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दिल्‍ली को मिलने जा रहा होम्‍योपैथी का सबसे बड़ा अस्‍पताल

Ritisha Jaiswal
26 Aug 2022 9:39 AM GMT
दिल्‍ली को मिलने जा रहा होम्‍योपैथी का सबसे बड़ा अस्‍पताल
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राजधानी दिल्ली को आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) की ओर से होम्‍योपैथी चिकित्‍सा का सबसे बड़ा अस्‍पताल मिलने जा रहा है.

राजधानी दिल्ली को आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) की ओर से होम्‍योपैथी चिकित्‍सा का सबसे बड़ा अस्‍पताल मिलने जा रहा है. यह अस्‍पताल दिल्‍ली के नरेला इलाके में चौधरी रामदेव चौक पर बन रहा है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (National Institute of Homeopathy) के नाम से बन रहे इस अस्‍पताल में शुरुआत में 100 बेड की सुविधा रहेगी. इसके अलावा कई रोगों के लिए ओपीडी की सुविधा मिलेगी. न केवल लोगों के इलाज में बल्कि यह इंस्‍टीट्यूट होम्‍योपैथी में नए-नए रिसर्च पर काम करके इस चिकित्‍सा पद्धति को आगे तक ले जाने में सहयोग करेगा.

इस अस्‍पताल में ओपीडी रजिस्‍ट्रेशन से लेकर, डायग्‍नोसिस, साइकेट्री, रिपर्टरी, ऑर्गानन ऑफ मेडिसिन, मेटीरिया मेडिका, ऑप्थेल्मोलॉजी, ओबीएस एंड गायनी, पीडियाट्रिक, डेंटल, इएनटी, लेबर वार्ड, आईसीयू, प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन, सीएसएसडी सहित अन्‍य कई विभागों में मिलेगी ओपीडी की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही इस इंस्‍टीट्यूट में होम्‍योपैथी के विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार किए जाएंगे.
10 एकड़ में बनकर तैयार हो रहा अस्‍पताल
आयुष मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि दिल्‍ली के नरेला में 10 एकड़ जमीन पर नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ होम्‍योपैथी (NIH) बनकर तैयार हो रहा है. खास बात है कि यह अस्‍पताल उत्‍तरी भारत में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा. यह इंस्‍टीट्यूट 287.40 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हो रहा है. यह अस्‍पताल आयुष सेवाओं (Ayush Services) को लोगों तक पहुंचाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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आयुष मंत्रालय का कहना है कि यह इंस्‍टीट्यूट तीन प्रमुख उद्धेश्‍यों को लेकर काम करेगा. इसमें होम्‍योपैथी की पढ़ाई, होम्‍योपैथी चिकित्‍सा पद्धति को लेकर अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के रिसर्च, शोध कार्य और तीसरा सबसे महत्‍वपूर्ण हेल्‍थकेयर यानि लोगों का इस पद्धति से इलाज और उन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्रदान करना. यह इंस्‍टीट्यूट होम्‍योपैथी सिस्‍टम (Homeopathy System) की कई शाखाओं में युवाओं को पीजी और डॉक्‍टर कोर्सेज करने की सुविधा प्रदान करेगा. इसमें 7 पोस्‍ट ग्रेजुएट विभाग होंगे. हर विभाग में 7 छात्र रह सकेंगे. इसके अलावा यह इंस्‍टीट्यूट मौलिक कारणों जैसे ड्र्रग डेवलपमेंट, क्‍वालिटी कंट्रोल, सुरक्षा मानक, होम्‍योपैथिक दवाओं की वैज्ञानिक वैधता आदि को लेकर काम करेगा. यह ग्‍लोबल प्रमोशन और रिसर्च के लिए यह मुख्‍य सेंटर की तरह काम करेगा.
होम्‍योपैथी के अस्‍पताल में होगा सर्जरी डिपार्टमेंट और मोर्चरी
होम्‍योपैथी के अस्‍पताल में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है और न ही कोई कैजुअल्‍टी या इमरजेंसी होती है ऐसे में मोर्चरी की भी जरूरत नहीं होती लेकिन इस इंस्‍टीट्यूट में दोनों ही चीजें बनाई जा रही हैं. यहां अलग से सर्जरी डिपार्टमेंट बनाया जा रहा है. जो खासतौर पर होम्‍योपैथी की पढ़ाई और ट्रेनिंग करने आने वाले छात्रों को ऑपरेशन थिएटर में माइनर सर्जरी सिखाने के लिए होगा. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा. इसके अलावा यहां मोर्चरी भी बनाई जा रही है. इसे लेकर आयुष मंत्रालय की ओर से बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति में मरीज की मौत होने पर उसके शव को रखने के लिए मोर्चरी बनाई जा रही है. ताकि इसमें शव को तब तक रखा जा सके जब तक कि उसके परिजन कागजी कार्रवाई करके उसे ले न जाएं.


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