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लाइफ स्टाइल
Home Tips: जाने हल्दी स्टोर कर करने का सही तरीका, चलेगा लबे समय तक
Sanjna Verma
27 July 2024 1:03 PM GMT
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होम टिप्स Home Tips: आप क्या बिना हल्दी के भारतीय खानपान की कल्पना कर सकती हैं? नहीं ना! बचपन से ही हमारा परिचय हल्दी से शुरू हो जाता है। जुकाम होने पर दूध वाली हल्दी तो चोट लगने पर हल्दी का लेप लगाना भारतीय घरों में आम बात है। इसके साथ दाल, सब्जी से लेकर अचार तक में इसका भरपूर इस्तेमाल तो होता ही है। हल्दी खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ उसे खूबसूरत सा रंग भी देती है। इसके शानदार पीले रंग के कारण इसे भारत का केसर भी कहा जाता है। दोनों प्रकार के भोजन में यानी शाकाहारी और मांसाहारी में इसका प्रयोग होता है।
भारतीय मसालदान की कल्पना हल्दी के बिना नहीं की जा सकती। यह एक ऐसा मसाला है, जिसका उपयोग सिर्फ भोजन पकाने में ही नहीं बल्कि Indian परंपरा में घर के हर शुभ काम में होता है। हल्दी पर लगातार हो रहे शोधों से यह बात सामने आ रही है कि यह एक सुपर फूड है। सुपर फूड शब्द ऐसे भोजन को वर्णित करता है, जिसमें पोषण संबंधी बहुत सारे लाभ होते हैं। कहा जाता है कि हल्दी में 300 से भी ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं।
तरह-तरह की हल्दी
हल्दी के वैसे तो कई प्रकार होते हैं, परंतु मुख्य रूप से तीन तरह की ही हल्दी अधिक जानी जाती है। अंबा हल्दी जिसे मैंगो अदरक के नाम से भी जाना जाता है, एक आयुर्वेदिक मसाला है। हल्दी का एक और प्रकार करकुमा लोंगा है, जिसे भारतीय खानपान में इस्तेमाल किया जाता है। तीसरे प्रकार की हल्दी कच्ची हल्दी होती है, जो सर्दियों में ज्यादा प्रयोग में लाई जाती है। इसकी तासीर काफी गर्म होती है।
ऐसे करें इस्तेमाल
सभी प्रकार की दालों को मैं धोकर भिगोकर नमक के साथ हल्दी पाउडर व चुटकी भर काली मिर्च पाउडर डालकर पकाती हूं। ऐसा करने से दाल हल्दी को अच्छी तरह से अवशोषित कर लेती है।
सूखी सब्जियों में तेल गर्म होने पर हींग, जीरे या मेथी दाने के साथ थोड़ी-सी हल्दी भी डालें। इससे सब्जी का रंग अच्छा आता है। पर, हरी पत्तेदार सब्जियों में हल्दी पाउडर चुटकी भर ही डालें। ऐसा करने से हरी सब्जियों में हरे रंग के साथ कालापन नहीं आएगा।
सर्दी-जुकाम होने पर सर्दियों में कच्ची हल्दी कद्दूकस करके दूध में डालकर उबालें। साथ ही कद्दूकस किया अदरक, चुटकी भर इलायची पाउडर डालें। दूध मीठा पीना है, तो उसी दूध में थोड़ी-सी मिश्री डालकर पांच मिनट उबालें और फिर छानकर पिएं। सर्दी-जुकाम में बहुत लाभ होगा। अगर कच्ची हल्दी उपलब्ध नहीं है, तो हल्दी पाउडर का इस्तेमाल करें।
अगर घर में केसर उपलब्ध नहीं है, तो खीर बनाते समय या बर्फी बनाते समय थोड़े से देसी घी में हल्दी भून कर मिला दें। सुंदर पीला रंग आ जाएगा।
गोल्डन टी और गोल्डर्न ंड्रक तो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। काली चाय में चुटकी भर हल्दी powder डाल दें, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चाय तैयार हो जाएगी। इसी तरह गर्म पानी में 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर, थोड़ा सा नीबू का रस व शहद मिलाकर पिएं। यह डिटॉक्स ड्रिंक शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देगा।
मार्च-अप्रैल के महीने में कच्ची हल्दी को कद्दूकस करके उसमें थोड़ी-सा कच्चा आम और नमक आदि मिलाकर आप स्वादिष्ट अचार बना सकती हैं।
यह है स्टोरेज का तरीका
हल्दी पाउडर को किसी ठंडी, अंधेरी व साफ जगह पर रखें। जरूरत के अनुसार थोड़ी मात्रा में बाहर निकालें और बची हुई हल्दी को फ्रिज में रखें।
यदि आपने हल्दी को पिसवाकर स्टोर किया है, तो एक साल बाद उसके स्वाद व रंगत में बदलाव आने लगेगा। बेहतर होगा कि कम-कम मात्रा में ही हल्दी का पाउडर तैयार करवाया जाए।
सेहत का रखवाला
1 यह सूजन और घाव को कम करने में सहायक है। हल्दी पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने में सहायक है। यह पेचिश,कब्ज, पेट में ऐंठन जैसी परेशानियों में रामबाण है।
2 चोट और मोच में हल्दी का लेप लगाया जाता है। यह जोड़ों के दर्द में भी राहत दिलाता है। इसको लगाने से सूजन कम हो जाती है।
3 माइग्रेन होने पर हल्दी को पानी में मिलाकर पीने से तुरंत राहत मिल जाती है। हल्दी में एंटी इंμलामेट्री गुण पाए जाते हैं।
4 कच्ची हल्दी वजन कम करने में भी सहायक होती है। इसको पानी में मिलाकर पीने से फैट बर्न होता है।
5 यह मधुमेह के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है और कैंसर से लड़ने में भी मदद करती है।
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