर बीमारी

Apurva Srivastav
17 April 2023 1:47 PM GMT
कैसे मैनेज किया जा सकता है फैटी लिवर बीमारी
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फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर में वसा जम जाती है। जो शराब के ज्यादा सेवन से होता है, जिसे एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है या फिर जरूरत से ज्यादा वजन की वजह से, जिसे नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज कहते हैं। हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर थे मनाया जाता है, ताकि लोगों में इसकी अहमियत को लेकर जागरुकता पैदा की जा सके।
लिवर में फैट की मात्रा ज्यादा होने की वजह से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी को नुकसान पहुंचता है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है, ताकि इसका इलाज समय रहते हो सके। तो आइए जानें कि फैटी लिवर बीमारी के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?
पेट में दर्द
फैटी लिवर होने पर पेट में दर्द होने पर ऐसा महसूस होता है जैसे पेट भरा हो या पेट की ऊपरी तरफ कुछ बाधा हो। दर्द आमतौर पर पेट के ऊपरी हिस्से में होता है। इसमें लगातार हल्का दर्द रहता है, लेकिन यह कई बार शूट भी कर जाता है। कई बार मरीजों के पेट में सूजन भी देखी जाती है।
मितली
उल्टी, मितली या फिर उल्टी जैसा महसूस होना फैटी लिवर बीमारी के टिपिकल लक्षण हैं। मरीजों को लगातार पेट में दर्द की वजह से हमेशा उल्टी जैसा महसूस होता रहता है। कई बार उनकी भूख भी मिट जाती है। जरूरत से ज्यादा कमजोरी और थकावट से व्यक्ति हर वक्त ऐसा महसूस करता है जैसे उल्टी होने ही वाली है।
भूख न लगना
भूख मिट जाना भी फैटी लिवर का एक और संकेत है, जो कई और बीमारियों में भी देखा जाता है। भूख न लगने से मरीज लगातार कमजोर होता जाता है। इससे वजन भी कम हो जाता है और जरूरत से ज्यादा थकावट होने लगती है। अचानक वजन गिरना और भूख न लगने को कभी भी नजरअंदाज न करें।
क्या फैटी लिवर के अन्य संकेत भी हैं?
फैटी लिवर के अन्य आम संकेतों में:
- सोचने में दिक्कत या फिर कंफ्यूजन
- आसानी से चोटिल हो जाना या फिर खून बहने लगना
- त्वचा का पीला पड़ना
फैटी लिवर बीमारी के जोखिम कारक क्या हैं?
फैटी लिवर बीमारी का जोखिम इन लोगों में बढ़ जाता है:
- जो मोटापे से पीड़ित होते हैं
- जो लोग टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे होते हैं
- जिनको थाइरॉइड से जुड़ी दिक्कते होती हैं
- हाई ब्लड प्रेशर के शिकार होते हैं
- हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे होते हैं
- स्मोकिंग और शराब के सेवन की आदत भी फैटी लिवर के जोखिम को बढ़ाते हैं
- उम्र भी जोखिम को बढ़ाती है। 50 साल की उम्र के बाद फैटी लिवर का जोखिम बढ़ जाता है
फैटी लिवर बीमारी को कैसे मैनेज किया जा सकता है?
एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो कर आप फैटी लिवर बीमारी को मैनेज कर सकते हैं। फैटी लिवर से बचने के लिए जरूर है कि शरीर के वजन को कंट्रोल में रखा जाए। मौसमी सब्जियों और फलों को डाइट का हिस्सा बनाएं और प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहें। शरीर को एक्टिल बनाए रखें। फिट रहने के लिए रोजाना कम से कम 150 मिनट वर्कआउट करें। सिगरेट और शराब से दूरी बनाएं।
फैटी लिवर के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। इसके आम लक्षणों में पेट में दर्द और कमजोरी शामिल है, जो दूसरे कई स्वास्थ्य समस्याओं में भी देखे जाते हैं। क्योंकि मोटापा इस बीमारी के जोखिम कारकों में से है, इसलिए इससे बचने के लिए सही डाइट फॉलो करें और वर्कआउट करें। फैटी लिवर का निदान शुरुआत में हो जाए, तो इसे दवाओं की मदद से ठीक किया जा सकता है।
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