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अक्सर होली खेलते समय लोग घर के पालतू या बाहर घूम रहे जानवरों पर रंग भरा पानी या गुब्बारे फेंकते हैं।
हर तरफ इन दिनों होली की धूम मची हुई है। हर कोई इस त्योहार की तैयारियों में लगा हुआ है। होली हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है, जिसे हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस साल होली 8 मार्च को सेलिब्रेट हो रही है। रंगों का यह त्योहार अपने साथ खुशी और आनंद ले कर आता है। देश और दुनिया में लोग अलग-अलग अंदाज में इस त्योहार का जश्न मनाते हैं। लेकिन कई बार हमारी लापरवाही कई लोगों पर भारी पड़ जाती है। खासकर उन बेजुबान जानवरों के लिए, जिन्हें हमारी लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
दरअसल, होली के दिन कई लोग मस्ती या अपने मजे के लिए अपने पालतू जानवरों या आसपास घूम रहे जानवरों को रंग लगा देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने मजे के लिए की गई आपकी यह हरकत उन बेजुबानों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। अगर आप भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं, तो आज हम आपको बताएंगे कि होली के रंगों का जानवरों पर किस तरह से बुरा प्रभाव पड़ता है।
गंभीर बीमारियों का खतरा
आपने अक्सर देखा होगा कि जानवर अपने शरीर को साफ रखने के लिए अपनी जुबान का इस्तेमाल करते हैं। वह अक्सर खुद को चाटकर अपना शरीर साफ करते हैं। ऐसे में अगर आप उनके शरीर पर रंग डालते हैं, तो वह इसे साफ करने के लिए भी अपनी जुबान का सहारा लेते हैं। ऐसे में केमिकल युक्त इन रंगों के शरीर के अंदर जाने से जानवरों को पेट और आंत संबंधी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
स्किन एलर्जी का खतरा
होली के लिए इस्तेमाल होने वाले रंगों में आमतौर पर लीड ऑक्साइड, एल्यूमिनियम ब्रोमाइड, मरकरी सल्फेट और कॉपर सल्फेट जैसे केमिकल पाए जाते हैं। ऐसे में शरीर पर इन रंगों के लगने से न सिर्फ इंसानों, बल्कि जानवरों की त्वचा को भी काफी नुकसान पहुंचता है। अगर आप जानवरों को रंग लगाते हैं, तो इससे उन्हें स्किन एलर्जी, त्वचा में जलन और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अंधे हो सकते हैं जानवर
अक्सर होली खेलते समय लोग घर के पालतू या बाहर घूम रहे जानवरों पर रंग भरा पानी या गुब्बारे फेंकते हैं। साथ ही कई लोग उन पर गुलाल भी डाल देते हैं। ऐसे में इन रंगों से बचने की कोशिश में कई बार यह केमिकल वाले रंग उनकी आंखों में चले जाते हैं, जिसकी वजह से जानवरों की आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
सांस लेने में होती है दिक्कत
गीला या सूखा जानवरों के लिए दोनों ही तरह के रंग खतरनाक साबित हो सकते हैं। अगर आप जानवरों पर रंग डाल रहे हैं, तो यह उनकी नाक और श्वसन नली में जा सकते हैं, जिसकी वजह से न सिर्फ उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, बल्कि कई बार वह पागल तक हो जाते हैं।
जानलेवा साबित हो सकता है रंग
जैसाकि ऊपर बताया गया कि अपने शरीर को साफ करने के लिए जानवर जीभ का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में रंग को साफ करने के लिए जब वह खुद को जीभ से चाटते हैं, तो इसकी वजह से रसायन युक्त यह केमिकल उनके शरीर में चला जाता है। शरीर में गया यह रंग जानवरों के लिए धीमे जहर का काम करता है और उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। तो इस होली कोशिश करें कि आप यह त्योहार सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि मासूम जानवरों के लिए भी सुरक्षित बनाए।
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Apurva Srivastav
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