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Home Tips: इस तरीके से करें असली-नकली दालचीनी की पहचान

Sanjna Verma
28 Aug 2024 10:19 AM GMT
Home Tips: इस तरीके से करें असली-नकली दालचीनी की पहचान
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Home Tips होम टिप्स: साबुत मसालों की बातें दालचीनी के बिना अधूरी हैं। यह एक सुगंधित मसाला है,जिसका प्रयोग हम सब खाने में सुगंध और स्वाद लाने के लिए करते हैं। मैं जब भी प्लेन चावल बनाती हूं, तो उसमें दालचीनी का एक टुकड़ा जरूर डाल देती हूं। चावल पकने के बाद उसको निकाल कर फेंक देती हूं। चावल से बहुत अच्छी खुशबू आने लगती है। पर, दालचीनी का इस्तेमाल करते वक्त मौमस का ध्यान जरूर रखना चाहिए। गर्मी में इसका इस्तेमाल कम करना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। वहीं, ठंड में इसके इस्तेमाल से कम तापमान से सुरक्षा मिलेगी।
दालचीनी का प्रयोग आमतौर पर खुशबू यानी खाने में सुगंध और स्वाद लाने के लिए किया जाता है। इसकी खुशबू बहुत ही बेहतरीन होती है। इसके अलावा यह हमारे शारीरिक सेहत के लिए भी अच्छी है क्योंकि यह एक प्राकृतिक Sweetener है। मार्केट में दो प्रकार की दालचीनी उपलब्ध है: सिलोन दालचीनी और कैसिया दालचीनी। दोनों की खुशबू अच्छी है, पर प्रयोग अलग-अलग तरीके से ही किया जाए तो अच्छा है। मैं दोनों प्रकार की ही दालचीनी का इस्तेमाल करती हूं। एक छड़ की तरह दिखती है, तो दूसरी गोल सिगार की तरह से। सिलोन वाली दालचीनी जिसे सच्ची दालचीनी कहते हैं, स्वाद में हल्की मीठी होती है। यह मुख्य रूप से श्रीलंका से आती है। कैसिया दालचीनी मार्केट में आसानी से उपलब्ध होती है। इसका स्वाद थोड़ा तीखा होता है। कुछ नकली दालचीनी भी मार्केट में उपलब्ध है, इसलिए इसको ध्यान से चुनना जरूरी है।
ऐसे करें इस्तेमाल
जब भी वेजिटेबल दलिया बनाती हूं, तो सर्व करते समय उस पर थोड़ा-सा दालचीनी पाउडर बुरक देते हूं। कभी-कभी दलिया में तड़का लगाकर पकाते समय एक छोटा टुकड़ा दालचीनी का डाल देती हूं। दलिया का स्वाद कई गुना बेहतर हो जाता है।
चाय का पानी उबालते समय थोड़ा-सा दालचीनी पाउडर डाल देने से चाय में खुशबू आने लगती है। इसके अलावा मैं कहवा बनाते समय हरी चाय की पत्तियों के साथ दालचीनी, इलायची और केसर डालती हूं ।
खीर, पुडिंग और मिठाई आदि में भी मैं दालचीनी का पाउडर डालती हूं।
सिनेमन एप्पल केक के स्वाद का तो कहना ही क्या! इसके अलावा कई अन्य बेकरी आइटम में भी दालचीनी डालती ही हूं।
गोभी, लौकी, आलू आदि का स्ट्यू बनाते समय खड़े मसालों के साथ दालचीनी की स्टिक भी अवश्य डालती हूं।
सफेद ग्रेवी वाले पनीर बनाऊं या फिर शाही पनीर या हांडी खिचड़ी, इन सबमें मैं दालचीनी का टुकड़ा जरूर डालती हूं।
बिरयानी पुलाव आदि बनाते समय भी दालचीनी का इस्तेमाल करती हूं।
फलों के सलाद के ऊपर शहद, नीबू का रस और दालचीनी पाउडर मिलाकर डाल दें। सलाद को एक अलग स्वाद मिल जाता है।
मेरा मानना है कि कोई भी ऐसा व्यजंन जिसे पकने में वक्त लगता है, उसमें दालचीनी जरूर डालें। दालचीनी धीरे-धीरे अपना स्वाद छोड़ती है। साथ ही डिश को परोसने से पहले दालचीनी के टुकड़े को निकालकर फेंक दें।
कैसे पहचानें असली दालचीनी?
1 यदि दालचीनी बहुत ही सस्ते दामों पर मिले, तो समझना चाहिए कि वह नकली है। इसमें खुशबू भी बहुत ही कम या न के बराबर पाई जाती है।
2 तकनीकी रूप से कैसिया और सिलोन दालचीनी का उपयोग किया जाता है, लेकिन सिलोन दालचीनी मादक, मीठी और मसालेदार होती है, जबकि Cassia वाली छड़ तीखी।
3 सिलोन वाली दालचीनी नरम छाल वाली होती है, कैसिया वाली सख्त।
4 असली दालचीनी का स्वाद चखने पर मीठा होता है। साथ ही इसका रंग हल्का होता है।
5 असली दालचीनी की छाल ऊपर से काफी चिकनी होती है, जबकि नकली दालचीनी ऊपर से खुरदरी होने के साथ-साथ अंदर से खोखली भी होती है।
6 एक गिलास पानी में सच्ची सिलोन वाली दालचीनी भिगोएं और दूसरे में अन्य। सच्ची दालचीनी का रंग पानी में हल्का आएगा, जबकि नकली वाली का गाढ़ा मटमैला सा।
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