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खांसी कोई स्वतंत्र रोग नहीं, बल्कि दूसरे रोगों के कारण उत्पन्न होने वाली विकृति है। ऋतु परिवर्तन के समय प्रकृति विरुद्ध भोजन करने, अधिक शीतल पेय और खाद्य पदार्थों का सेवन करने से खांसी की उत्पत्ति होती है। तेल-मिर्च युक्त चीजें खाने व शीतल जल पी लेने से भी प्राय: खांसी हो जाती है। लक्षण खांसी का दौरा किसी समय भी प्रारंभ हो सकता है। कुछ खाते-पीते समय श्वास मार्ग अवरुद्ध होने पर तीव्र रूप में खांसी शुरू होती है। खांसते-खांसते रोगी परेशान हो जाता है जब तक बलगम (कफ) न निकले खांसी चलती रहती है। चेहरा लाल हो जाता है। खांसने से पेट में दर्द भी होने लगता है।
खांसी के प्रकार सूखी व तर खांसी सोंठ, पीपलामूल, पीपल, बहेड़ा की छाल बराबर-बराबर लेकर चूर्ण बना लें फिर शहद में मिलाकर चटाएं।कफ की खांसी अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटें। अगर कफ गिरता हो तो एक छुहारे की गुठली निकालकर उसमें 3 लौंग, 3 काली मिर्च भरकर अरण्ड के पत्ते में लपेटकर आग में जलाएं, फिर उसकी राख शहद में मिलाकर चाटें। हिचकी की दवा बकरी के दूध में सोंठ मिलाकर पिलाएं या आम के पत्ते हुक्के में रखकर पिलाएं या शहद चटाएं।
खांसी-हिचकी की दवा काली मिर्च, अजवायन, सोंठ, कांकड़ासिंगी, पीपल, पोहकर, मूल जायफल- इन सबको बराबर-बराबर लेकर कूट-छानकर शहद में चटाएं या काली मिर्च को चूर्ण बनाकर उसमें उतनी ही मिश्री मिलाकर 2 रत्ती शहद में मिलाकर चाटें। सांस की खांसी तालिस पत्र 1 तोला, छोटी इलायची 1 तोला, काली मिर्च 2 तोला, सोंठ 2 तोला, तेजपत्र 2 तोला, वंशलोचन 4 तोला, नीले रंग का पीपल 4 तोला, मिश्री 1 छटांक- इन सबको बारीक पीसकर घी या मक्खन के साथ खाएं। खांसी या पसली का दर्छो टी इलायची 9 माशे, वंशलोचन, 2 तोला, तेजपत्र 3 माशे, पीपल 1 तोला, मिश्री 4 तोला इन सबको पीसकर शहद में मिलाकर चटाएं और तारपीन का तेल तथा कपूर का तेल मिलाकर छाती की मालिश करें। अवश्य फायदा होगा।
बच्चों के लिए खांसी की दवा छोटी पीपल का बारीक चूर्ण शहद में मिलाकर चटाने से बालकों के ज्वर, तिल्ली, अफारा, हिचकी बन्द हो जाती है। घरेलू चिकित्सा अदरक का रस 5 ग्राम, 3 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से बहुत लाभ होता है। काली मिर्च का चूर्ण 3 ग्राम, सोंठ का चूर्ण 3 ग्राम के साथ शहद मिलाकर चाटने से खांसी खत्म होती है। दो ग्राम हल्दी के चूर्ण में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर, मुंह में डालकर ऊपर से हल्का गर्म जल पीने से खांसी का प्रकोप नष्ट होता है। सितोपलादि चूर्ण 3 ग्राम रस में मिश्री मिलाकर चाटकर खाने से खांसी नष्ट होती है।
तुलसी के पत्ते के 3 ग्राम रस में मिश्री मिलाकर, चाटकर खाने से खांसी का प्रकोप शांत होता है। आक के फूलों की लौंग निकालकर सेंधा नमक और पीपल मिलाकर, बारीक पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। गोलियों को छाया में सुखाकर शीशी में भरकर रखें। इन गोलियों को चूसने से खांसी नष्ट होती है। बच्चों को खांसी होने पर उनके वक्ष स्थल और पीठ पर कपूर को तेल में मिलाकर मालिश करने से खांसी का प्रकोप शांत होता है। चित्रक की जड़ का बारीक चूर्ण बनाकर 1 ग्राम चूर्ण सुबह, 1 ग्राम चूर्ण शाम को शहद के साथ चाटने से खांसी का वेग कम होता है। छोटी कटेरी के फूलों और केसर को 2 ग्राम मात्रा में पीसकर शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी का प्रकोप शांत होता है।
बहुत खांसने पर भी कफ नहीं निकल पा रहा हो तो छोटी कटोरी की जड़ को छाया में सुखाकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। 1 ग्राम तैयार चूर्ण में पीपल का चूर्ण 1 ग्राम मिलाकर थोड़ा सा शहद मिलाकर दो-तीन बार चाटने से कफ सरलता से निकल जाता है। द्रोणपुष्पी के 3 ग्राम रस में बहेड़े के छिलके का चूर्ण (3 ग्राम) मिलाकर सेवन करने से खांसी का प्रकोप नष्ट होता है। क्षय रोग में खांसी का प्रकोप होने पर केले के तने का रस 20 ग्राम मात्रा में दूध में मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है। दिन में तीन-चार बार इस्तेमाल करने से रक्त मिश्रित कफ में लाभ होता है। तेजपात की छाल और पीपल को बराबर मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर 3 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से लाभ होता है। पुष्कर की जड़ को सुखाकर बनाया चूर्ण, कपूर व आंवले का चूर्ण 10-10 ग्राम मिलाकर, उसमें से 3 ग्राम चूर्ण शहद के साथ मिलाकर दो-तीन बार चाटने से खांसी का प्रकोप शांत होता है।
गूलर के फूल, काली मिर्च और आक की कोमल कली को बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। 5 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से खांसी में बहुत लाभ होता है। दिन में दो-तीन बार इसका सेवन कर सकते हैं। बेलगिरि को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें। 50 ग्राम चूर्ण में मिश्री का चूर्ण 50 ग्राम और वंशलोचन 10 ग्राम मिलाकर रखें। 3 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन-चार बार चाटकर खाने से खांसी में बहुत लाभ होता है। तुलसी की मंजरी, सोंठ, प्याज का रस सभी बराबर मात्रा में लेकर पीसकर शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी का दौरा शांत होता है। पान के 3 ग्राम रस को मधु के साथ चाटकर खाने से खांसी नष्ट होती है। तुलसी के पत्तों का रस 3 ग्राम, अडूसा के पत्तों का रस मिलाकर बच्चों को चटाने से खांसी का प्रकोप शांत होता है। कुलिंयन के 2 ग्राम चूर्ण को अदरक के 3 ग्राम रस में मिलाकर मधु के साथ चटाने से खांसी का प्रकोप नष्ट होता है।
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Sanjna Verma
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